Ratan Tata Biography- मैं सही फैसले नहीं लेता बल्कि अपने फैसलों को सही साबित कर देता हूँ

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Ratan Tata Biography and Success Story in Hindi –

“मैं सही फैसले लेने में विश्वास नहीं करता बल्कि फैसले लेकर उन्हें सही साबित कर देता हूं.“ यह कहना है सबसे सफल उद्योगपति, निवेशक रतन टाटा (Businessman Ratan Tata) का. जिन्होंने TATA ग्रुप की सभी प्रमुख कंपनियों को जैसे TATA स्टील, TATA मोटर्स, TATA पावर, TATA कंसल्टेंसी सर्विसेज, TATA टी, TATA केमिकल्स, इंडियन होटल्स और TATA टेली सर्विसेस को एक नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. TATA ग्रुप दुनिया का सबसे बड़ा बिजनेस ग्रुप है.

(TATA Steel, TATA Motors, TATA Power, TATA Consultancy Services, TATA Tea, TATA Chemicals, Indian Hotels and TATA Tele Services etc.)

एक बड़े बिजनेसमैन होने के साथ ही रतन टाटा (Ratan Tata Nice Human Being) एक बहुत अच्छे इंसान भी है. इस बात में कोई दोराय नहीं है कि आज रतन टाटा का नाम देश में हर कोई एक बहुत अच्छे इंसान के रूप में जानता है. वे अपने ट्रस्ट के द्वारा देश में बहुत अधिक संख्या में लोगों की सहायता भी करते हैं. यही नहीं वे हमेशा दान करने में भी सबसे आगे रहते हैं.

यह तो हम जान ही चुके हैं कि रतन टाटा कौन है ? (Who is Ratan Tata?) साथ ही आज के इस आर्टिकल में हम रतन टाटा की फैमिली (Ratan Tata Family) से लेकर उनकी सक्सेस स्टोरी (Ratan Tata success story), रतन टाटा की नेट वर्थ (Ratan Tata net worth), रतन टाटा का कारोबार (Ratan Tata business) और रतन टाटा की बायोग्राफी (Ratan Tata biography) के बारे में बात करने जा रहे हैं. तो चलिए जानते हैं रतन टाटा की जीवनी (Ratan Tata biography) करीब से. 

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Ratan Tata Biography in Hindi – 

रतन टाटा का शुरूआती जीवन : रतन टाटा का जन्म 28 दिसम्बर 1937 को (Ratan Tata date of birth and age) भारत के सूरत शहर में हुआ था. 84 साल के रतन टाटा, TATA ग्रुप के फाउंडर जमशेदजी टाटा के पोते हैं. उनके पिता का नाम नवल टाटा और मां का नाम सोनू टाटा था. उनका एक भाई है जिसका नाम जिमी टाटा है. जब रतन 10 साल के थे तब उनके माता पिता एक दूसरे से अलग हो गए. उसके बाद उनका पालन पोषण उनकी दादी नवाज बाई टाटा द्वारा किया गया. रतन टाटा का एक और सौतेला भाई भी है जिसका नाम नोएल टाटा है.

रतन टाटा की शिक्षा (Ratan Tata education) :

रतन टाटा की प्रारंभिक शिक्षा मुम्बई के कैंपियन स्कूल से हुई और माध्यमिक शिक्षा कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल में हुई. इसके बाद उन्होंने यूएसए की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में वास्तुकला में डिग्री हासिल की और यूएसए के हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया. फिर रतन टाटा ने TATA ग्रुप के साथ अपने करियर की शुरुआत की.

रतन टाटा का करियर (Ratan Tata Career) :

शुरुआती दिनों में उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर कार्य किया. इसके बाद वे TATA Group की और कंपनियों के साथ जुड़ने लगे. फिर उन्हें राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी नेल्को में प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया. उस कंपनी की उस समय बहुत बुरी परिस्थिति थी. उन्हें 40 प्रतिशत का नुकसान और दो प्रतिशत ग्राहकों के Market share खोने पड़े. लेकिन जैसे ही रतन टाटा उस कंपनी में शामिल हुए उन्होंने कंपनी का मुनाफा ज्यादा करवाया और ग्राहक Market share भी 2 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तक ले गए. उनकी इस काबिलियत को देखकर जेआरडी TATA ने रतन टाटा को अपने उद्योगों का उत्तराधिकारी घोषित किया. लेकिन उस समय ज्यादा अनुभवी नहीं होने के कारण बहुत लोगों ने रतन टाटा के TATA ग्रुप के अध्यक्ष बनने पर विरोध किया.

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लोग कहते थे कि रतन टाटा ना तो अनुभवी है ना ही वे इतने विशाल उद्योग जगत को संभालने के काबिल है लेकिन रतन टाटा की अध्यक्षता में TATA ग्रुप (TATA Group) ने कई अहम प्रोजेक्ट स्थापित किए और TATA ग्रुप ने नई ऊंचाइयों को छुआ और देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी TATA ग्रुप को एक नई पहचान मिल गई. बाद में रतन टाटा ने Passenger car के बिजनेस में हाथ आजमाने का सोचा. काफी रिसर्च और मेहनत से उन्होंने TATA इंडिका कार लॉन्च की लेकिन लोगों को ये कार कुछ खास पसंद नहीं आई और एक्सपर्ट ने इस कार में कुछ डिफेक्ट बताए. इस वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा. फिर TATA मोटर्स के टीम ने उन्हें नुकसान की पूर्ति के लिए कंपनी को बेचने का सुझाव दिया और फिर न चाहते हुए भी रतन टाटा ने अपने टीम के साथ कंपनी बेचने का फैसला किया. वे उस समय की Passenger car की बड़ी कंपनी Ford के मालिक बिल फोर्ड से मिलने यूएस गए.

रतन टाटा और उनके पार्टनर्स की मीटिंग Ford कंपनी के साथ करीब तीन घंटों तक चली. इस मीटिंग में फोर्ड कंपनी के मालिक ने रतन टाटा का मजाक उड़ाते हुए कहा कि अगर आपको पैसेंजर कार के बारे में कुछ पता ही नहीं था तो आप इस बिजनेस में आए ही क्यों? हम आपकी कंपनी खरीदकर आप पर बड़ा एहसान कर रहे हैं. उस समय रतन टाटा को काफी गहरी चोट पहुंची और वे अपने पार्टनर्स के साथ उस डील को छोड़कर वापस चले आए. बिल फोर्ड की बातों को रतन टाटा भूल नहीं पा रहे थे. उसके बाद रतन टाटा ने कंपनी किसी को भी ना बेचने का निर्णय लिया और कार को और बेहतर बनाने की कोशिश में अपनी जी जान लगा दी और आखिर में उनकी मेहनत रिसर्च और प्लानिंग के बदौलत TATA मोटर्स एक नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया जिससे उन्हें बहुत फायदा हुआ और TATA मोटर्स ने पैसेंजर कार्स की दुनिया में अपनी जगह मजबूत कर ली.

वहीं दूसरी ओर फोर्ड की कार उस समय नुकसान में जा रही थी और फोर्ड के मालिक land rover और Jaguar को बेचना चाहते थे. तब रतन टाटा ने कहा कि वो land rover और Jaguar को खरीदना चाहते हैं. तब बिल फोर्ड जो उन कंपनियों की वजह से लॉस में डूब चुके थे उन्होंने यह प्रस्ताव मंजूर किया और अपनी टीम के साथ TATA मोटर्स के मुख्यालय पर पहुंचे. मीटिंग में यह तय हुआ कि ये लैंड रोवर और जगुआर ब्रांड 9300 करोड़ में TATA ग्रुप के अधीन होगा. तब बिल फोर्ड ने कहा कि आप हम पर बहुत बड़ा अहसान कर रहे हैं. land rover और Jaguar को खरीदकर अगर रतन टाटा चाहते तो उन्हें करारा जवाब दे सकते थे. मगर वे अपनी सफलता के नशे में चूर नहीं थे. उसके बाद रतन टाटा लैंड रोवर और जगुआर को उन ऊँचाइयों पर ले गए जहां फोर्ड कंपनी पहले उन्हें नहीं ले जा पाई थी. रतन टाटा का कार में जो इंट्रेस्ट था वो हमें और भी कई रूप में देखने को मिला, जिसमें से एक रूप था TATA नैनो.

रतन टाटा का कहना था कि हर सामान्य आदमी के पास कार हो इसलिए उन्होंने लगभग एक लाख रुपये की कार मार्केट में लॉन्च की और अपना एक और वादा निभाया. रतन टाटा और TATA ग्रुप हर साल अपने पूरे साल के प्रॉफिट का 66 प्रतिशत चैरिटी में डोनेशन के रूप में दे देती है. TATA ग्रुप का 2015 में 108 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू था जिसका 66 प्रतिशत उन्होंने हमेशा की तरह डोनेट कर दिया. हिंदुस्तान में कोई भी ऐसा बिजनेसमैन नहीं है जो अपनी कमाई का 60 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा दान कर दे. रतन टाटा प्रधानमंत्री की व्यापार और उद्योग परिषद और विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मक परिषद के सदस्य हैं और कई कंपनियों के बोर्ड पर निदेशक भी हैं. भारत सरकार के द्वारा रतन टाटा को सन 2000 में पद्मभूषण और सन 2008 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान देश के तीसरे और दूसरे सर्वोच्च नागरिक का सम्मान है.

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रतन टाटा का स्वभाव (Ratan Tata Nature) बहुत शर्मीला है. वे मुम्बई के कुलाबा में एक फ्लैट में रहते हैं और उनका पुस्तकों के प्रति बहुत लगाव है. रतन टाटा उच्च आदर्शों वाले व्यक्ति हैं. वे मानते हैं कि बिजनेस का अर्थ सिर्फ प्रॉफिट कमाना नहीं बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी समझना है. रतन टाटा का हमेशा से यह मानना था कि जीवन में आगे बढ़ते रहने के लिए चढ़ाव-उतार का बड़ा ही महत्व है. यहां तक कि ईसीजी में भी सीधी लकीर का अर्थ मृत माना जाता है.

रतन टाटा की नेट वर्थ : (Ratan Tata Net Worth) :

यह बात तो हम सभी जान ही चुके हैं रतन टाटा के पास बिज़नस और मनी दोनों की ही कही नहीं है. वे इसके साथ ही दान करने के मामले में भी काफी आगे हैं. रतन टाटा की कमाई का आंकलन लगाना भी मुश्किल है. वहीं एक रिपोर्ट से यह बात सामने आती है रतन टाटा की नेट वर्थ करीब 1 बिलियन डॉलर है.

रतन टाटा के इंस्पिरेशन कोट्स : (Ratan Tata Inspiration Quotes) :

अगर आप भी रतन टाटा जी के इंस्पिरेशन कोट्स जानते हैं तो नीचे जरूर कमेंट कीजिए ताकि और भी लोग उसे पढ़कर इंस्पायर हो सके. महान लोगों की जीवनी आप तक पहुंचाने का यह एक छोटा सा प्रयास है.

आपको बिजनेसमैन रतन टाटा की बायोग्राफी (Ratan TATA Biography) कैसी लगी ? हमें कमेंट्स के माध्यम से जरुर बताएं.

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