BYJUs Success Story – देश का सबसे ज्यादा वैल्यू वाला स्टार्टअप है BYJU’s

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BYJUs Success Story – दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम ऑनलाइन लर्निंग ऐप BYJU’s के बारे में बात करेंगे. BYJU’s एक ऐसा नाम है, जिसके बारे में हम सभी ने कभी ना कभी कुछ देखा या सुना होगा. चाहे टीम इंडिया की जर्सी हो या टीवी विज्ञापन या फिर यूट्यूब व फेसबुक पर चलने वाले बैनर पर हमने अक्सर BYJU’s का नाम देखा या सुना है.

इसके अलावा BYJU’s को इस वजह से भी जाना जाता है कि इसके ब्रांड एंबेसडर बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान है. इसके विज्ञापन में आपने शाहरुख़ खान को देखा होगा. हालाँकि साल अक्टूबर 2021 में जब शाहरुख खान के बेटे आर्यन को NCB ने ड्रग मामले में गिरफ्तार किया था तो BYJU’s ने फजीहत से बचने के लिए शाहरुख खान के सारे विज्ञापनों पर रोक लगा दी थी.

आज इस आर्टिकल में हम BYJUs की सफलता की कहानी (BYJUs Success Story) के बारे में बात करेंगे. साथ ही हम जानेंगे कि BYJU’s की शुरुआत कब हुई? (When did BYJU’s start), BYJU’s का मालिक कौन है? (Who is owner of BYJU’S). तो चलिए शुरू करते है.

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BYJU’s की पूरी कहानी (BYJU’S Full Story)

केरल के अझिकोड में रविंद्रन और शोभनवल्ली नाम का एक शिक्षक दंपत्ति रहता था. रविंद्रन जहाँ फिजिक्स पढ़ाते थे, वहीँ शोभनवल्ली मैथ्स पढ़ाती थीं. रविंद्रन और शोभनवल्ली के बेटे का नाम बायजू था. रविंद्रन और शोभनवल्ली ने अपने बेटे को अच्छी शिक्षा दी. बायजू ने भी मन लगाकर पढ़ाई की और फिर विदेश में नौकरी करने के लिए चला गया.

साल 2003 में जब बायजू नौकरी से छुट्टी लेकर भारत आए तो वह शौकिया तौर पर MBA की पढ़ाई कर रहे अपने दोस्तों को पढ़ाने लगे. इस बीच उन्हें ख्याल की क्यों ना मैं भी एग्जाम दूं. इसके बाद उन्होंने एग्जाम दी तो पहले ही प्रयास में 100 प्रतिशत रिजल्ट आया. उन्होंने सोचा तुक्का लग गया होगा तो उन्होंने वापस से परीक्षा दी. लेकिन दूसरी परीक्षा में भी 100 प्रतिशत रिजल्ट आया.

इसके बाद बायजू ने बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. बायजू के माता-पिता भी शिक्षक थे तो बायजू के लिए यह मुश्किल नहीं था. बायजू का पढ़ाया हुआ बच्चों को अच्छे से समझ आ रहा था. यही कारण है कि शुरुआत में सिर्फ 2 स्टूडेंट उनके पास पढ़ने के लिए आते थे, लेकिन बाद में 1000 से ज्यादा स्टूडेंट्स उनके पास पढ़ने के लिए आने लगे. साल 2007 तक तो बायजू के पास देश के 9 शहरों में 20 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स थे. इतने स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए कई बार बायजू को इनडोर स्टेडियम में क्लास लेनी पढ़ती थी.

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बच्चों को पढ़ाने के दौरान बायजू ने एक बात नोटिस की थी कि हमारे देश में कॉलेज सिर्फ नंबर पर फोकस करते है. इस वजह से कई बार बच्चों के फंडामेंटल कॉन्सेप्ट ही क्लियर नहीं होते थे. अब बायजू देश के अलग-अलग शहरों में जाकर तो बच्चों को पढ़ा नहीं सकते. ऐसे में सोचा कि क्यों ना एक ऐसा एप बनाया जाए, जहाँ पूरे देश के बच्चे आसानी से अपने कॉन्सेप्ट क्लियर कर सके.

बायजू ने सबसे पहले साल 2011 में थिंक एंड लर्न एप लांच किया. इस दौरान बायजू ने अपना फोकस कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के बच्चों पर किया. इसका कारण यह था कि देश में इनकी संख्या करोड़ों में थी. इसके बाद बायजू ने कुछ बदलाव किए और साल 2015 में BYJU’s ऐप लॉन्च हुआ.

BYJU’s के लांच होने के बाद पहले तीन महीने में ही करीब 20 लाख स्टूडेंट इससे जुड़ गए. साल 2016 में BYJU’s को 921 करोड़ रूपए की फंडिंग मिली. साल 2017 में BYJU’s ने शाहरुख़ खान को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया. साल 2018 तक BYJU’s की वैल्युएशन 1 अरब डॉलर को पार कर गई. साल 2019 में BYJU’s भारतीय क्रिकेट टीम का ऑफिशियल स्पॉन्सर बन गया. साल 2021 में BYJU’s ने paytm को पीछे छोड़ते हुए भारत का सबसे ज्यादा वैल्यू वाला स्टार्टअप बन गया.

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अगर हम बात करे BYJU’s की सफलता की तो बता दे कि BYJU’s ने पढ़ाई के तरीके और स्टाइल पर काफी ध्यान दिया. बच्चों को कांसेप्ट को आसान और मजेदार तरीके से दूर करने के लिए एक्सपर्ट शिक्षकों की भर्ती की गई. वीडियो और ग्राफिक का जरिए छोटे-छोटे वीडियो तैयार किए गए. कई वीडियो को फ्री में बच्चों और पेरेंट्स को दिखाया गया. जिनको यह वीडियो पसंद आए, उन्हें और वीडियो देखने के लिए पैसे देकर BYJU’s को सब्सक्राइब करना पड़ा.

इसके अलावा BYJU’s को अच्छी खासी फंडिंग भी होती है. BYJU’s ने इस पैसों का इस्तेमाल एडवरटाइजिंग के लिए किया. BYJU’s ने बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान को ब्रांड एंबेसडर बनाया. इसके अलावा इंडियन क्रिकेट टीम की जर्सी के राइट्स ख़रीदे. इसके अलावा टीवी और सोशल मीडिया पर भी एडवरटाइजिंग के लिए पैसा बहाया. इससे BYJU’s  कभी लोगों की नजरों से दूर नहीं हुआ.

मार्किट में बने रहने के लिए BYJU’s ने अपनी अपने बड़े कॉम्पटीटर्स को या तो खत्म कर दिया या फिर उनका अधिग्रहण कर लिया. BYJU’s ने एपिक गेम्स, टॉपर, ग्रेट लर्निंग, हश लर्न, स्कॉलर, व्हूदैट और ग्रेडअप सहित कई कंपनियों का अधिग्रहण किया.

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