काफी दिलचस्प है हिमा दास का रेस ट्रैक से DSP बनने तक का सफ़र, 19 दिनों में जीते थे एथलीट ने 5 गोल्ड मैडल

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हेलो दोस्तों ! आज हम हिमा दास के बारे में बात करने जा रहे हैं. हिमा वैसे तो किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं क्योंकि वे अपने हुनर और अपनी मेहनत के दम पर खुद को साबित कर चुकी हैं. हिमा के बारे में बता दें कि वे एक भारतीय धावक (Indian Runner) हैं. इसके साथ ही हिमा IAAF वर्ल्ड अंडर-20 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की 400 मीटर रेस में गोल्ड मैडल हासिल करने वाली पहली महिला हैं. तो चलिए जानते हैं अब कुछ और हिमा दास के बारे में विस्तार से :

हिमा दास का जन्म और व्यक्तिगत जीवन :

सबसे पहले तो आपको बता दें कि हिमा का जन्म 09 जनवरी 2000 को असम राज्य के नगाँव जिले के कांधूलिमारी गाँव में हुआ था. हिमा के पिता का नाम रणजीत दास है और वे चावल की खेती करते हैं. इस काम में हिमा की माता जोनाली दास उनका साथ देती हैं. हिमा, चार भाई-बहन हैं और एथलीट सभी भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं.

हिमा की रूचि और शुरुआत का सफ़र :

हिमा ने अपने स्कूल के दिनों से ही फुटबॉल खेलना शुरू कर दिया था. इस दौरान हिमा अपने स्कूल के लड़कों के साथ ही फुटबॉल खेलती थीं. हिमा को शुरू से ही खेल में रूचि थी और वे अपना करियर फुटबॉल की दिशा में बनाने के सपने देख रही थीं. हिमा फुटबॉल टीम में भारत की तरफ से खेलना चाहती थीं.

हालांकि जवाहर नवोदय विद्यालय के शारीरिक टीचर शमशुल हक ने उन्हें फुटबॉल की बजाय दौड़ पर अपना ध्यान देने के लिए कहा. अपने टीचर के कहने पर हिमा ने दौड़ना शुरू कर दिया. यहाँ से हिमा की मुलाकात उनके टीचर ने नगाँव स्पोर्ट्स एसोसिएशन के गौरी शंकर रॉय से कराई. इसके बाद हिमा ने दौड़ पर अपना ध्यान केन्द्रित करते हुए जिला स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और गोल्ड मैडल जीता.

हिमा दास के बढ़ते कदम :

  • हिमा के जिला स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने के दौरान ही स्पोर्ट्स एंड यूथ वेलफेयर के निपोन दास ने एथलीट की परफॉरमेंस को देखा और उन्हें पसंद भी किया. निपोन ने हिमा को अपने घर से 140 किमी दूर गुवाहाटी जाने के लिए कहा. हिमा के घरवालों ने पहले इसके लिए मना किया लेकिन बाद में वे मान गए. यहाँ से ही हिमा ने अपनी कामयाबी के सफ़र की ओर पहला कदम रखा.
  • गोल्ड मैडल अपने नाम करने के बाद हिमा दास इंडियन एथलीट्स के साथ एलीट क्लब में शामिल हो चुकी हैं. हिमा दास पर दिखाया गया उनके कोच निपोन दास का विश्वास आखिरकार सफल हुआ है. 400 मीटर की रेस में हिमा अपने नाम का सिक्का जमा चुकी हैं. हिमा ने महज 51.46 सेकेंड का समय निकालकर 400 मीटर की रेस में गोल्ड मैडल जीता. ऐसा करने वाली वे पहली महिला खिलाडी हैं.
  • अप्रैल 2018 के दौरान कॉमनवेल्थ खेलों (गोल्ड कोस्ट) की 400 मीटर रेस में हिमा ने 51.32 सेकेंड का समय लिया था और वे 6th पोजीशन पर आई थीं.
  • गुवाहाटी में हुई अंतरराज्यीय चैंपियनशिप में हिमा ने गोल्ड मैडल हासिल किया.
  • इसके साथ ही 18वें 2018 एशियाई खेल (जकार्ता) में एथलीट ने रजत पदक हासिल किया.(राष्ट्रीय रिकॉर्ड ब्रेक)
  • हिमा दास ने अपना पहला गोल्ड मैडल साल 2019 में ‘पोज़नान एथलेटिक्स ग्रांड प्रिक्स’ में 200 मीटर रेस में जीता. इसके लिए हिमा ने 23.65 सेकंड का समय लिया था.
  • हिमा ने 7 जुलाई 2019 को पोलैंड में ‘कुटनो एथलेटिक्स मीट’ की 200 मीटर रेस को महज 23.97 सेकंड में पूरा किया. (गोल्ड मैडल)
  • 13 जुलाई 2019 – ‘क्लांदो मेमोरियल एथलेटिक्स’ में 200 मीटर रेस को 23.43 सेकेंड में पूरा कर गोल्ड मैडल जीता.
  • 17 जुलाई 2019 को ‘ताबोर एथलेटिक्स मीट’ में 200 मीटर रेस को 23.25 सेकेंड में पूरा कर चौथा गोल्ड मैडल जीता.
  • 20 जुलाई 2019 में 400 मीटर रेस को हिमा ने 52.09 सेकेंड में पूरा किया और गोल्ड मैडल हासिल किया. महज 19 दिनों के भीतर हिमा के द्वारा जीता गया यह 5वां पदक रहा.

हिमा दास बनीं DSP :

एथलीट हिमा दास को असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के द्वारा औपचारिक रूप से पुलिस उपाधीक्षक पद (DSP) के पद पर नियुक्त किया गया.

दोस्तों हिमा दास के बारे में आपको यह जानकारी कैसी लगी ? हमें कमेंट्स के माध्यम से जरुर बताएं.

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