बॉलीवुड की बेहतरीन अभिनेत्री फिर भी आम महिला की तरह जया बच्चन!

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बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेत्री और राज्यसभा सदस्य जया बच्चन मनोरंजन-जगत की आदरणीय अभिनेत्रियों में गिनी जाती हैं। जया का जन्म 9 अप्रैल 1948 को जबलपुर में हुआ था। जया ने फिल्मों की और उस वक्त कदम बडाये जब शर्मिला टैगोर, मुमताज और हेमा मालिनी जैसी अभिनेत्रियां दर्शकों के दिलों में खास जगह बना चुकी थीं। उसके बाद भी जया अपने मासूम और भोले-भाले चेहरे की बदौलत दर्शकों के मन में खास मुकाम बना लिया। जया की सादगी , सीधापन और भोले से चेहरे ने सभी का ध्यान जया की तरफ मोड़ दिया और उनके सभी दीवाने हो गए।

इनके पिता एक पत्रकार थे उनका नाम तरुण कुमार भादुड़ी था जिनकी 3 बिटिया थी उनमे से सबसे बड़ी बेटी थी जया। तरुण कुमार का वास्तविक नाम सुधांशु भूषण था।तरुण ने 1944 में पटना की इंदिरा गोस्वामी से विवाह किया था। उनकी बेटी जया का जन्म जबलपुर में 9 अप्रैल, 1950 को हुआ। जया की दो छोटी बहनें हैं- नीता और रीता भादुड़ी।

जया बचपन से ही जिद्दी स्वभाव की थीं। उन्हें जो चाहिए, वह हासिल करके छोड़ती थीं। जया ने भोपाल के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट में पढ़ाई की। खेलकूद में उनकी विशेष रुचि थी। सन् 1966 में उन्हें प्रधानमंत्री के हाथों एनसीसी की बेस्ट कैडेट का तमगा मिला था। उन्होंने छह साल तक ‘भरतनाट्यम’ का प्रशिक्षण भी लिया था। वह अभिनेता दिलीप कुमार की बड़ी प्रशंसक रही हैं।

हायर सेकेंडरी पास करने के बाद, जया ने पुणे के फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया था, लेकिन इससे पहले वह सत्यजित रे की बांग्ला फिल्म ‘महानगर’ में काम कर चुकी थीं। फिल्म निर्माता-निर्देशक तपन सिन्हा, जया के पिता तरुण कुमार के अच्छे दोस्त थे।

जानेमाने निर्देशक हृषिकेश मुखर्जी ने जया और अमिताभ का परिचय अपनी फिल्म ‘गुड्डी’ के सेट पर कराया था। वे दोनों हालांकि इससे पहले पुणे के फिल्म इंस्टीट्यूट में मिल चुके थे। फिल्म ‘अभिमान’ में साथ काम करने के बाद अमिताभ और जया ने जिंदगी भर साथ निभाने का फैसला ले किया। फिल्म ‘शोले’ की कामयाबी के बाद 3 जून, 1973 को दोनों बंगाली रीति-रिवाज से परिणय-सूत्र में बंध गए।

पहली नज़र में ही करने लगी थी प्यार

जया कहती हैं, “मैंने पहली बार अमित जी को इंस्टीट्यूट में देखा और पसंद करने लगी। मेरे दोस्तों ने कहा कि अमित तो एक स्टिक (छड़ी) की तरह लगते हैं। वो काफी दुबले-पतले थे, मगर उनकी आंखें काफी बड़ी-बड़ी थीं। मुझे याद है कि अमित को छड़ी कहने पर मैं अपनी सहेलियों से काफी लड़ी थी और कहा था कि वो सबसे अलग हैं.. काफी अलग।”उन्होंने मुस्कराते हुए आगे कहा, “शायद ये पहली नजर का प्यार था। उसके बाद की मुलाकात, कई और मुलाकातों में बदल गई।” फिल्म ‘चुपके-चुपके’, ‘गुड्डी’, ‘बावर्ची’, ‘सिलसिला’, ‘अभिमान’, ‘मिली’, ‘कभी खुशी कभी गम’ में दमदार अभिनय से दोनों ने अपने सिक्के जमा लिए। जया भादुड़ी ने अमिताभ के साथ आठ फिल्में कीं और सभी हिट रहीं। और अमिताभ-जया बच्चन जिंदगी की राह में 39 वर्षो से हमसफर हैं।

जया बच्चन ने अपना पत्नी धर्म भी बखूबी निभाया। शादी के बाद उन्होंने फिल्मों में काम करना बंद कर दिया। उन्होंने बेटी श्वेता और बेटे अभिषेक को जन्म दिया और दोनों की परवरिश में कोई कमी नहीं छोड़ी। अमिताभ-जया बेटे और बेटी में कोई फर्क नहीं समझते। जया ने बच्चों के साथ पति के करियर को भी अच्छी तरह संभाला।जया बच्चन को उनके बेमिसाल अभिनय के लिए तीन बार ‘फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस’ का अवार्ड और तीन बार ‘बेस्ट सपोर्टिग एक्ट्रेस’ का पुरस्कार मिला है। वर्ष 2007 में जया बच्चन को ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से भी नवाजा गया था।जया का राजनीतिक करियर भी उपलब्धियों से भरा है। इस समय वह देश की संसद के उच्च सदन में समाजवादी पार्टी (सपा) की तरफ से प्रतिनिधित्व कर रही हैं।

किया बदलाव रेखा और अमिताभ की जिंदगी में

जया बच्चन आज अपना 70वां जन्मदिन मना रही हैं। जया का जन्म आज ही के दिन जबलपुर में 1948 में हुआ था। जया के साथ ही अमिताभ बच्चन का नाम भी जुड़ा है जब भी उनकी बात होती है तो अमिताभ का नाम भी जहन में आ ही जाता है। आज हम अमिताभ के प्रति जया के प्यार और अपने परिवार को टूटने से बचाने की कहानी को बयां करने जा रहे हैं। की किस तरह उन्होंने अपने परिवार को टूटने से बचाया

रेखा और अमिताभ के अफेयर की बात किसी से भी छुपी नहीं है। वर्ष 1977 का दौर था जब रेखा अपनी मांग में सिंदूर लगाकर अमिताभ के साथ अपने रिश्ते को सबके सामने बताया करती थीं वहीं दूसरी तरफ जया हमेशा से ही काफी शांत स्वभाव की रही हैं वह ऐसे वक्त में भी बस कोशिश कर रही थीं कि किसी भी तरह उनकी घर टूटने से बच जाए।

इसके बाद एक बार जया ने रेखा को फोन किया उस वक्त अमिताभ मुंबई से बाहर गए हुए थे। तब रेखा को लगा कि जया ने उन्हें खूब फटकार लगाने के लिए फोन किया है। लेकिन जया ने ऐसा कुछ भी नहीं किया उन्होंने रेखा को अपने डिनर के लिए आमंत्रित किया। इनके बाद रेखा को लगने लगा कि जया ने उन्हें बेइज्जत करने के लिए अपने घर बुलाया है। इसके बावजूद भी रेखा तैयार होकर जया के घर गई, जया बिल्कुल सादे लिबास में अपने घर में उनका इंतजार कर रही थीं। उन्होंने रेखा का स्वागत किया और दोनों ने खूब बातें की लेकिन इन बातों में अमिताभ का कहीं भी नाम नहीं आया। उन्होंने रेखा को अपना पूरा घर भी दिखाया।

दोनों ने साथ में काफी अच्छा वक्त बिताया। इसके बाद जब रेखा अपने घर की ओर जाने लगीं तो जया उनसे सिर्फ एक ही बात कही जिसे सुनकर रेखा हैरान रह गई थीं। उन्होंने रेखा से कही कि, “चाहे कुछ भी हो जाए, मैं अमित को नहीं छोड़ूंगी।”

अगले दिन मीडिया में इन दोनों की इस मुलाकात के बारे में खूब बातें हुईं लेकिन दोनों में से किसी भी इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई। इसके बाद अमिताभ, रेखा और जया की जिंदगी में बड़ा बदलाव देखने को मिला। रेखा और अमिताभ ने खुद ही एक दूसरे से दूरियां बना ली थीं।

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