Kiran Bedi Biography – देश की पहली महिला IPS अधिकारी, अन्ना हजारे के आंदोलन में हो चुकी हैं शामिल

0

हेलो दोस्तों ! आज हम बात कर रहे हैं भारत की पहली महिला IPS अधिकारी किरण बेदी के बारे में। आईपीएस होने के साथ ही किरण बेदी पुलिस सेवा की सेवानिवृत्त अधिकार, सामाजिक कार्यकर्ता, भूतपूर्व टेनिस खिलाड़ी एवं राजनेता भी हैं। 35 वर्ष तक सेवा में रहने के बाद सन 2007 में उन्होंने स्वाभाविक रूप से सेवानिवृत्त ले लिया। किरण बेदी ने अपने विभिन्न पदों पर रहते हुए अपनी कार्य-कुशलता का परिचय देते हुए भारत देश का गौरव बढ़ाया है। किरण बेदी ने दिल्ली से लेकर सयुंक्त राष्ट्र तक काफी महत्वपूर्ण और जोखिम भरे कार्य किए हैं, जिसके बाद हर लड़की चाहती है कि वह किरण बेदी की तरह बने। तो आइए जानते हैं किरण बेदी के बारे में विस्तार से :

किरण बेदी का शुरुआती जीवन :-

किरण बेदी का जन्म 9 जून 1949 को अम्रतसर में हुआ था, इनके पिता प्रकाशलाल पेशावरिया और माता प्रेमलता इनकी चार बेटियां हैं। किरण बेदी सहित इनकी बहन शीश कनाडा में रहती हैं और एक कलाकार हैं, दूसरी रीता क्लिनिकल साईंकोलॉजिस्ट और लेखक हैं और तीसरी अनु जोकि एक वकील हैं। इन तीनों में किरण बेदी दूसरे स्थान पर हैं। इनके माता पिता ने इन चारों बेटियों को समाज के प्रति आत्मविश्वास और स्वाभिमान के साथ जीना सीखाया जो हर बेटी के लिए सबसे बड़ी संपति होती है।

किरण बेदी की शिक्षा :-

किरण बेदी ने अपनी स्कूल से लेकर कॉलेज तक की पढाई अम्रतसर से की, फिर दिल्ली युनिवर्सिटी से LLB की पढाई कर वर्ष 1993 में उन्होंने आई।आई।टी।दिल्ली के सोशल साइंस विभाग से पी।एच।डी की उपाधि ली। किरण बेदी अपनी शिक्षा में तो टॉपर थीं इसके साथ ही वह टेनिस में भी माहिर थीं। जिसमे उन्होंने एशिया की महिलाओं में लान टेनिस चैपियनशिप का ख़िताब भी अपने नाम करवाया है।

किरण बेदी की शादी और परिवार :-

किरण बेदी की 1972 में ब्रज बेदी के साथ शादी हो गई और शादी के कुछ महीनों बाद ही किरण को IPS की ट्रेनिंग के लिए जाना पड़ा। जिसके बाद में ब्रज बेदी उनसे मिलने जाया करते थे। फिर ट्रेनिंग के बाद में किरण की पोस्टिंग दिल्ली में हो गई और वह वहीँ पर अपने परिवार के साथ में रहने लगीं। किरण और ब्रज की एक बेटी भी है जिसका नाम साइन बेदी और साइन अपनी माँ के एनजीओ को देखती है।

पहली IPS महिला अधिकारी किरण बेदी :-

भारतीय पुलिस सेवा में आने वाली पहली IPS अधिकारी महिला हैं। किरण बेदी ने अपनी पुलिस सेवा में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस चीफ, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, इंस्पेक्टर जनरल ऑफ प्रिज़न, तिहाड़, स्पेशल सेक्रेटेरी टू लेफ्टीलेन्ट गवर्नर, इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, जाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस ट्रेनिंग, स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस इंटेलिजेन्स, यू।एन। सिविलियन पुलिस एड्वाइजर, महानिदेशक, होम गार्ड और नागरिक रक्षा, महानिदेशक, पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो जैसे विभिन्न पदों पर भी कार्य किया किरण डीआईजी, चंडीगढ़ गवर्नर की सलाहकार, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में डीआईजी तथा यूनाइटेड नेशन्स में भी कार्य कर चुकी हैं।

किरण बेदी की सामाजिक पहल :-

किरण बेदी एक आईपीएस पुलिस अधिकारी होने के साथ ही एक समाज सेवक भी हैं और अपनी पुलिस की ड्यूटी करने के साथ में समाज सेवा में बेहद रूचि रखती हैं। इसके अलावा इन्होने स्वयं ही 2 सेवा संगठनों की स्थापना भी की और पुलिस अधिकारियों को 1987 में नवज्योति फाउंडेशन नामक संस्थान की शुरुआत की, जिसके माध्यम से किरण बेदी ने कई नशाखोरी को नियंत्रण करने तथा गरीबों और जरूरतमंद लोगों की सहायता की।

यह संस्थान रोज़ाना हजारों-लाखोँ गरीब लोगों और बच्चों तक पहुँच कर उनको शिक्षा प्राप्त कराते हैं। यह नवज्योति संस्था नशामुक्ति के लिए इलाज करने के साथ झुग्गी झोपड़ियों और ग्रामीण क्षेत्र में रहने एवं जेल के भीतर रहने वाली महिलाओं को कार्य उपलब्ध कराती है। नशा मुक्ति इन संस्थानों को यूनाइटेड नेशन्स की ओर से किरण बेदी और उनकी संस्थानों को सर्ज सॉइटीरॉफ मेमोरियल अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है।

अन्ना हजारे के साथ लोकपाल आंदोलन :-

2011 में हुए लोकपाल आंदोलन में अन्ना हजारे के साथ में किरण बेदी ने भी लोक कल्याण के लिए इस आंदोलन से जुड़ीं। आंदोलन में किरण बेदी इंडिया अगेन्स्ट करप्शन के खिलाफ लड़ी। भारत देश आजादी के बाद भी इस भष्टाचार के दलदल में धंसा आ रहा था और इसे हमेशा के लिए जंड से खत्म करने के लिए भारत सरकार से एक लोकपाल विधेयक लाने के लिए अनुरोध किया। जिसके बाद में भारत सरकार में कई तरह के विचार करने के बाद में लोकपाल आंदोलन के बारह दिनों के बाद में संसद में लोकपाल प्रारूप तैयार करने में 3 बिंदु पर विचार करने के लिए प्रस्ताव पारित किया।

किरण बेदी पर फिल्म :-

IPS किरण बेदी के जीवन में किस तरह के परेशानियाँ और उतार-चढ़ाव आए इस पर आधारित फिल्म ‘यस मैडम सर’ बनाई गई। इस फिल्म में कई भारतीय पुलिस सेवाओं में जो खामियां होती हैं इसके बारे में बताया गया है। इस फिल्म को ऑस्ट्रेलिया के मेगन डानमैंन ने दर्शाया है जिसमें सहकर्मियों ने किरण को किस तरह सजा के तौर पर अलग-अलग जगह पर भेजने की कोशिश की। लेकिन किरण ने फिर भी अपने कार्य के प्रति सटीक होकर उन सभी को मुहं तोड़ जवाब दिया।

पुरस्कार की उपाधि :-

किरण बेदी ने अपने कार्य से कई सारे पुरस्कार भी हासिल किए है प्रेसीडेंट गेलेट्री अवार्ड, वीमेन ऑफ दी ईयर अवार्ड , एशिया रिजन अवार्ड फॉर ड्रग प्रिवेंशन एंड कंट्रोल , रोमन मैग्सेसे महिला शिरोमणि,फादर मैचिस्मो ह्यूमेटेरियन,प्राइड ऑफ इंडिया तथा मदर टेरेसा मेमोरियल नेशनल अवार्ड की उपाधि मिली है।

किरण बेदी बतौर पुडुचेरी की एलजी :

पिछले कई सालों से किरण बेदी पुडुचेरी के एलजी के तौर पर कार्यरत थीं, लेकिन हाल ही में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें राज्यपाल के पद से हटा दिया है। बता दें किरण बेदी ने 29 मई 2016 को पुडुचेरी के उपराज्यपाल की शपथ ली थी। भारतीय संविधान के अनुसार राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा 5 सालों के लिए की जाती है, लेकिन यदि राष्ट्रपति चाहे तो उन्हें इस पद से कार्यकाल खत्म होने से पहले भी हटा सकता है।

किरण बेदी के मुख्य पद :

दिल्ली यातायात पुलिस प्रमुख
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्युरो
डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलीस, मिजोरम
इंस्पेक्टर जनरल ऑफ प्रिज़न, तिहाड़
स्पेशल सेक्रेटेरी टू लेफ्टीलेन्ट गवरनर, दिल्ली
इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलीस, चंडीगढ़
जाइंट कमिश्नर ऑफ पुलीस ट्रेनीग
स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलीस इंटेलिजेन्स
यू।एन। सिविलियन पुलीस एड्वाइजर
महानिदेशक, होम गार्ड और नागरिक रक्षा
महानिदेशक, पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो

Leave A Reply

Your email address will not be published.