Vijay Shekhar Sharma Biography – जानिए विजय शेखर शर्मा और पेटीएम की सफलता की पूरी कहानी

Vijay Shekhar Sharma Biography, wikipedia, career, paytm, net worth and more

0

Vijay Shekhar Sharma Biography in Hindi –

दोस्तों कई बार लोग लगातार मिल रही असफलताओं से घबरा जाते हैं। जिसकी वजह से भविष्य में मिलने वाली सफलता उन्हें नहीं मिल पाती है और फिर अपनी किस्मत और हालात को दोष देते हैं। लेकिन कई लोग ऐसे भी होते हैं जो अपनी मेहनत से अपनी किस्मत बदलने का दम रखते हैं. इन्हीं नामों में एक नाम है विजय शेखर शर्मा का.

आज हम आपको बताने वाले हैं इन्हीं विजय शेखर शर्मा के बारे में. विजय शेखर शर्मा कौन हैं ? विजय शेखर शर्मा की बायोग्राफी (Vijay Shekhar Sharma Biography), विजय शेखर शर्मा का परिवार, विजय शेखर शर्मा का बुसिनेस, विजय शेखर शर्मा की नेट वर्थ आदि के बारे में. तो चलिए जानते हैं विजय शेखर शर्मा की जीवनी (Vijay Shekhar Sharma Biography) को करीब से.

Aman Gupta Biography : कौन हैं बोट को बनाने वाले अमन गुप्ता ? जानिए विस्तार से

कौन हैं विजय शेखर शर्मा ? (who is Vijay Shekhar Sharma?)

विजय शेखर शर्मा मशहूर पेमेंट कंपनी पेटीएम के सीईओ और फाउंडर (Paytm CEO and founder Vijay Shekhar Sharma) है, जिनका करोड़ों का नहीं अरबो का बिजनेस है। विजय शेखर शर्मा का जन्म 7 जून 1978 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था। इनकी मां एक हाउसवाइफ और पिता एक स्कूल टीचर थे, जो कोचिंग क्लास पढ़ा कर पैसे कमाने को भी अनैतिक मानते थे।

विजय शेखर का परिवार (Vijay Sharma Family) :

Paytm का निर्माण करने वाले विजय की शादी मृदुला शर्मा से हुई है. इस कपल का एक बेटा भी है जिसका नाम विवान शर्मा है.  

कैसा रहा विजय शेखर का बचपन ?

विजय को आमिर बच्चों की तरह ऐशो आराम तो नहीं मिला लेकिन अपने माता-पिता से संस्कार भरपूर मिले। विजय की शुरूआती पढ़ाई एक हिंदी मीडियम स्कूल से हुई विजय पढ़ाई में बचपन से ही बहुत तेज थे और हमेशा क्लास में फर्स्ट आते थे अपनी काबिलियत के दम पर 14 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने 12वीं क्लास पास कर ली थी।

विजय शेखर शर्मा की कॉलेज की पढ़ाई (Vijay Shekhar Sharma education) :

कॉलेज की पढ़ाई के लिए विजय ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में एडमिशन ले लिया पढ़ाई एडमिशन तो मिल गया लेकिन आगे की राह आसान नहीं थी। शुरू से ही हिंदी मीडियम में पढ़ाई करने के कारण विजय की इंग्लिश काफी कमजोर थी, जिसकी वजह से कॉलेज के दिनों में इन्हें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा।

हिंदी मीडियम में बचपन से होशियार विजय को कॉलेज की पढ़ाई में कई परेशानियां आने लगी, जिसकी वजह से विजय कॉलेज से बंक मारने लगे। विजय के मन में कई बार पढ़ाई छोड़ कर घर आने का विचार आया लेकिन किसी भी तरह से वो पढ़ाई में डटे रहें। उन्होंने ठान लिया था कि अब इंग्लिश सीख कर ही रहेंगे।

हिंदी mediam के विजय का इंग्लिश सिखने का अनोखा तरीका :

विजय ने अपने दोस्तों की मदद से अंग्रेजी सीखने की ठान ली और उन्होंने एक अनोखा तरीका अपनाया। वह एक ही किताब का हिंदी और इंग्लिश वर्जन खरीद लाते हैं और दोनों को एक साथ-साथ पढ़ते हैं। इंसान की सबसे बड़ी ताकत उसकी इच्छा होती है, जिसके दम पर वह कुछ भी कर सकता है। अपनी इसी इच्छाशक्ति के दम पर उन्होंने जल्द ही इंग्लिश पर अपनी पकड़ बना ली। क्लासेस बंक करने के कारण उनके पास बहुत समय होता था।

Ratan Tata Biography- मैं सही फैसले नहीं लेता बल्कि अपने फैसलों को सही साबित कर देता हूँ

अपने खाली समय का कैसे उपयोग किया ?

इस समय में विजय जैक माँ से इंस्पायर होकर इंटरनेट के क्षेत्र में कुछ बड़ा करना चाहते थे। याहू की वेबसाइट स्टैनफोर्ड कॉलेज में बनी थी, इसीलिए वहा जाकर पढ़ना चाहते थे। लेकिन अपनी फाइनेंसियल कंडीशन और इंग्लिश की कमजोर नॉलेज के कारण उनका सपना अधूरा रह गया।

किनको अपना आदर्श मानते थे विजय ?

विजय इसी कॉलेज के कुछ जीनियस स्टूडेंट और टीचर को फॉलो करते थे और अपना आदर्श मानते थे। उनसे कोडिंग भी सीख रहे थे। उन्होंने किताबों से पढ़कर भी कोडिंग सीखी और खुद का कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम तैयार कर लिया।

विजय शेखर की पहली कंपनी :

उन्होंने कॉलेज के थर्ड ईयर में अपने एक दोस्त के साथ मिलकर XS नाम की कंपनी की शुरुआत की। उनका यह बिजनेस मॉडल बहुत से लोगों को पसंद आया। 1999 में विजय ने XS कंपनी को USA की लोटस इंटर वर्क कंपनी को पांच लाख डॉलर में बेच दिया और इसी कंपनी में वह एक एंप्लॉय के रूप में काम करने लगे पर दूसरों की नौकरी करना विजय को पसंद नहीं आया।

नौकरी छोड़ के बिजनेस शुरू किया :

उन्होंने जल्द ही नौकरी छोड़ दी क्योकि बिजनेस के सबसे तेज दिमाग वाले विजय खाली कैसे बैठ सकते थे। उनका दिमाग नया बिजनेस सोचने में लग गया। उसके बाद उन्होंने 2001 में वन 97 नाम की कंपनी शुरु की और इस कंपनी में विजय ने अपनी सारी जमा-पूंजी लगा दी। लेकिन डॉट कॉम बस्ट के कारण उनकी कंपनी नहीं चली बिजनेस फेलियर कंपनी को तोड़ देते है।

विजय को बिजनेस में नुकसान के बाद क्या हुआ ?

कंपनी के फेलियर के कारण विजय के पार्टनर ने भी उनका साथ छोड़ दिया। विजय कंपनी के नुकसान में जाने की वजह से बहुत दुखी हुए लेकिन उन्होंने हार नहीं और अपना संघर्ष जरी रखा। जिस वजह से विजय को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस मुश्किल समय में विजय को दिल्ली के कश्मीरी गेट के पास एक छोटे से होटल में रहना पड़ा। एक समय ऐसा भी आया जब पैसा बचाने के लिए इन्होने अपना सफ़र पैदल ही तय करना पड़ता था। कभी-कभी तो ऐसा वक्त आया जब विजय को अपनी भूख मिटाने के लिए दिन में सिर्फ दो कप चाय पर ही रहना पड़ता था।

वो कहते हैं ना कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, विजय की कोशिश भी रंग लाने लगी। जीएसएम और सीडीएमए मोबाइल ऑपरेटरों को इनोवेटिव फीचर प्रोवाइड करने वाली उनकी कंपनी वन 97 धीरे-धीरे पटरी पर आने लगी और प्रॉफिट कमाने लगी।

विजय को Paytm का आईडिया कैसे आया ? (Vijay Shekhar Sharma and Paytm)

विजय समय की नब्ज पकड़ने में माहिर थे। बाजार में स्मार्टफोन बहुत तेजी से पॉपुलर हो रहे थे और यही से उनके दिमाग में कैशलेस ट्रांजेक्शन का आईडिया आया। उन्होंने one 97 के बोर्ड के सामने पेमेंट इको सिस्टम में एंट्री करने का सिस्टम भी रखा लेकिन यह एक नॉन एग्जिटिंग मार्केट था और कंपनी एक अच्छा प्रॉफिट कमा रही थी। इसलिए कोई भी यह रिस्क उठाने के लिए तैयार नहीं था।

विजय चाहते तो अपने इस आईडिया अपनी अलग कंपनी खोल सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उनका कहना था कि कोई और पार्टनर होता तो वह अपनी इक्विटी बेचकर अपनी खुद की कंपनी खड़ी कर सकता था लेकिन मेरी इच्छा 100 साल पुरानी कंपनी बनाने की है। मेरा मानना है कि मैन एंड वॉइस इसलिए अलग है क्योंकि वॉइस एक झटके में कंपनी बेच देते हैं और  मैन कंपनी चलाते हैं और एक विरासत का निर्माण करते हैं।

Paytm कंपनी की शुरुआत (how Paytm started?) :

विजय ने अपनी पर्सनल इक्विटी का एक परसेंट अपने पर्सनल बिजनेस में लगाने के लिए रखा और 2001 में Paytm नाम की एक नई कंपनी की शुरुआत की। प्रारंभिक दौर में Paytm प्रीपेड रिचार्ज और डीटीएच रिचार्ज की सुविधा देने लगे। फिर विजय ने अपनी कंपनी को बढ़ाने का सोचा और बाकी चीजों पर ध्यान देना शुरू किया और फिर इलेक्ट्रिसिटी बिल और गैस का बिल देने की सुविधा की शुरुआत की। paytm ने धीरे-धीरे अन्य कंपनियों की तरह ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की सुविधाएं शुरू कर दी।

Paytm की सफलता के कारण (Reasons behind success of Paytm) :

इसके बाद paytm ने ऑनलाइन सामान भी बेचना शुरू कर दिया और फिर नोटबंदी ने पेटीएम को जमीन से आसमान पर पहुंचा दिया और paytm के लिए एक लॉटरी का काम किया। देखते ही देखते पेटीएम करोड़ों लोगों की जरूरत बन गया वर्तमान समय में पेटीएम भारत की  सभी राज्य में अपनी सेवा प्रदान कर रहा है। आज Paytm भारत की सबसे पोपुलर ऑनलाइन पेमेंट साइट है और इसका कुल कारोबार 15000 करोड़ के पार पहुंच चुका है।

विजय उन लोगों के लिए एक आदर्श है जो अपनी मेहनत के दम पर कुछ बनना चाहते हैं। यह उस इंसान की कहानी है, जिसने मिलियन डॉलर्स कंपनी का सपना तब देखा था जब उनकी जेब में ₹10 भी नहीं थे। उस चीज को करने में कोई मजा नहीं है जो दूसरे आपसे करने के लिए कहे, असली मजा तो उस बात में है जब लोग कहें कि यह तुम नहीं कर सकते हो।

सफलता के सूत्र (success tips in hindi) :

जिंदगी बदलने के लिए लड़ना पड़ता है और आसान करने के लिए समझना पड़ता है। वक्त आपका है चाहो तो सोना बना लो और चाहो तो सोने में गुजार दो। कुछ अलग करना है तो भीड़ से हटकर चलो, भीड़ साहस तो देती है पर पहचान छीन लेती है।

मंजिल ना मिलने पर भी तब तक हिम्मत मत हारो जब उसे पा न लो। क्योंकि पहाड़ से निकलने वाली नदियों ने आज तक रास्ते में किसी से नहीं पूछा कि समंदर कितना दूर है।

विजय शेखर शर्मा की नेट वर्थ (Vijay Shekhar Sharma net worth) :

अपने बिज़नस और आईडिया Paytm से विजय ने काफी पैसा कमाया है. विजय शेखर शर्मा की कुल संपत्ति 120 करोड़ डॉलर बताई जाती है. 

विजय शेखर हुए गिरफ्तार :

22 फरवरी 2022 को Paytm के सीईओ विजय शेखर शर्मा को दिल्ली पुलिस ने लापरवाही से और तेज गाडी चलाने के जुर्म में अरेस्ट भी किया था लेकिन बाद में उन्हें बैल पर रिहा भी कर दिया गया.

दोस्तों अगर यह स्टोरी (Vijay Shekhar Sharma Biography) आपको अच्छी लगी हो तो इसे आप शेयर  कर सकते हैं और आप हमसे कोई स्टोरी शेयर करना चाहते हैं तो हमें ईमेल कर हमसे संपर्क कर सकते हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.