Ravi Shankar Prasad Biography – कुशल राजनेता होने के साथ ही वकील भी हैं रवि शंकर प्रसाद

0

Ravi Shankar Prasad Biography In Hindi –

भारतीय नेता ने रूप में अपनी छवि बना चुके रवि शंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) हमेशा अपनी किसी ना किसी बात को लेकर चर्चा में रहते ही हैं. रवि शंकर प्रसाद एक भारतीय राजनीतिज्ञ (Ravi Shankar Prasad Politician) हैं और देश के कानून मंत्री (Ministry of Law and Justice, ravi Shankar prasad) के रूप में अपनी सेवाएँ दे चुके हैं.

इसके साथ ही वे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार (National Democratic Alliance government) के दौरान भी कोयला एवं खान मंत्रालय, न्याय एवं विधि मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में भी राज्य मंत्री के पद पर रह चुके हैं. रवि शंकर प्रसाद को भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के सम्मानित सदस्यों में गिना जाता है.

नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) के द्वारा मंत्रिमंडल विस्तार किया गया और इसके पहले ही रवि शंकर प्रसाद ने अपने पद से इस्तीफा (Ravi Shankar Prasad’s resignation) दे दिया. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में रवि शंकर प्रसाद कानून मंत्री के पद पर थे और देश की सेवा कर रहे थे. कैबिनेट विस्तार से कुछ समय पहले ही रवि शंकर प्रसाद ने अपने पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया था.

चलिए जानते हैं रवि शंकर प्रसाद की बायोग्राफी से लेकर, रवि शंकर प्रसाद की फैमिली और रवि शंकर प्रसाद की जीवनी के बारे में सभी बातें विस्तार से. चलिए पढ़ते हैं रवि शंकर प्रसाद के बारे में :

Ravi Shankar Prasad Biography in Hindi, Ravi Shankar Prasad Life Story, Ravi Shankar Prasad Political Career, Ravi Shankar Prasad Information etc.

रवि शंकर प्रसाद का जन्‍म 30 अगस्‍त 1954 (Ravi Shankar Prasad date of birth) को बिहार राज्य के पटना में हुआ था. उनकी उम्र 66 वर्ष है और वे एक कुशल राजनीतिज्ञ हैं. वे एक राजनेता होने के साथ ही एक वकील भी हैं रवि शंकर प्रसाद के राजनैतिक करियर की शुरुआत इंदिरा गाँधी की सरकार के विरोध के साथ शुरू हुई थी.

बीजेपी नेता रवि शंकर प्रसाद पटना के एक कायस्थ परिवार में पैदा हुए और उनकी पढ़ाई भी पटना से हुई है. उन्होंने पटना विश्वविद्यालय (Patna University) से बीए, एमए और एलएलबी की पढ़ाई की है.

रवि शंकर प्रसाद के पिता का नाम ठाकुर प्रसाद था जोकि पटना उच्‍च न्‍यायालय (Ravi Shankar Prasad Advocate In Patna High Court) के एक सम्मानीय वकील होने के साथ ही तत्कालीन जनसंघ (भाजपा) के प्रमुख संस्थापकों में एक भी रहे थे.  जबकि रवि शंकर की माता का नाम माया शंकर है और वे पटना विश्वविद्यालय में इतिहास की प्राध्यापिका के पद पर हैं.

उनके राजनैतिक करियर (Ravi Shankar Prasad Politics Career) की शुरुआत बतौर छात्र नेता हुई थी. उन्होंने साल 1970 के दौरान इंदिरा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. यही से उनका राजनीति की तरफ रुझान भी बढ़ा और उनका राजनीति का सफ़र भी शुरू हुआ.

यही नहीं जब देश में इमरजेंसी (Emergecy in India) लगाई गई थी तब रवि शंकर प्रसाद ने जयप्रकाश की अगुवाई में बिहार में छात्र आंदोलन का नेतृत्व किया था. इस आंदोलन के लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था.

रवि शंकर प्रसाद कई सालों तक ना केवल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के साथ सम्पर्क में रहे बल्कि वे कई कई पदों पर रहकर भी संगठन के साथ रहे. स्टूडेंट रहने के दौरान ही वे पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ के सहायक महासचिव और विश्वविद्यालय की सीनेट तथा वित्त समिति, कला और विधि संकाय के सदस्य भी रह चुके हैं.

एक कुशल राजनेता होने के साथ ही रवि शंकर प्रसाद सुप्रीम कोर्ट में एक वरिष्ठ अधिवक्ता (वकील) भी हैं. रवि शंकर प्रसाद ने साल 1980 के दौरान पटना हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की थी, जिसके बाद उन्हें पटना हाई कोर्ट की पूर्ण पीठ ने साल 1999 के दौरान ही वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया गया गया.

जिसके बाद साल 2000 में रवि शंकर प्रसाद का नामांकन सुप्रीम कोर्ट (Ravi Shankar Prasad in Supreme Court of India) में हुआ. इस पद पर रहते हुए रवि शंकर ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav Chara Ghotala) के खिलाफ “चारा और कोलतार घोटाले” में जनहित याचिका पर बहस करते हुए वकालत की.

यही नहीं वे कई अहम मामलों में पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्‍ण आडवाणी के वकील भी रह चुके हैं. वे इसके साथ ही नर्मदा बचाओ आंदोलन केस, टीएन थिरुमपलाड VS भारत संघ, बिहार विधानसभा भंग मामला और तथा भारत में चिकित्सा शिक्षा पर प्रो यशपाल केस आदि में मुख्य वकील भी रहे.

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ के चल रहे साल 2010 के अयोध्या मामले में भी वे प्रमुख तीन वकीलों में से एक रह चुके हैं.

रवि शंकर प्रसाद का मंत्री पद (Ravi Shankar Prasad Minister Posts) का सफ़र भी बेहद ही शानदार रहा है. वे देश के दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सितम्बर 2001 के दौरान कोयला एवं खान राज्य मंत्री के पर पर नियुक्त किए गए थे.

जिसके बाद जुलाई 2002 के दौरान रवि शंकर को कानून एवं न्याय राज्य मंत्री का अतिरिक्त प्रभार दी दिया गया था. साल जनवरी 2003 में उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्री नियुक्त किया गया. रवि शंकर प्रसाद ने ही देश में केबल टेलीविजन संबंधी कई सुधर करते हुए डिजिटल माध्यमों को बढ़ावा दिया.

रवि शंकर प्रसाद ने ही देश में डिजिटल माध्यमों का विस्तार करते हुए डायरेक्ट टू होम (DTH) सेटेलाइट प्रसारण सर्विसेज को शुरू किया.

एक वकील और कुशल राजनेता होने के साथ ही रवि शंकर प्रसाद मानवाधिकार के लड़ने वाले कार्यकर्ता भी हैं. उन्होंने एक वकील के तौर पर बंदियों के हित में कई काम किए हैं. इसके साथ ही कई महत्वपूर्ण मामलों पर बहस भी कर चुके हैं. रवि शंकर प्रसाद ने ही पॉलिटिक्स को लेकर नैतिकता और निष्पक्षता पर भी बल दिया.

रवि शंकर प्रसाद ने देश में कई पदों पर रहते हुए काम किया. जोकि इस प्रकार हैं : (Ravi Shankar Prasad Posts List)

1. साल 1991 से लेकर साल 1995(भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष)

2. साल 1995 के बाद से अब तक (बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य)

3. अप्रैल 2000 (राज्यसभा के लिए निर्वाचित)

4. मई 2000 से लेकर 2001 (वित्त मंत्रालय सलाहकार समिति, पेट्रोलियम एवं रसायन, सभासद समिति के सदस्य)

5. 1 सितम्बर 2001 से लेकर 29 जनवरी 2003 तक (कोयला और खान मंत्रालय में राज्य मंत्री)

6. 1 जुलाई 2002 से लेकर 29 जनवरी 2003 तक (विधि और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री)

7. 29 जनवरी 2003 से लेकर मई 2004 तक (सूचना और प्रसारण मंत्रालय के राज्य मंत्री)

8. मई 2000 से लेकर अगस्त 2001 तक और जुलाई 2004 से लेकर अगस्त 2006 तक (नियम समिति के सदस्य)

9. अगस्त 2004 से लेकर 2006 तक (मानव संसाधन विकास संबंधी समिति के सदस्य)

10. सितम्बर 2004 से लेकर अप्रैल 2006 तक (सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना समिति के सदस्य)

11. अक्टूबर 2004 से लेकर 2006 तक (वित्त मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य)

12. नवम्बर 2004 से लेकर मई 2009 तक (मानव संसाधन विकास संबंधी समिति विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा पर उप-समिति के सदस्य)

13. मार्च 2006 से (भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता)

14. अप्रैल 2006 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित

15. अगस्त 2006 से लेकर मई 2009 तक फिर अगस्त 2009 से लेकर अगस्त 2011 तक (सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी समिति के सदस्य)

16. सितम्बर 2006 से (विशेषाधिकार समिति के सदस्य)

17. सितम्बर 2006 से लेकर मई 2009 तक (विदेश मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य)

18. अगस्त 2009 से लेकर 2012 तक (वित्त मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य)

19. अक्टूबर 2009 से लेकर अप्रैल 2012 तक (संवैधानिक एवं संसदीय अध्ययन संस्थान के कार्यकारी परिषद के सदस्य)

20. दिसम्बर 2009 से लेकर नवंबर 2011 तक (पुस्तकालय समिति के सदस्य)

21. अगस्त 2010 से लेकर अप्रैल 2012 तक (दिल्ली विश्वविद्यालय राजसभा के सदस्य)

22. मार्च 2011 से (दूरसंचार लाइसेंस और स्पेक्ट्रम आवंटन एवं मूल्य निर्धारण संबंधित मामलों के लिए गठित जेपीसी के सदस्य)

23. अप्रैल 2012 (राज्यसभा के लिए निर्वाचित)

24. मई 2012 से (वित्तीय समिति के सदस्य)

25. अगस्त 2012 से (व्यापार सलाहकार समिति एवं लाभ के पदों संबंधी संयुक्त समिति के सदस्य)

26. दिसम्बर 2012 से (आचार संहिता समिति के सदस्य)

27. मई 2013 से (विशेषाधिकार समिति के सदस्य)

28. 27 मई 2014 से (संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री और कानून एवं न्याय मंत्री)

29. अप्रैल 2018 (चौथी बार राज्यसभा के लिए चयन)

30. 23 मई 2019 (लोकसभा के लिए चयन)

31. मई 2019 से (कानून और न्याय मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, संचार मंत्रालय का प्रभार)

32. 07 जुलाई 2021 को रवि शंकर प्रसाद ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया.

Leave A Reply

Your email address will not be published.