Mamta Banerjee Biography- कांग्रेस छोड़ खड़ी की खुद की पार्टी, जानें कौन हैं उनका उत्तराधिकारी

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Mamta Banerjee Biography in Hindi –

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) भारतीय राजनीति का एक बड़ा नाम है। वह लगातार दूसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री (mamta banerjee cm) बनी है। वह लगातार दो बार जीतने वाली एकमात्र महिला मुख्यमंत्री भी है।

पश्चिम बंगाल में 34 साल की भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ((मार्क्सवादी) Communist Party of India) की सरकार को उखाड़कर फेंकने का श्रेय भी ममता बनर्जी को ही जाता है। ममता बनर्जी की छवि एक ईमानदार नेता की रही है। ममता बनर्जी के प्रशंसक उन्हें दीदी (बड़ी बहन didi mamta) के नाम से संबोधित करते हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री (West Bengal Chief Minister) रहने के अलावा ममता बनर्जी दो बार रेल मंत्री, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री, कोयला मंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्री सहित अन्य पदों पर रही है। ममता बनर्जी को भारत की पहली महिला रेलमंत्री होने का गौरव भी हासिल है। इसके अलावा साल 2021 के दौरान ममता बनर्जी को दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में भी शामिल किया गया. इस लिस्ट में ममता के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी और अदार पूनावाला का नाम भी है. 

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वर्तमान में पश्चिम बंगाल की राजनीति में शीर्ष पर काबिज ममता बनर्जी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस के साथ की थी। तो चलिए आज हम ममता बनर्जी के प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक जीवन के बारे में जानते हैं (about mamta banerjee) –

1. ममता बनर्जी का परिवार (mamta banerjee’s family) :

ममता बनर्जी का जन्म 5 जनवरी 1955 (dob of mamata banerjee) को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुआ था। ममता बनर्जी के पिता का नाम (mamta banerjee father name) प्रोमिलेश्वर बनर्जी है और उनकी माता का नाम गायत्री देवी है। ममता बनर्जी का जन्म एक सामान्य निम्न-मध्यम श्रेणी के बंगाली परिवार में हुआ था। मात्र 9 साल की उम्र में ममता बनर्जी ने अपने पिता को खो दिया था।

2. ममता बनर्जी शिक्षा (mamata banerjee education) :

ममता बनर्जी ने अपनी शिक्षा पश्चिम बंगाल के कोलकाता से ही पूरी की है। ममता बनर्जी ने कोलकाता के जोगमाया देवी कॉलेज से बीए, श्री शिक्षायत कॉलेज से इस्लामी इतिहास में एमए और जोगेश चन्द्र चौधरी लॉ कॉलेज से कानून में डिग्री हासिल की है।

3. ममता बनर्जी के पति का नाम (husband of mamata banerjee) (mamta banerjee is married or not) :

65 वर्षीय ममता बनर्जी ने विवाह नहीं किया है। ममता बनर्जी को पढ़ना, लिखना काफी पसंद है। उन्होंने कई किताबें भी लिखी हुई है।

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4. ममता बनर्जी की राजनीति में एंट्री (mamata banerjee entry into politics) :

ममता बनर्जी का राजनीति (mamata banerjee in politics) में प्रवेश बहुत कम उम्र में ही हो गया था। स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही ममता बनर्जी राज्य की कांग्रेस (आई) पार्टी में शामिल हो गई थी। युवा आयु में ही ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल महिला कांग्रेस (आई) की महासचिव बना दिया गया।

ममता बनर्जी साल 1967 से 1980 तक इस पद पर रही। इसके बाद साल 1984 में ममता बनर्जी ने अपने से कई अनुभवी साम्यवादी नेता सोमनाथ चटर्जी के खिलाफ कोलकाता के जादवपुर लोक सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इस तरह मात्र 29 साल की उम्र में वह भारत की सबसे युवा सांसद भी बनी।

यही नहीं साल 1991 में नरसिम्हाराव की सरकार में ममता बनर्जी मानव संसाधन, युवा कल्याण – खेलकूद और महिला-बाल विकास विभाग की राज्यमंत्री भी रहीं। हालांकि बाद में ममता बनर्जी ने खेल–कूद विकास योजना की बहाली ना करने को लेकर विरोध करते हुए इस्तीफा भी दे दिया था।

साल 1996 में ममता बनर्जी ने केन्द्रीय मंत्री रहते हुए भी पेट्रोल की कीमत बढ़ाए जाने को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। ममता बनर्जी का कांग्रेस से मतभेद इतना गहरा गया कि उन्होंने कांग्रेस से ही इस्तीफा दे दिया।

5. तृणमूल कांग्रेस की स्थापना (establishment of trinamool Congress) :

कांग्रेस से अलग होने के बाद साल 1997 में ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस (trinamool congress) की स्थापना की, जिसे टीएमसी (TMC) के नाम से जाना जाता है। ममता बनर्जी ने धीरे-धीरे पश्चिम बंगाल में अपनी पार्टी का विस्तार किया।

साल 1999 के लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी पांचवीं बार लोकसभा के लिए चुनी गई। इस बार ममता बनर्जी एनडीए गठबंधन (NDA alliance) में शामिल हो गई और केंद्र में रेल मंत्री बनी।

रेल मंत्री रहते हुए ममता बनर्जी ने वित्तीय वर्ष 2000-01 के दौरान 19 नई ट्रेन चलाने की घोषणा भी की। साल 2006 में पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद ममता बनर्जी केंद्र की यूपीए सरकार में शामिल हो गई और केंद्र में रेल मंत्री बनी।

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6. ममता बनर्जी मुख्यमंत्री कब बनी (mamata banerjee become chief minister) :

ममता बनर्जी के राजनीतिक जीवन (mamata banerjee political career) में साल 2011 नया मोड़ लेकर आया। साल 2011 में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को जीत मिली और इस तरह ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की पहली महिला मुख्यमंत्री (First woman chief minister of West Bengal) बन गई।

इसके बाद साल 2016 में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने एक बार फिर से जीत दर्ज की और इस तरह वह लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने वाली देश की पहली महिला बनी।

7. ममता बनर्जी की पुस्तकें (mamata banerjee’s books) :

ममता बनर्जी को पढ़ना, लिखना काफी पसंद है। उन्होंने कई किताबें भी लिखी हुई है। ममता बनर्जी ने बंगला में ‘उपलब्धि’, ‘मां-माटी-मानुष’, ‘जनतार दरबरे’, ‘मानविक, मातृभूमि’, ‘अनुभूति’, ‘तृणमूल’, ‘जनमायनी’, ‘अशुबो शंकेत’, ‘जागो बांग्ला’, ‘गणोतंत्र लज्जा’, ‘एंडोलानेर कथा’ जैसी किताबें लिखी है।

इसके अलावा ममता बनर्जी ने अंग्रेजी में ‘स्माइल’, ‘स्लॉटर ऑफ डेमोक्रेसी’, ‘स्ट्रगल ऑफ एक्सिसटेंस’, ‘डार्क हॉरिजोन’ जैसी किताबें भी लिखी है।

8. ईमानदार छवि और अद्भुत भाषण कला :

जनता के बीच ममता बनर्जी की छवि एक ईमानदार और काम करने वाले नेता की रही है। साल 2013 में इंडिया अगेन्स्ट करप्सन ने ममता बनर्जी को देश की सबसे ईमानदार राजनेत्री के रूप में चुना था। ममता बनर्जी की सबसे बड़ी ताकत उनकी भाषण देने की अद्भुत कला है।

अपने भाषण में ममता बनर्जी टैगोर और अन्य कविओं की रचनाओं और उदाहरणों को शामिल करती है। ममता बनर्जी अपने भाषण और अपने विरोध प्रदर्शनों को लेकर जनता के बीच काफी लोकप्रिय है।

9. ममता बनर्जी की अन्य उपलब्धियां :

साल 2012 में टाइम पत्रिका ने ममता बनर्जी को दुनिया के सबसे प्रभावीशाली 100 लोगों में शामिल किया था। इसके अलावा साल 2012 में ही ब्लूमबर्ग मार्केट्स पत्रिका ने ममता बनर्जी को वित्त की दुनिया की सबसे प्रभावीशाली 50 लोगों में शामिल किया था।

ममता बनर्जी ने महिला सांसद के रूप में रूस में आयोजित वर्ल्ड वूमेन राउंड टेबल कांफ्रेंस में देश का प्रतिनिधित्व किया है। इसके अलावा उन्होंने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए वियतनाम में आयोजित विश्व युवा सम्मेलन में भी हिस्सा लिया था।

10. ममता बनर्जी का उत्तराधिकारी (mamata banerjee successor) :

ममता बनर्जी ने अब तक अपने उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि अभिषेक बनर्जी ही ममता बनर्जी के बाद टीएमसी की जिम्मेदारी सँभालते नजर आएंगे।

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11. अभिषेक बनर्जी कौन है (who is abhishek banerjee) :

साल 2019 में पश्चिम बंगाल की वीआईपी सीट डायमंड हार्बर से दूसरी बार सांसद बने अभिषेक बनर्जी ममता बनर्जी के भाई अमित बनर्जी के बेटे है। साल 2012 में अभिषेक बनर्जी ने रूजीरा बनर्जी के साथ शादी की। अभिषेक बनर्जी की दो संतान हैं।

माना जाता है कि ममता बनर्जी ने अनौपचारिक रूप से उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। अभिषेक टीएमसी के दूसरे नंबर के नेता भी हैं। ममता बनर्जी पर यह आरोप भी लगते है कि अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को अगला उत्तराधिकारी पेशकर ममता बनर्जी पार्टी के कई दिग्गजों की अनदेखी कर रही है।

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