भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य हनुमा विहारी एक शानदार बल्लेबाज है। उनकी बल्लेबाजी करने की टेकनिक के कई कायल है। अपनी मेहनत और लगन के दम पर हनुमा विहारी ने भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाई है। उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में बेहतरीन खेल दिखाया है। हालांकि यहां तक पहुंचने के लिए हनुमा विहारी और उनके परिवार ने काफी संघर्ष किया है। तो चलिए आज हम जानते है कि हनुमा विहारी के इंटरनेशनल क्रिकेटर बनने की कहानी।
हनुमा विहारी जीवनी
हनुमा विहारी का जन्म 13 अक्टूबर 1993 को आंध्र प्रदेश के काकीनाडा में हुआ था। हनुमा विहारी के पिता का नाम सत्यनारायण है। हनुमा विहारी की माता का नाम विजयलक्ष्मी है। हनुमा की बड़ी बहन का नाम वैष्णवी है।
क्रिकेट के लिए पिता ने छोड़ा परिवार
हनुमा के पिता सत्यनारायण पेशे से इंजीनियर थे और तेलंगाना की सिंगरेनी कोल फील्ड में नौकरी थे। हनुमा ने सिंगरेनी के स्टाफ कॉलोनी में क्रिकेट खेलने की शुरुआत की। उनके चाचा ने हनुमा को क्रिकेट के शुरूआती गुर सिखाए। वहीं हनुमा की मां भी उन्हें अक्सर वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ के किस्से सुनाती थी। इससे हनुमा का क्रिकेट के प्रति रुझान बढ़ता गया। हनुमा को बेहतर क्रिकेटर बनाया जा सके, इसके लिए उनके चाचा ने हनुमा को ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद भेजने के लिए कहा। हनुमा के पिता भी इसके लिए राजी हो गए और उन्होंने हनुमा को महज आठ साल की उम्र में ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद भेजा। यहीं नहीं हनुमा को कोई दिक्कत नहीं हो इसके लिए खुद अकेले रहने का फैसला किया और हनुमा की मां व बहन को भी उनके साथ हैदराबाद भेजा। हालांकि जब हनुमा मात्र 12 साल के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया था।
हटन क्रिकेट क्लब की तरफ से लगाए 6 शतक
हैदराबाद बाद जाने के लिए हनुमा ने कोच आर श्रीधर से क्रिकेट के गुर सीखे। आर श्रीधर के नेतृत्व में हनुमा का क्रिकेट करियर ऊँचाइयों की तरफ बढ़ने लगा। पहले उन्होंने अपने स्कूल की तरफ से अंडर 13 टीम के लिए क्रिकेट खेला। फिर हैदराबाद के लिए अंडर 19 खेले। हनुमा जब 16 वर्ष के थे, तब उन्होंने 2009 में हैदराबाद के लिए घरेलू क्रिकेट में पदार्पण किया। इसके अलावा हनुमा साल 2012 में अंडर-19 वर्ल्डकप जीतने वाली टीम का भी हिस्सा रहे। इसके बाद साल 2014-15 में हनुमा ने इंग्लैंड के हटन क्रिकेट क्लब की तरफ से खेलते हुए 6 शतक लगाए।
साल 2013 में मिली आईपीएल में जगह
हनुमा को सबसे पहले साल 2013 में आईपीएल में खेलने का मौका मिला। उन्हें आईपीएल के 6वें सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद ने अपनी टीम में शामिल किया। वह 2015 तक सनराइजर्स हैदराबाद की टीम में बने रहे। हनुमा ने 2017-18 के रणजी सत्र के छह मैचों में 94 की औसत से 752 रन बनाए। वह टूर्नामेंट में सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। डोमेस्टिक क्रिकेट में हनुमा ने जबरदस्त खेल दिखाया है। हनुमा ने फर्स्ट क्लास की 117 इनिंग्स में 59.30 के एवरेज से 6108 रन बनाए है। ये डोमेस्टिक क्रिकेट में फिलहाल खेल रहे क्रिकेटर्स में बेस्ट एवरेज है। दूसरे नंबर पर स्टीव स्मिथ हैं जिनका 57.27 का एवरेज रहा है।
अंतराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत
हनुमा विहारी को साल 2018 में इंग्लैंड गई भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल किया गया। हनुमा को सीरीज के पांचवें मैच में खेलने का मौका मिला। इस मैच में हनुमा ने 56 रनों की पारी खेली। इसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलते हुए हनुमा विहारी ने पहले टेस्ट में ही 32 और 93 रन की पारी खेली। इसके बाद उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ एक शतक और एक अर्धशतक भी लगाया।