फ्री में हेलमेट बांटते हैं राघवेंद्र कुमार, इस काम के लिए छोड़ी नौकरी, बेच दिया घर और ज्वेलरी

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Who is Raghavendra Kumar ? in Hindi –

हेलो दोस्तों ! हमने अपनी जिन्दगी में कई ऐसी कहानियां सुनी हैं जो दोस्ती पर आधारित हैं. यही नहीं आप दिमाग पर जोर डालेंगे तो आपको दोस्ती यानि फ्रेंडशिप पर आधारित कई फ़िल्में भी मिल जाएंगी. लेकिन आज हम आपके लिए दोस्ती की एक जो मिसाल लेकर आए हैं वह किसी फिल्म का हिस्सा नहीं बल्कि सच्चाई है. दरअसल हम बात कर रहे हैं बिहार में रहने वाले एक ऐसे युवक की जिसने अपनी लाइफ अपने दोस्त के नाम कर दी है. चलिए आपको राघवेन्द्र कुमार कौन हैं (Who is Raghavendra Kumar) इनके बारे में विस्तार से बताते हैं .

हम बात कर रहे हैं बिहार के कैमूर जिले में रहने वाले राघवेंद्र कुमार (Raghvendra Kumar) के बारे में. राघवेंद्र कुमार लोगों को फ्री में हेलमेट देते हैं. और उन्हें गाड़ी चलाते वक्त सावधानी बरतने की सलाह भी देते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर राघवेन्द्र कुमार कौन हैं ? (Who is Raghavendra Kumar?) और राघवेन्द्र ऐसा क्यों करते हैं? (Why Raghvendra Kumar Distribute helmets for free?) तो आपको बता दें कि यह घटना साल 2014 के दौरान की है.

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दरअसल साल 2014 में बिहार के राघवेंद्र कुमार (Raghvendra Kumar From Bihar) ने अपने एक जिगरी दोस्‍त को बाइक एक्सीडेंट में खो दिया था. हेलमेट ना होने की वजह से उनके दोस्त को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था. राघवेन्द्र को इस गम से उभरने में समय जरुर लगा लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी सोच लिया कि वे अपने दोस्त की तरह अब किसी और की जान को हेलमेट की वजह से नहीं जाने देंगे.

अब राघवेन्द्र यहाँ कि अलग-अलग जगहों पर सडक पर खड़े होते हैं और आने-जाने वालों को फ्री में हेलमेट देते हैं. वे कई बार लोगों को हेलमेट देते और इसका महत्व समझाते नजर आ जाते हैं. कई बार तो लोग उनसे हेलमेट लेकर बिना कुछ कहे चले जाते हैं तो कई बार ऐसा भी होता है कि लोग उनके इस काम को सराहते हैं और उनकी इस दरियादिली को सलाम (helmet man of India Raghvendra Kumar) करते हैं.

अब आप सोच रहे होंगे कि क्या राघवेन्द्र हर आने-जाने वाले को फ्री में हेलमेट देते हैं ? तो आपको बता दें कि राघवेन्द्र ऐसे लोगों को हेलमेट देते हैं जिनका हाल ही में ट्रैफिक चालान (Traffic Challan) बना हो. जी हाँ, और राघवेन्द्र पहले चालान की रसीद देखते हैं और इसके बाद ही किसी को हेलमेट देते हैं. चालान काटने की स्थिति के अलावा वे ऐसे लोगों को भी हेलमेट देते हैं जिन्हें इसकी जरुरत होती है.

इतना ही नहीं राघवेन्द्र जरूरतमंद शख्स का एक्सिडेंटल इंश्योरेंस (Accidental Insurance by Raghvendra Kumar) भी करवाने का काम करते हैं. जी हाँ, राघवेन्द्र जरुरतमंद व्यक्ति का 5 लाख रुपए तक का बीमा भी करवा कर देते हैं और इसके बदले में वे केवल 1 हजार रुपए उस व्यक्ति से लेते हैं. राघवेन्द्र के इस काम की सराहना करना तो बनती है.

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राघवेंद्र बताते हैं कि, ‘ये सफर इतना आसान नहीं था। अपने मिशन के लिए पहले उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी। कुछ समय बाद जब हेलमेट खरीदने के लिए ज्यादा पैसों की जरूरत पड़ी तो उन्‍होंने पहले अपनी वाइफ की ज्वैलरी और फिर अपना घर तक बेच दिया।’

राघवेन्द्र का यह कहना है कि वे अपने दोस्त को खोने के बाद से अब तक करीब 42000 हजार लोगों को हेलमेट (Helmet Man Raghvendra Kumar) बांट चुके हैं. वे यहाँ की हर सिटी में 10 दिनों का समय बिताते हैं और इस दौरान जरूरतमंद लोगों को फ्री हेलमेट बांटते हैं. साथ ही राघवेन्द्र यह भी कहते हैं कि उन्हें ऐसा करके सुकून मिलता है क्योंकि वो लोगों को सेफ कर रहे हैं. वे बताते हैं कि यदि उनका दोस्त भी हादसे के दौरान हेलमेट पहना हुआ होता तो शायद आज उनके साथ होता.

ऐसी दोस्ती और ऐसी पहल को हमारा भी सलाम. आपको यह पहल कैसी लगी हमें कमेंट करके जरुर बताएं.

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