हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की यादें आज भी सबके जहन में ताजा कर जाती है काका के नाम से मशहूर राजेश खन्ना कई प्रेमियों के दिलों पर राज करते है. उन्होंने अपना रूमानी अंदाज और स्वाभाविक अभिनय से ऐसा जादू चलाया कि जिसका जादू चाहने वालों के सिर चढ़कर बोलता था. इन्होंने 15 अलग-अलग फिल्मों में अभिनय करके फिल्म हिट कराई जो कभी न टूटने वाला रिकॉर्ड बनाया.
राजेश खन्ना :
राजेश खन्ना का जन्म 29 दिसंबर 1942 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था. उनका बचपन का नाम जतिन खन्ना था. बचपन से ही उनका ध्यान फिल्मों की ओर था.लेकिन उनके पिता इसके खिलाफ थे. राजेश खन्ना के माता-पिता लाला हिरणंद और चंद्रराणी खन्ना थे.
नाटक और प्रतियोगिताओं :
इन्होने अपनी पढाई सेंट सेबैस्टियन के गोयन हाई स्कूल से करी थी. पुणे के नौवरजी वाडिया कॉलेज में अपनी पहली दो वर्ष की कला के विषय में पढाई करी. बाद में खन्ना के सी सी कॉलेज से उन्होंने स्कूल और कॉलेज में कई नाटक और प्रतियोगिताओं में पुरस्कार जीते. वह धीरे-धीरे थियेटर में दिलचस्पी लेना शुरू कर दिया.
फिल्म करियर :
1965 यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स और फ़िल्मफेयर ने एक शो बनाया था जो नया हीरो खोज रहे थे. इसके लिए लड़के खोज रहे थे. फ़ाइनल में दस हजार में से आठ लड़के चुने गए थे, जिनमें एक राजेश खन्ना भी शामिल थे. अंत में राजेश खन्ना विजेता घोषित किए गए. राजेश खन्ना जी ने अपनी फिल्म करियर की शुरुवात सन 1962 में अन्धा युग नाटक में एक घायल मौत का सिपाही का रोल निभाया.
मर्जी के ख़िलाफ़ :
राजेश जी ने थिएटर और फिल्मों में काम करने के लिए कई संघर्ष किया. उनका अभिनय करियर में कई नाकामियों मिली लेकिन बाद में सफल हुए. परिवार की मर्जी के ख़िलाफ़ अभिनय में करियर चुनने वाले राजेश खन्ना ने वर्ष 1966 में 24 बरस की उम्र में आखिरी खत फ़िल्म से फिल्म जगत में फिर कदम रखा था. बाद में राज, बहारों के सपने और औरत के रूप में उनकी कई फ़िल्में आई. लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल.
युवा दिलों की धड़कन :
राजेश खन्ना जी ने वर्ष 1969 में फ़िल्म आराधना में अभिनय करके अपने फ़िल्मी जीवन को उड़ान दी और देखते ही देखते वह युवा दिलों की धड़कन बन गए. जिसका जादू चाहने वालों के सिर चढ़कर बोलने लगा और उन्हें सुपरस्टार घोषित कर दिया. फिल्म अराधना की सफलता के बाद अभिनेता राजेश खन्ना शक्ति सामंत के प्रिय एक्टर बन गए.
उसके बाद उन्होंने अगले चार साल के दौरान लगातार 15 हिट फ़िल्में देकर अगली पीढ़ी के अभिनेताओं के लिए मील का पत्थर क़ायम किया. बाद में उन्होंने राजेश खन्ना को कई फिल्मों में काम करने का मौका दिया. इनमें कटी पतंग, अमर प्रेम, अनुराग, अजनबी, अनुरोध और आवाज आदि फिल्मे थी.
फ़िल्में सुपरहिट :
राजेश खन्ना ने मुमताज के साथ आठ फ़िल्मों में काम किया और ये सभी फ़िल्में सुपरहिट हुईं. वर्ष 1970 में बनी फ़िल्म सच्चा झूठा के लिए उन्हें पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फ़िल्मफेयर अवार्ड दिया गया. इसके बाद उन्होंने डिम्पल कपाडिया से मार्च 1973 में विवाह कर लिया. डिम्पल से उनको दो बेटियाँ हुईं.
दिल पर राज करने वाले :
दिल पर राज करने वाले राजेश खन्ना के करियर में 80 के दशक के बाद उतार शुरू हो गया. बाद में उन्होंने राजनीति में भी कदम रखा और वर्ष 1991 से 1996 के बीच नईदिल्ली से कांग्रेस के लोकसभा सांसद भी रहे चुके थे. इसके बाद उन्होंने सन 1994 से फिल्म खुदाई से अभिनय की दूसरी पारी शुरू करी. इसके बाद क्या दिल ने कहा , जाना, और 2006 में आई वफा के साथ उन्होंने अपना फ़िल्मी सफ़र पूरा किया.
नम आखों से विदाई :
राजेश खन्ना अस्वस्थ चल रहे हैं जिसके कारण 18 जुलाई 2012 को उनका निधन हो गया. राकेश खन्ना के फिल्म का डायलॉग बिलकुल साथर्क नजर आता है जिंदगी लंबी नहीं बड़ी होनी चाहिए. सभी दोस्तों ,प्रशंसकों और फ़िल्मी स्टार सहित हजारों लोगों ने राजेश खन्ना जी को नम आखों से विदाई दी.