Ghulam Nabi Azad Biography – मुख्यमंत्री, केन्द्रीय मंत्री और नेता प्रतिपक्ष, जानिए गुलाम नबी आजाद का इतिहास

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गुलाम नबी आजाद भारतीय राजनीति का एक बड़ा और सम्मानित नाम है. वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता हैं। गुलाम नबी आजाद ने अपने जीवन में कई पदों पर रहते हुए देश और समाज की सेवा की है. गुलाम नबी आजाद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री, केंद्र सरकार में मंत्री और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. गुलाम नबी आजाद के अपनी पार्टी ही नहीं बल्कि दूसरी पार्टी के नेताओं से भी मधुर संबंध रहे हैं. कई बार दूसरी पार्टी के नेता भी गुलाम नबी आजाद से सलाह लेने के लिए उनके पास आते हैं. गुलाम नबी आजाद का सभी पार्टियों में सम्मान है. तो चलिए आज हम जानते हैं गुलाम नबी आजाद का इतिहास यानि उनके अब तक के सफ़र के बारे में:-

गुलाम नबी आजाद का जीवन परिचय (ghulam nabi azad biography)

गुलाम नबी आजाद का जन्म 7 मार्च 1949 को जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में हुआ था. गुलाम नबी आजाद के पिता का नाम (ghulam nabi azad father name) रहमतुल्लाह था. गुलाम नबी ने जम्मू-कश्मीर विश्वविद्यालय से प्राणि विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है.

गुलाम नबी आजाद का परिवार (ghulam nabi azad family)

गुलाम नबी आजाद की पत्नी का नाम (ghulam nabi azad wife name) शमीन देव आजाद है. शमीन देव आजाद एक प्रतिष्ठित गायिका है. दोनों ने साल 1980 में शादी की है. गुलाम नबी आजाद के बेटे का नाम (ghulam nabi azad son name) सद्दाम नबी आज़ाद है. गुलाम नबी आजाद की बेटी का नाम (ghulam nabi azad daughter name) सोफिया नबी आज़ाद hai.

गुलाम नबी आजाद का राजनीतिक सफर (ghulam nabi azad political career)

गुलाम नबी आजाद ने पहली बार साल 1973 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा था. गुलाम नबी आजाद साल 1973 से साल 1975 तक ब्लेसा की कांग्रेस कमेटी के ब्लॉक सचिव रहे। साल 1975 में गुलाम नबी आजाद जम्मू एवं कश्मीर के युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने. इसके बाद साल 1977 में वह डोडा जिले के कांग्रेस अध्यक्ष बने और फिर अपनी काबिलियत के दम पर गुलाम नबी अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के महासचिव बनाए गए. इसके बाद साल 1980 में गुलाम नबी आजाद महाराष्ट्र के वाशिम लोकसभा क्षेत्र से चुनकर पहली बार लोकसभा पहुंचे. साल 1982 में इंदिरा गांधी की सरकार में गुलाम नबी आजाद को विधि, न्याय और कंपनी मामलों का उप मंत्री बनाया गया. इसके बाद साल 1985 में वह दौबारा लोकसभा सांसद बने. गुलाम नबी खाद्य और नागरिक आपूर्ति के राज्य मंत्री बने.

गुलाम नबी आजाद साल 1990 से साल 1996 तक राज्यसभा सांसद बने रहे. गुलाम नबी आजाद ने नरसिम्हा राव की सरकार में संसदीय कार्य मंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्री की जिम्मेदारी संभाली. साल 2002 में गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में कांग्रेस जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी. 2 नवंबर 2005 को गुलाम नबी आजाद ने जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. साल 2008 में सहयोगी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा समर्थन वापस लेने के कारण ग़ुलाम नबी आज़ाद ने इस्तीफ़ा दे दिया.

इसके बाद ग़ुलाम नबी आज़ाद मनमोहन सिंह सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बने. साल 2014 में जब कांग्रेस पार्टी सत्ता से बाहर हुई और नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो ग़ुलाम नबी आज़ाद को राज्यसभा में विपक्ष का नेता बनाया गया. साल 2015 में ग़ुलाम नबी आज़ाद एक बार ओर राज्यसभा के लिए चुने गए. हालाँकि अब उनका कार्यकाल खत्म हो गया है.

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