अनूठी मिसाल : मात्र 1 रुपए में लोगों को इडली-सांभर परोसती हैं 80 वर्षीय दादी कमलाथल 

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हेलो दोस्तों ! समय के साथ बढ़ते इस युग में हम आज आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका काम ही उनकी पहचान बन चुका है. हम जिनके बारे में बात करने जा रहे हैं दरअसल वे एक 80 वर्षीय दादी हैं और लोगों के दिलों में अपनी अलग ही जगह बना चुकी हैं.

दादी जी बढ़ती महंगाई के बाद भी एक रुपए में इडली बेचती हैं और लोगों का पेट भरती हैं. 80 वर्ष की महिला का इस तरह से काम करना काफी लोगों को प्रभावित करता है और कई नामी लोग भी उनके इस काम की तारीफ करते हैं. दोस्तों इससे पहले की हम आगे बढे इससे पहले आपको बताते हैं इन दादी के बारे में विस्तार से :

कौन हैं यह दादी जिनकी है हर तरफ चर्चा ?

इन दादी अम्मा का नाम के. कमलाथल है और इनकी उम्र 80 वर्ष हो चुकी है. कमलाथल तमिलनाडु के पेरु के नजदीक वडिवेलम्पलयम गांव में रहती हैं. दादी का नाम मात्र एक रुपए में लोगों को सांभर-चटनी के साथ इडली बेचने के लिए जाना जाता है. जी हाँ, सही सुना आपने. दादी यानि कमलाथल महज एक रुपए में इडली बेचती हैं. उम्र के हिसाब से भी दादी काफी एक्टिव हैं और फुर्ती के साथ पूरे काम को करती हैं. कमलाथल से जब उनके जीवन के लक्ष्य के बारे में पूछा जाता है तो वे कहती हैं कि लोगों को अच्छा और सस्ता भोजन कराना ही उनका उदेश्य है.

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कमलाथल कब से कर रही हैं यह काम ?

कमलाथल यानि दादी रोजाना सुबह सूरज उदय से पहले ही उठ जाती हैं. सुबह के 6 बजने के साथ ही दादी लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करने में जुट जाती हैं. उनके इस छप्पर पर लोगों की भीड़ भी सुबह के साथ ही लगने लग जाती हैं. यहाँ दादी 1 रुपए में लोगों को सांभर-चटनी के साथ इडली देने का कार्य करती हैं. दादी के पास आने वाले ग्राहकों में उनकी संख्या अधिक है जो रोजाना आते हैं. दादी बीते 30 से 35 सालों से लोगों को भोजन खिलाने का काम कर रही हैं.

क्या है कमलाथल का लक्ष्य ?

इस बारे में जब दादी से पूछा गया कि उनका लक्ष्य क्या है तो दादी कहती हैं, “जो लोग रोजाना मेरी दुकान पर आते हैं उनको भरपेट इडली मिल सके यही मैं चाहती हूँ. यहाँ आने वाले लोग खुद का पेट भी भर सकें और कम पैसों में अपने परिवार को भी इडली खिला सकें यही मेरा लक्ष्य है.” दादी आगे बताती हैं कि पहले उनकी इस इडली का दाम केवल 50 पैसे ही हुआ करता था लेकिन समय के साथ सामग्री का दाम भी बढ़ने लगा और उन्हें इडली की कीमत में इजाफा करना पड़ा.

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अपनी बचत को लेकर दादी कमलाथल कहती हैं कि वे यहाँ दिनभर काम करती हैं और रोजाना करीब 200 रुपए तक कमा लेती हैं. इसके साथ ही वे यह भी बताती हैं कि रोजाना वे करीब 1000 इडली बेचती हैं. कई लोग उन्हें यह भी कह चुके हैं कि उन्हें अब अपनी इडली के दाम बढ़ा लेना चाहिए लेकिन उनके लिए लोगों का पेट भरना ज्यादा महत्व रखता है इसलिए उन्होंने इसके दाम नहीं बढ़ाए. साथ ही दादी यह भी कहती हैं वे भविष्य में भी इस इडली के दाम नहीं बढ़ाएंगी.

दादी कमलाथल के बारे में आपको यह जानकारी कैसी लगी ? हमें कमेंट के माध्यम से जरुर बताएं.

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