मेट्रो एक बहुत ज्यादा सुविधा जनक और सुरक्षित रेल है जिसमे सबसे अधिक महिलाओं का ध्यान रखा जाता है लेकिन मेट्रो को चलाने में महिलाओं की सहभागिता बेहद कम होती है इस लिए सभी भारतीय शहरों में करीब 3% से भी कम महिलाओं को रेल चालाक की नौकरी दी जाती है लेकिन देश में ऐसा पहली बार हुआ था जब मेट्रो रेल को चलाने की शुरुआत महिलाओं ने की थी जी हाँ लखनऊ मेट्रो के चालाक में पहली बार महिलाओं ने मेट्रो रेल चलाई थी जिनका नाम था प्रतिभा और प्राची।
लखनऊ मेट्रो रेल :-
लखनऊ शहर में 1 दिसंबर 2016 में महिला चालकों द्वारा मेट्रो रेल की शुरुआत की गई लखनऊ मेट्रो रेल कोरपोरेशन एलएमआरसी के द्वारा महिलाओं को रेल क्षेत्र में अभिप्रेरित करने के लिए किया गया था जहाँ लखनऊ में मेट्रो रेल शुरू होने के बाद में सड़कों पर यातायात काफी कम होगया है लखनऊ की मेट्रो रेल 2 साल 2 महीने में बनकर तैयार हुई है इस लिए अन्य देशो से लखनऊ मेट्रो सबसे कम समय में बनकर तैयार होने वाली मेट्रो रेल है।
मेट्रो को बनने में खर्च :-
मेट्रो के इजीनियर के अनुसार मेट्रो में साढ़े 8 किमी के ट्रैक पर लगभग 2 हजार करोड़ रूपए खर्च हुए जिसमे करीब 650 करोड़ रूपए सिविल वर्क में खर्च किए गए लखनऊ मेट्रो को बनने में 4 हजार मजदुर 790 दिन और 2 करोड़ 53 लाख 16 हजार रूपए का रोजाना खर्च लगा है।
प्रतिभा और प्राची :-
लखनऊ मेट्रो के पायलट रन में प्रतिभा शर्मा और प्राची शर्मा ने रेल दौड़ाई थी यह दोनों की महिलाएं इलाहबाद की रहने वाली है प्रतिभा ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में इंजिनीयरिंग की है और प्राची ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा की पढाई की है।
ट्रेन ऑपरेटर के आवेदन:-
प्रतिभा और प्राची दोनों ने ही स्टेशन कंट्रोलर के तौर पर उस टाइम एलएमआरसी में काम करना शुरू किया था जब एलएमआरसी में ट्रेन ऑपरेटर के 97 पद के लिए आवेदन मांगे थे जिसमे करीब 3,827 महिलाओं ने आवेदन किया था इस लिए लखनऊ मेट्रो के अधिकारियों ने लखनऊ मेट्रो रेल की लॉन्चिंग वाले दिन ही दो महिला पायलटों को रेल चलाने की जिम्मेदारी दी।
मेट्रो चलाने के लिए उत्साहित :-
श्री कुमार केशव ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया है की पहली बार हमने मुख्यमंत्री और आम लोगो के सामने मेट्रो चलाने के लिए दो महिला चालको को चुना यह महिला ड्राइवर आत्मविश्वास से भरी है और मेट्रो चलाने के लिए इतनी उत्साहित थी की इनकी परिक्षण के दिन भी मेट्रो चलाने की इच्छा रखती थी और मेट्रो चलाने के लिए इन्हें बेहद अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया गया है और इन्होने पहले एलएमआरसी के सेंटर ऑफ़ एक्सलेंस से प्रशिक्षण लिया है फिर दिल्ली मेट्रो रेल कोरपोरेशन में रहकर भी सिखा है।
प्रतिभा और प्राची की यात्रा :-
प्रतिभा और प्राची ने 4 कोच वाली इस लखनऊ मेट्रो रेल को पहले ही दिन 6 किमी की दुरी तय करके 6 स्टेशनों से गुजरते हुए इन दोनों की यात्रा ट्रांसपोर्ट नगर मेट्रो डेपो से शुरू होते हुए लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर आकर रुकी उत्तर प्रदेश सरकार ने इन दोनों महिलाओं को रानी लक्ष्मी बाई बहादुर पुरस्कार से सम्मानित भी किया है।
महिलाओं के प्रति समाज की सोच :-
समाज में हर वर्ग के लोगो को इस बात के लिए अभिप्रेरित किया जाता ही महिला और पुरुषों से एक समान तरह से व्यवहार किया जाए लेकिन फिर भी अभी तक कई वर्ग के लोगो के दिमांग में यही गांठ बनी हुई है की लड़कियां तो लड़कियां ही रहेगी वह कुछ भी कर ले आखिर कार होती तो कमजोर ही है परंतु इन सब बातों के बाद भी आज लड़कियों ने अपनी मेहनत से लड़कों से भी आगे निकल चुकी है।