Sarojini Naidu Biography – जानिए सरोजिनी नायडू कौन थी, रोजिनी नायडू को भारत कोकिला क्यों कहा जाता है?

भारत की पहली महिला गवर्नर है सरोजिनी नायडू।

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Sarojini Naidu Biography in hindi :- आज हम भारत कोकिला कहलाने वाली सरोजिनी नायडू के जीवन परिचय के बारे में जानेंगे। सरोजिनी नायडू एक मशहूर कवयित्री, स्वतंत्रता सेनानी और महान वक्ता रही है। सरोजिनी पहली महिला थी जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनी। साथ ही किसी प्रदेश की गवर्नर बनने वाली भी वह पहली भारतीय महिला थी। सरोजिनी को उनकी कविता के लिए भी जाना जाता है। खासकर वह बच्चों के ऊपर विशेष रूप से कविता लिखती थी। यहीं कारण है कि उन्हें भारत की बुलबुल भी कहा जाता था। तो चलिए आज जानते है कि सरोजिनी नायडू कौन थी? सरोजिनी नायडू को भारत कोकिला क्यों कहा जाता है?,

सरोजिनी नायडू का जन्म कब और कहां हुआ था? (Sarojini Naidu Biography in hindi)

सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हैदराबाद में हुआ था। सरोजनी जी का जन्म एक बंगाली परिवार में हुआ था। सरोजिनी नायडू के पिता का नाम अघोरनाथ चट्टोपध्याय था। वह वैज्ञानिक व डॉक्टर थे। सरोजिनी नायडू के पिता हैदराबाद के पहले सदस्य थे जो कांग्रेस में शामिल हुए थे। आगे चलकर अघोरनाथ ने अपनी नौकरी छोड़ दी और देश की आजादी की जंग में कूद गए। सरोजिनी नायडू की माता का नाम वरद सुन्दरी देवी था। वह एक बंगाली लेखिका थी। सरोजिनी नायडू अपने 8 भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी। उनके एक भाई क्रांतिकरी थे, जिन्हें अंग्रेजों ने मार दिया था, जबकि दूसरे भाई एक्टर थे।

सरोजिनी नायडू की शिक्षा (Education of Sarojini Naidu)

सरोजिनी नायडू बचपन से ही एक होनहार छात्रा थी। वह उर्दू, तेलगू, इंग्लिश, बांग्ला और फारसी भाषा में निपूर्ण थी। उन्होंने 12 साल की उम्र में ही मैट्रिक की परीक्षा पास कर ली थी। सरोजिनी नायडू के पिता उन्हें गणितज्ञ या वैज्ञानिक बनाना चाहते थे, लेकिन सरोजिनी की रूचि कविता में थी। सरोजिनी नायडू की कविता से हैदराबाद के निज़ाम भी खासे प्रभावित थे और उन्होंने सरोजिनी को विदेश में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति दी। सरोजिनी ने 16 साल की उम्र में इंग्लैंड के किंग कॉलेज लंदन में दाखिला लिया। इसके बाद सरोजिनी ने कैम्ब्रिज के ग्रीतान कॉलेज से पढ़ाई की है। अपनी पढ़ाई के दौरान सरोजिनी की मुलाकात उस समय के प्रसिद्द कवि अर्थर साइमन और इडमंड गोसे से हुई। इडमंड ने सरोजिनी को भारतीय विषयों को ध्यान में रखकर कविता लिखने की सलाह दी।

सरोजिनी नायडू की शादी (Sarojini Naidu’s wedding)

कॉलेज में पढ़ाई के दौरान सरोजिनी की मुलाकात डॉ गोविन्द राजुलू नायडू से हुई। इस दौरान दोनों एक दूसरे के करीब आए। 19 साल की उम्र में अपनी पढ़ाई खत्म होने के बाद सरोजनी ने डॉ गोविन्द राजुलू नायडू से शादी कर ली। ख़ास बात यह है कि नायडू गैर-ब्राह्मण थे। उस समय अंर्तजातीय विवाह को समय में मान्यता नहीं थी। इसके बावजूद सरोजिनी ने समाज की परवाह किए बिना नायडू से शादी की। सरोजिनी के इस कदम में उनके पिता ने भी उनका साथ दिया। सरोजिनी और गोविन्द का वैवाहिक जीवन सुखमय रहा। दोनों के चार बच्चे हुए, जिनका नाम जयसूर्या, पदमज, रणधीर और लीलामणि था। उनकी बेटी पद्मजा भी अपनी मां सरोजनी की तरह कवियत्री बनी और फिर राजनीती में उतरी और 1961 में पश्चिम बंगाल की गवर्नर बनी।

सरोजनी जी का राजनीति जीवन (Sarojini Naidu  Political Career)

शादी के बाद भी सरोजिनी लगातार कविता लिखती रही। उनकी कविता प्रकाशित होने लगी। इससे उनके बहुत सारे प्रशंसक बन गए। उनके प्रशंसकों की सूचि में जवाहरलाल नेहरु, रवीन्द्रनाथ टैगोर जैसे महान लोग भी शामिल थे। एक दिन सरोजिनी नायडू की मुलाकात स्वतंत्रता सेनानी और समाजसेवी गोपाल कृष्ण गोखले से हुई। गोपाल कृष्ण गोखले ने सरोजिनी से कहा कि वह अपनी कविताओं में क्रांतिकारीपन लेकर आए और लोगों को देश की आजादी के लिए प्रेरित करे। साल 1916 में सरोजिनी नायडू की मुलाकात महात्मा गाँधी से हुई। महात्मा गाँधी से मुलाकात होने के बाद सरोजिनी की सोच में बदलाव आया और वह देश को आजाद कराने के आंदोलन में कूद गए। सरोजिनी पूरे देश में घूम-घूमकर लोगों के दिलों में आजादी की अलख जगाने लगी। वे देश के अलग अलग प्रदेश, शहर, गाँव में जाती और औरतों को समझाती थी।

इंडियन नेशनल कांग्रेस की अध्यक्ष बनी

साल 1925 में सरोजिनी नायडू इंडियन नेशनल कांग्रेस की अध्यक्ष पद के लिए खड़ी हुई और जीत हासिल की। इस तरह वह इंडियन नेशनल कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनी। सरोजिनी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन में भी हिस्सा लिया और महात्मा गाँधी के साथ जेल भी गई। इसके बाद सरोजिनी ने 1942 में ̔भारत छोड़ो आंदोलन’ में हिस्सा लिया और 21 महीने के लिए जेल गई। सरोजिनी नायडू के महात्मा गाँधी से मधुर सम्बन्ध थे और वह गाँधी जी को की माउस कहकर पुकारती थीं।

भारत की पहली महिला गवर्नर (India’s first female governor)

अगस्त 1947 में भारत आजाद हुआ और आजादी के बाद सरोजिनी नायडू को उत्तर प्रदेश का गवर्नर बनाया गया। इस तरह सरोजिनी नायडू देश की पहली महिला गवर्नर बनी।

सरोजिनी नायडू को भारत कोकिला क्यों कहा जाता है? (Why is Sarojini Naidu called Bharat Kokila?)

अत्यंत मधुर स्वर में अपनी कविताओं का पाठ करने के कारण सरोजिनी नायडू को भारत कोकिला कहा जाता था।

सरोजिनी नायडू की मृत्यु (Sarojini Naidu’s death)

सरोजिनी नायडू की मृत्यु 2 मार्च 1949 को हुई थी। इसी दिन ऑफिस में काम करने के दौरान सरोजिनी नायडू को हार्टअटैक आया और उनका निधन हो गया। इस तरह देश की औरतों के लिए आदर्श का प्रतीक सरोजिनी नायडू ने दुनिया को अलविदा कह दिया। लेकिन देश उनके योगदान को कभी नहीं भूला सकता।

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