वेदो मे नारी को समाज मे ऊचा स्थान दिया गया है और जननी भी कहा गया है। वह संतान पैदा नही करती बल्कि उसका निर्माण भी करती है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी कहा कि “एक राष्ट्र हमेशा ही अपने यहाँ की महिलाओं से सशक्त बनता है और यही नारी माँ, बहन और पत्नी की भूमिकाओं में अपने नागरिकों का पालन पोषण करती है। तब जाकर समाज और सशक्त राष्ट्र निर्माण होता है।
आज महिला इतनी काबिल है कि पुरुषो के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती है और हर वो काम कर सकती जो पुरुष करते है। आज महिला दिवस के मौके पर मैं आपको उन महिलाओं के बारे में बता रहा हूँ। जिन्होंने कई महिलाओ की जिंदगी सवार दी है। आज यह महिलाए सबके लिए एक मिसाल बन गयी है। आइये जानते उन महिलाओं के बारे में।
सोफिया-:
सोफिया अपनी टॅक्सी सर्विस के माध्यम से कई औरतों को काम देती है ओर इतना ही नही महिलाओ का मनोबल भी बड़ाती है और उन्हे सशक्त भी बनाती है Women on wheels ने कई महिलाओ की जिंदगी बदल दी है।
डॉ. दिव्या-:
इंदौर शहर की रहने वाली दिव्या महिलाओ के खिलाफ हो रहे अत्याचार ओर हिंसा से गुस्सा होकर “जस्टिस फॉर ज्वाला नाम की संस्था खोली दिव्या महिलाओ को न्याय तो दिलाती है और खुद की रक्षा करना भी सिखाती है।
भारती सिंह चौहान-:
प्रवीणलता संस्थान की संस्थापक और अध्यक्ष भारती सिंह ने 19000 से भी ज्यादा लड़कियो का जीवन सवार चुकी है औरतों की शिक्षा,सुरक्षा और स्वास्थ्य सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है। आज वे अपने पति के साथ मिलकर अनेकों लड़कियों की मदद कर रही हैं।
नंदिनी कुच्छल-:
नंदिनी ने समाज की बढ़ी समस्या HIV और AIDS का समाधान करने का निर्णय लिया। आज हमे इस समस्या के बारे मे सुन के डर लगता है लेकिन 14 साल की नंदनी ने इन समस्या से लड़ने की ठानी IV पीड़ितों को आम जीवन प्रदान करने के लिए फाइट रेड नाम का मिशन भी शुरू कर दिया। यह संस्था HIV पीड़ितों की देख-रेख करता है।
पलक मूछाल-:
पलक ने अपने धर्माध संगठन पलक मुच्छल हार्ट फाऊंडेशन के लिए कुल 1.2 करोड रुपयो कि राशी ईकट्ठा कि थी, जिससे 234 बच्चो का ऑपरेशन किया गया। पलक ने बचपन से ही सामाजिक कार्य कर रही है।