कभी भूखे पेट के लिए मजदूरी करने वाली भूरी बाई बरिया अपनी पेटिंग्स के लिए पा चुकी हैं सरकार से पद्मश्री

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हेलो दोस्तों ! इंडिया के स्टार में आपका एक बार फिर से स्वागत है. आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसी महिला शख्सियत के बारे में जिन्होंने देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बनाई है. यही नहीं वे अपने कामों के लिए इंडियन गवर्नमेंट से पद्म श्री सम्मान भी प्राप्त कर चुकी हैं. दरअसल हम बात कर रहे हैं देश के मध्य राज्य यानि मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के पिटोल गांव की रहने वाली भूरी बाई बरिया के बारे में. तो चलिए पहले जानते हैं भूरी बाई के बारे में विस्तार से :

आपको बता दें कि भूरी बाई बरिया झाबुआ जिले में रहती हैं और वे भील आदिवासी समुदाय से बिलोंग करती हैं. इसके साथ ही आपको यह जानकर आश्चर्य भी होगा कि वे अपने समुदाय से ऐसी पहली महिला हैं जो कि घरों की दीवारों पर पिथोरा पेंटिंग भी करती हैं. अपने इस हुनर से वे अपनी परंपराओं को आगे बढाने का कार्य भी बखूबी कर रही हैं. लेकिन भूरी बाई बरिया को अपनी इस पहचान को बनाने के लिए काफी अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है.

भूरी बाई बरिया को बचपन से ही पेंटिंग का शौक था. और अपने इस शौक को आगे बढाने के लिए उन्हें राहों में कई मुश्किलों का मुकाबला भी करना था. उन्हें यह बात पहले से पता थी कि उन्हें अपने इस शौक को दिशा देने के लिए कई लोगों के खिलाफ खड़ा होना होगा. लेकिन इसके बावजूद भी वे इसके लिए आगे बढ़तीं रही और अपनी पहचान बनाई.

उनके लिए यह मुश्किल इसलिए था क्योंकि भूरी बाई बरिया ऐसे समुदाय से हैं जहाँ लड़कियों को माहवारी यानि पीरियड्स शुरू होने के साथ ही कई प्रोब्लम्स भी शुरू हो जाती हैं. इनमें से ही एक समस्या यह भी है कि इस समुदाय की लड़कियां पीरियड्स आने के बाद पेंटिंग करने की परमिशन नहीं होती है.

समुदाय के ऐसे नियम होने के बाद भी भूरी बाई ने समाज से लड़ना सही समझा और अपनी पेंटिंग के शौक को जारी रखा. समाज से लड़कर आगे बढ़ते हुए भूरी बाई बरिया ने पेंटिंग की दिशा में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है. उन्होंने अलग-अलग जिलों में जाकर अपने पेंटिंग आर्ट जिनमें भीर और पिथोरा आर्ट शामिल हैं की वर्कशॉप का आयोजन करना शुरू किया.

हालाँकि भूरी बाई बरिया का शुरूआती जीवन काफी कठिनाइयों से भरा रहा है. उन्होंने जनजातीय संग्रहालय स्थित भारत भवन में मजदूरी की ताकि वे अपना पेट पाल सकें. वे ठीक से हिंदी भी नहीं बोल पाती हैं और आज पद्म श्री से सम्मानित हो चुकी हैं. इस सम्मान को पाकर वे काफी खुश हैं और साथ ही काफी गर्व भी महसूस करती हैं.

भूरी बाई बरिया मध्य प्रदेश से बिलोंग करती हैं लेकिन हमारे देश से लेकर अमेरिका तक उनकी पेंटिंग्स को काफी तारीफ मिलती हैं. उनकी पेंटिंग्स को मध्य प्रदेश संग्रहालय में ही नहीं बल्कि अमेरिका तक में लगाया जाता है. मध्य प्रदेश सरकार से भी भूरी बाई बरिया को कई सम्मान मिल चुके हैं.

आपको भूरी बाई बरिया के बारे में यह जानकारी कैसी लगी ? हमें कमेंट्स के माध्यम से जरुर बताएं.

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