जब पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत ने खुद हाईजैक करवाया अपना विमान

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कश्मीर समस्या को लेकर आजादी के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद रहा है. दोनों ही देश कश्मीर पर अपना दावा जताते रहे हैं. यहीं कारण है कि दोनों देशों के सम्बन्ध कभी मधुर नहीं हो सके. इस समस्या के चलते भारत और पाकिस्तान चार बार युद्ध हो चुका हैं और हर बार पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी है. हालांकि जंग के मैदान के अलावा कुटनीतिक या रणनीतिक मोर्चे पर भी भारत हमेशा पाकिस्तान पर भारी ही पड़ा है. आज हम ऐसी ही एक घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे शुरुआत में पाकिस्तान ने जीत के तौर पर लिया. पाकिस्तान में जश्न मनाया जाने लगा, लेकिन जब उसकी हकीकत सामने आई तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई.

1971 इंडियन एयरलाइंस अपहरण

दरअसल हम बात कर रहे हैं 30 जनवरी 1971 को हुए गंगा विमान हाईजैकिंग के बारे में. जिसे जम्मू कश्मीर डेमोक्रेटिक लिबरेशन पार्टी के अध्यक्ष मोहम्मद हाशिम क़ुरैशी और उनके दूर के रिश्तेदार अशरफ़ क़ुरैशी ने नकली पिस्तौल के दम पर हाईजैक कर लिया. उसके बाद वह विमान को पाकिस्तान के शहर लाहौर ले गए. इस हाईजैकिंग के कारण मोहम्मद हाशिम क़ुरैशी और अशरफ़ क़ुरैशी अचानक से पाकिस्तान में हीरो बन गए, लेकिन फिर एक समय ऐसा भी आया जब इन्हें भारतीय एजेंट करार देते हुए तरह-तरह की यातनाएं भी दी गई.

गंगा विमान हाईजैक

हुआ यह था कि गंगा विमान पुराना होने के कारण रिटायर्ड हो चुका था. उसे उड़ान भरने की अनुमति नहीं थी. लेकिन फिर अचानक एक दिन गंगा विमान उड़ान भरने की अनुमति दे दी गई. इसके कुछ दिनों बाद 30 जनवरी 1971 को 17 साल के हाशिम क़ुरैशी और 19 साल के अशरफ़ क़ुरैशी नकली हैंड ग्रेनेड और नकली पिस्तौल लेकर इस विमान में सवार हुए. सुबह करीब 11:30 बजे विमान ने श्रीनगर से जम्मू के लिए उड़ान भरी. लेकिन विमान में जम्मू में उतरने से पहले ही हाशिम क़ुरैशी नकली पिस्तौल लेकर कॉकपिट में पहुंचे और पिस्तौल विमान के कप्तान एमके काचरो के सर पर रख दी. हाशिम ने पायलट से विमान को लाहौर ले चलने के लिए कहा. दूसरी तरफ अशरफ ने यात्रियों को हैंड ग्रेनेड दिखाते हुए धमकी दी कि सभी यात्री अपने हाथ ऊपर कर लें, नहीं तो वो हैंड ग्रेनेड चला देंगे.

पाकिस्तान में उतरा विमान

पाकिस्तान की सीमा में पहुंचने के बाद हाईजैकर ने पाकिस्तानी कंट्रोल टॉवर से सम्पर्क कर उन्हें बताया कि हम कश्मीरी मुजाहिदीन है और भारतीय विमान को हाईजैक करके लाहौर आ रहे हैं. हमें उतरने की इजाज़त दी जाए. करीब 1:30 बजे विमान को लाहौर में लैंड करने की इजाजत दी गई. लाहौर में विमान के उतरते ही सुरक्षाबलों ने विमान को चारों तरफ से घेर लिया.

सभी यात्रियों को छोड़ दिया

विमान के हाईजैक होने से उसमें बैठे यात्री घबरा गए. महिलाएं और बच्चे डर और भूख-प्यास के कारण रोने लगे. ऐसे में हाशिम और अशरफ़ ने लाहौर पहुंचने के दो घंटे बाद महिलाओं और बच्चों को छोड़ दिया. इसके करीब डेढ़ घंटे बाद सुरक्षाबलों के कहने पर हाईजैकर ने बचे हुए सभी यात्रियों को रिहा कर दिया और विमान को अपने कब्जे में रखा. रिहा होने के बाद सभी यात्रियों को लाहौर के एक होटल में रखा गया और फिर भारत भेज दिया गया.

पाकिस्तान में बने हीरो

भारतीय विमान हाईजैक करने की खबर उसी दिन शाम-शाम होते-होते पूरे पाकिस्तान में फ़ैल गई. अगले दिन सुबह तक लाहौर हवाई अड्डे पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. लोग उन दो युवकों को देखना चाहते थे जो एक भारतीय विमान को हाईजैक करके लाहौर लाए थे. करीब 80 घंटे तक विमान को अपने कब्जे में रखने के बाद उन्होंने विमान में आग लगा दी. इस दौरान पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने एक बार भी हाईजैकर्स को पकड़ने का प्रयास नहीं किया. इस घटना के बाद जैसे ही हाशिम और अशरफ़ लाहौर हवाई अड्डे से बाहर निकले उन्हें स्वागत के लिए भारी भीड़ खड़ी थी. जगह-जगह फूलों और नारों के साथ इन युवाओं का स्वागत किया गया. भारतीय विमान हाईजैक कर दोनों पाकिस्तानियों की नजर में हीरो बन गए.

विमान हाईजैकिंग या साजिश

पाकिस्तान में जहां एक तरफ दोनों युवाओं की बहादुरी के गुण गाए जा रहे थे, दूसरी तरफ भारत ने गंगा विमान हाईजैकिंग को साजिश बता कर पाकिस्तान के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया. तब पश्चिमी पाकिस्तान से पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान में बांग्लादेश) जाने के लिए पाकिस्तान के विमानों को भारतीय हवाई क्षेत्र से गुजरना पड़ता था. उस समय सत्ता के हस्तांतरण को लेकर पश्चिमी पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान के बीच विवाद अपने चरम पर था. पूर्वी पाकिस्तान में गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो रही थी. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पश्चिमी पाकिस्तान से सेना पूर्वी पाकिस्तान भेजी जानी थी, लेकिन भारत के द्वारा अपना पूर्वी पाकिस्तान बंद करने से पाकिस्तानी विमानों को श्रीलंका होते हुए पूर्वी पाकिस्तान जाना पड़ा. इससे उनका समय और पैसे दोनों बर्बाद हो रहे थे.

हीरो बना विलेन

जब भारत द्वारा अपना हवाई क्षेत्र बंद करने से पाकिस्तान को भारी नुकसान होने लगा तो पाकिस्तानी अधिकारियों को शक होने लगा कि कहीं गंगा विमान हाईजैकिंग किसी की साजिश तो नहीं है? इसके बाद पाकिस्तान ने इस मामले की जांच की और रिपोर्ट में सामने आया कि विमान हाईजैकिंग भारतीय साजिश थी और हाशिम क़ुरैशी एक भारतीय एजेंट है. जो हाशिम क़ुरैशी कुछ दिनों पहले तक हीरो बंद गए थे अब वह अचानक से विलेन बन चुका था. पाकिस्तान ने हाशिम क़ुरैशी को गिरफ्तार कर लिया और 9 सालों तक उन्हें जेल में बंद रखा. इस दौरान उन्हें प्रताड़ित किया गया.

रिहा होने के बाद लौटे भारत

साल 1980 में हाशिम क़ुरैशी को पाकिस्तान ने रिहा कर दिया. रिहा होने के बाद हाशिम क़ुरैशी कुछ सालों तक पाकिस्तान में रहे और उसके बाद हॉलैंड चले गए. साल 2000 में वह वापस श्रीनगर पहुंचे, जहां भारतीय सेना ने उन्हें गंगा विमान हाईजैकिंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. भारतीय अधिकारियों ने उन पर पाकिस्तानी एजेंट होने का आरोप लगाया. हाशिम क़ुरैशी फ़िलहाल जमानत पर बाहर है और उन पर केस चल रहा है. हाशिम क़ुरैशी कहते हैं कि वह शायद एकमात्र ऐसे व्यक्ति होंगे जिन पर पाकिस्तान में भारतीय एजेंट होने का और भारत में पाकिस्तानी एजेंट होने का केस चला.

बांग्लादेश बना नया देश

गंगा विमान हाईजैकिंग भारत की साजिश थी या नहीं, इसको लेकर कई तरह की धारणाएं हैं, लेकिन यह सच है कि इस हाईजैकिंग का भारत ने भरपूर लाभ उठाया. एक तरफ पाकिस्तानी सेना के लिए पूर्वी पाकिस्तान पहुंचना मुश्किल हो गया दूसरी तरफ मुक्ति वाहिनी के नाम से बांग्लादेश और भारत के संयुक्त बल का गठन किया गया. जिसके बाद 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और बांग्लादेश का उदय हुआ.

नहीं था एजेंट

bbc के अनुसार हाशिम क़ुरैशी कहते हैं कि वह भारत या पाकिस्तान, किसी के भी एजेंट नहीं थे. अगर मैंने वाकई बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए गंगा विमान हाईजैकिंग की होती तो मैं आज बांग्लादेश का नायक होता.

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