मोदी सरकार का नया नियम, ज्यादा पढ़े. लिखे लोगों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी
सरकार कई बार ऐसे नियम बनती है जो वाकई अजीब होते है. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है. केंद्र की मोदी सरकार ने इस बार काफी हैरान करने वाला नियम पास किया है.
सरकार से संचालित सरकारी कंपनी में देशभर में महत्वपूर्ण वैकेंसी निकाली गई हैं. लेकिन इस वेकेंसी में सरकार ने आवेदन करने वाले सभी व्यक्तियों के लिए एक बहुत ही अजीब शर्त रखी है.
जब हम कोई सरकारी नौकरी का आवेदन देते थे तो उसमे एक नियम बना होता था न्यूनतम योग्यता यदि आपकी न्यूनतम योग्यता काम होती थी तो आप उस जॉब के लिए आवेदन नहीं कर सकते थे. लेकिन अब नए नियम के अनुसार अब उच्चतम सीमा भी निश्चित कर दी गई है.
इस नए नियम के बाद देश भर के लाखों व्यक्ति आवेदन करने से वंचित रह गए. सरकार के द्वारा बनाये गए अधिकतम योग्यता तय होने के नए नियम के बाद रतलाम के सैकड़ों युवा आवेदन करने से वंचित रह गए.
यह वैकेंसी इंडियन आयल कॉरपोरेशन की ओर से वर्क मैन ट्रेड के लिए सभी युवाओ के लिए निकाली गई थी. जिसमे न्यूनतम योग्यता 12वीं के साथ हैवी ड्राइविंग लाइसेंस की मांग कली गई थी. इतना ही नहीं इस आवेदन में अधिकतम योग्यता भी बताई गई थी.
इस वेकेंसी के अनुसार स्पष्ट रूप से आवेदन में कहा गया था की एलएलबी, एमबीए, आईसीडब्ल्यू जैसे युवा इस पद के लिए आवेदन नहीं कर सकते. जो भी इन पात्रता वाले युवा आवेदन करेंगे उनका आवेदन अस्वीकार कर दिया जायेगा.
सरकार के नए नियम के बाद देशभर के सभी बेरोजगार युवाओं में निराशा छा गई. ऐसा पहली बार हुआ है जब इस वैकेंसी में न्यूनतम योग्यता के साथ-साथ अधिकतम योग्यता का बंधन भी रखा गया है.
वर्क मैन के लिए इंडियन आयल कॉरर्पोरेशन में देश के अलग-अलग राज्यों में आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. जिसमे बिहार, उत्तर प्रदेश, असम, अरुणाचल प्रदेश और गोवा के राज्यों में आवेदन आमंत्रित किए गए. झारखंड एमणिपुर, बिहार, मेघालय उड़ीसा वेस्ट बंगाल जैसे कई राज्यों में दर्जनों स्थानों पर भर्तियां होना हैं.
अधिकारों का हनन है
इस तरह का नियम बनाकर समानता के अधिकार से युवाओ को वंचित करना है. इस नियम के तहत सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का भी उल्लंघन किया जा रहा है. इस गाइडलाइन के अनुसार किसी भी आवेदन में आप न्यूनतम योग्यता तो निर्धारित कर सकते है लेकिन अधिकतम योग्यता का किसी भी तरह का कोई बंधन नहीं होना चाहिए.