एक ऐसा भी दौर हुआ करता था जहाँ हमारे समाज में लडकियों को पर्द से निकलने की भी इजाज़त नहीं होती थी और एक आज का दौर है जहाँ पर लडकियों को अपने सपने पुरे करने के लिए किसी की इजाज़त की जरूरत नहीं होती है इस बदलते समय के साथ-साथ हमारा समाज भी आगे बढ़ रहा है।
जहाँ पर आज कोई भी बेटा –बेटी में फर्क नहीं करता है क्योकिं बेटियां हर क्षेत्र में बढ़-चढ़ कर अपनी सफलता को हासिल करने में बेटों से चार कदम आगे निकल रही है। जिसका एक सीधा उदाहरण आशिमा जैन है जी हाँ इस बेटी पर आज केवल उनके परिवार वाले ही नहीं बल्कि पूरा समाज और देश को गर्व है।
आशिमा जैन है टॉपर
राजस्थान की आशिमा ने 12वी की परीक्षा में 96%.40 से टॉप किया है और टॉप करने के बाद में आशिमा दिल्ली के स्टीफन ऑनर्स इकोनोमिक्स की स्टूडेंट है इनके पिता डॉ. कोमल जैन एक बिजनेसमैन तथा उनकी माँ डॉ. बिंदु जैन महारानी कॉलेज में वाइस प्रिसिपल है।
सामाजिक कार्य करना है पंसद
आशिमा समाज को काफी करीब से समझना चाहती थी और समाज के लिए कार्य करना उन्हें बहुत ही पंसद था इसी कारण से उन्होंने सामाजिक के कार्य में अपना योगदान बढ़-चढ़ कर दिया उन्होंने कई सामाजिक संगठनों में हिस्सा लिया है।
फ्रेंड्स के साथ सोशल ग्रुप बनाया
आशिमा ने कॉलेज के दिनों में अपने फ्रेंड्स के साथ 5 स्टूडेंट्स को लेकर नॉनप्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन की शुरुआत कर समाज को एक नई और सही देशा दिखाने के लिए अपनी तरफ से यह पहल की।
लोगो को जागरूक करने में योगदान
आशिमा ने दिल्ली में चल रहे कई छोटे-बड़े एनजीओ की मार्केंटिंग के साथ-साथ उनकी पब्लिसिटी करते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगो को समाज के लिए जागरूक करने में अपना योगदान दिया है और इस लिए अपने दोस्तों के साथ मिल कर उन्होंने सेफ सिटी कैम्पेन चला कर शहर के हर क्षेत्र को निकटता से निहारा और वहां की परेशानियों और कमियों को परखते हुए लोगो की परेशानियों को दूर करने के लिए कई काम किए है।
अहम् मुद्दों को फ़ाइल में नोट किया
जैसे अंधेरी गलियों में स्ट्रीट लाइट और कैमरा लगाने आदि को अपनी फ़ाइल में नोट किया और जिस क्षेत्र में महिला पुलिसकर्मी की थोड़ी कमी थी उसकी भी पूरी लिस्ट बनाई और दिल्ली पुलिस को सौंपा।
कैंसर के प्रति जागरूक
लक्ष्यम एनजीओ के साथ मिलकर आशिमा ने समाज की महिलाओं और बच्चों के भविष्य के लिए कई काम किए है बिडफ फॉर बैटर समाज के लोगो को कैंसर के प्रति जागरूक कर इन्होने कई जानकारियाँ से अवगत किया है।
पर्यावरण के प्रति जागरूक
आशिमा ने दक्षणा एनजीओ के साथ मिलकर शहर से रद्दी पेपर इकठ्ठा किया और उसकी रिसाइक्लिंग कर आम लोगो को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया।
30 लाख का पैकेज
आशिमा कॉलेज के दिनों में एक सोशल आंत्रप्रेन्योरशिप आर्गेनाइजेशन की प्रेसिडेंट भी रह चुकी है और यही नहीं बल्कि हाल ही में आशिमा को कॉलेज के कैपस के प्लेसमेंट में मल्टीनेशनल कंपनी पार्थनन की तरफ से करीब 30 लाख का पैकेज मिला है।