कुश्ती के क्षेत्र में पहचान बनाने वाली गीता फोगाट आज लाखों लड़कियों के लिए प्रेरणा बनी

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आज कुश्ती के क्षेत्र में पहचान बनाने वाली गीता फोगाट अपनी मेहनत और लगन के बलबूते पर मुकाम हासिल किया है. आज लाखों लड़कियों के लिए वह एक प्रेरणा बन गई है. उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया. साथ ही गीता पहली भारतीय महिला पहलवान हैं जिन्होंने ओलंपिक के ग्रीष्मकालीन खेल में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.

गीता फोगाट :

Geeta Phogat, who has made an identity in the field of wrestling, became the inspiration for millions of girls today.

गीता फोगाट का जन्म 15 दिसंबर 1988 को भिवानी जिला, हरियाणा में हुआ था. उनके पिता महावीर और उनके माता का नाम शोभा था. उनके पिता एक पहलवान थे और कुश्ती का प्रशिक्षण भी देते थे. गीता की पढाई एमडीयु रोहतक हरियाणा से हुई है.

पहलवानी के दाव पेच :

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गीता के पिता पेशे से एक ग्रीक-रोमन स्टाइल के पहलवान हैं, जो कभी मेट पर तो कभी मिट्टी में ही पहलवानी करते थे. गीता के पिता ने उन्हें 5 वर्ष की उम्र में ही पहलवानी के दाव पेच सिखाने लगे और उन्हें दौड़ लगवाने के लिए खेतों में ले जाते तो कभी लड़कों के साथ ही अपनी बेटियों को दौड़ करवाते और दांव-पैच सिखाते थे.

कुश्ती के मुक़ाबले में :

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इतनी कड़े अभ्यास के बाद गीता और बबीता को बड़े-बड़े अखाड़े में कुश्ती के मुक़ाबले के लिए ले जाने लगे. कुछ लोगों ने उनकी बेटियों को ना खिलाने की हिदायत भी दे. लेकिन उनके पिता नहीं रुके. बल्कि अच्छी तरह से वह पहलवानी में प्रशिक्षित हो इसलिए उनके पिता ने अपनी बेटियों को आगे के अभ्यास के लिए स्पोर्ट्स ऑथोरीटी ऑफ इंडिया में दाखिल करा दिया था.

पहलवानी में स्वर्ण पदक :

Geeta Phogat, who has made an identity in the field of wrestling, became the inspiration for millions of girls today (9)

गीता की मेहनत का रंग तब आया जब 2009 में आया जालंधर कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने पहलवानी में स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रच दिया. जो ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला फ्रीस्टाइल पहलवान थीं. जिन्होंने पहली बार भारत के लिए राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता है. जिन्होंने ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.

गीता ने 55 किलो वजन के अंतर्गत 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया. यह साबित कर दिया कि यदि किसी लक्ष्य के लिए मेहनत की जाए तो जमाना भी आपके आड़े नहीं आ सकता.

रेस्टलिंग चैंपियशिप :

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गीता ऐसे ही जीतते हुए 2012 के वर्ल्ड रेस्टलिंग चैंपियशिप में ताँबे का तमगा, 2013 के कॉमनवेल्थ गेम्स में रजक पदक और 2015 के एशियन चैंपियनशिप में कास्य पदक जीतीं.

18 अक्टूबर 2016 को हरियाणा के कैबिनेट की मंजूरी पर गीता फोगाट के अंतर्राष्ट्रीय खेलों में योगदान के बदले हरियाणा पुलिस का डिप्टी सुपरिनटेंडेंट बनाया गया.

गीता पर आधारित फिल्म :

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23 दिसम्बर 2016 को प्रदर्शित हुई हिंदी फिल्म दंगल इन्हीं पर आधारित है. जिसमें गीता का किरदार फातिमा सना शेख ने निभाया है जबकि उनके पिता का किरदार और प्रशिक्षक आमिर खान ने निभाया था.

गीता की शादी :

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गीता की शादी 20 नवम्बर 2016 को पवन कुमार से हुई है. वह भी एक पहलवान है. पवन गीता से 5 वर्ष छोटे है. उनकी शादी में लगभग 5000 हजार से भी ज्यादा लोग आए थे. यहाँ तक की बड़े बड़े फिल्मो से जुड़े लोग और नेता भी आए थे और आमिर खान भी इस शादी में शामिल हुए थे.

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