आज हर इंसान अंतरिक्ष में पहुचकर चांद के पास जाना जाता है और मंगल ग्रह पर रहने की सोचता है. लेकिन अब तो आसन हो चूका है अभी तो बहुत से इंसान अंतरिक्ष में जा कर आ गए है. लेकिन वह कौन था, जिसने सबसे पहले स्पेस में कदम रखा. इन्होने सात बार फ्लाइट टेस्ट के बाद ‘वोस्ताक-1’ अंतरिक्ष में इंसान को ले जाने के लिए तैयार था. 27 वर्षीय सोवियर एयर फोर्स के पायलट ने अंतरिक्ष में कदम रख कर इतिहास रच दिया था. वह पायलट कोई और नहीं रूस के यूरी गागरिन थे.
यूरी गागरिन :
यूरी अलेक्सेयेविच गागरिन का जन्म 9 मार्च, 1934 को हुआ था. वह बहुत ही सामान्य परिवार के थे. उनके पिता बढ़ई थे. और मां कृषी का काम करती थी. उनके चार बच्चे थे. उनमे से युरी तीसरे थे. वे पश्चिमी रूस में क्लूशीनो नामक जिस गांव में रहते थे. वह बेलारूस की सीमा के पास था.
सोवियत एयरफोर्स की नौकरी :
युरी गागरिन एक सरातोव के ट्रेड स्कूल में पढाई शुरू की, उन्हें गणित और भौतिकी विषय में काफी पसंद था. इसके साथ ही इसी स्कूल में उन्होंने धातुओ का काम सीखा. यही के एक लोइंग क्लब में भी उन्होंने दाखिला मिल गया था और जल्द ही युरी हवाई जहाज उडाना सीख गये.
उन्होंने वर्ष 1955 में पहली बार अकेले ही हवाई जहाज उड़ाया. उड़ान से लगाव होने के कारण उन्होंने सोवियत एयरफोर्स की नौकरी कर ली.
उड़ान की सटीक कुशलता :
अधिकारियों ने युरी की उड़ान की सटीक कुशलता को देखत हु उन्हें आरेनबर्ग एविएशन स्कूल में भेज दिया, जहा वो मिग विमान उडाना सिखा और यही से युरी ने 1955 में सारातोव शहर में कास्टिंग तकनीक में डिप्लोमा प्राप्त किया था.
छोटा कद सहायक बना :
युरी का सपना तो कुछ और ही था उन्हें तो अंतरिक्ष की उड़न भरना था. जब सोवियत सरकार ने अंतरिक्ष में जाने के लिए आवेदन मांगे तो युरी को अपना सपना पूरा होने जैसा लगा इस आवेदन के लिए 3000 आवेदन आऐ. जिनमे एक आवेदन गागरिन का भी था. इनमे से केवल 20 लोगो को ट्रेनिंग के लिए चुना गया, इनमे भी गागरिन का चयन हो गए थे.
जब ट्रेनिंग शुरू हुई तो एक-एक कर सब लोग बाहर हो गये और सबसे योग्य अन्तरिक्ष यात्री के रूप में गागरिन बचे रहे. युरी का छोटा कद भी उनका साथ दे गया, क्योंकि बोसत्क प्रथम का कैप्सूल लगभग उन्ही के आकार का बना था.
पहले शख्स :
वह पहले शख्स थे जिन्होने अंतरिक्ष की यात्रा करी उन्होंने 12 अप्रैल 1961 को प्रात: 9 बजकर 7 मिनट पर उनका अन्तरिक्ष यान वोस्तक प्रथम रूसी अन्तरिक्ष केंद्र से रॉकेट छोड़ा गया तभी गागरिन ने कहा पोयेखाली इसका मतलब होता है अब हम चले. 1 घंटे 48 मिनट तक पृथ्वी की कक्षा में उड़ान भरकर 10 बजकर 55 मिनट पर वापस रूस लौट आया.
रूसी के अन्तरिक्ष यात्री युरी गागरिन जिन्होंने पहली बार अन्तरिक्ष में जाकर इतिहास में प्रथम अन्तरिक्ष यात्री के रूप में अपना नाम दर्ज कराया.
युग की शुरुआत :
युरी गागरिन ने दुसरे यात्रियों को प्रेरणा दी, जिन्होंने पृथ्वी का एक चक्कर लगाकर अंतरिक्ष में मानव उड़ान के युग की शुरुआत की. इसलिए हर साल 12 अप्रैल को इंटनेशनल डे ऑफ ह्यूमन स्पेस फ्लाइट मनाया जाता है. भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा थे. जो अप्रैल 1984 में अंतरिक्ष में पहुंचे थे. उनके बाद रवीश मल्होत्रा, कल्पना चावला, सुनीता विलियम्स भी अंतरिक्ष की यात्रा कर चुके हैं.
दुर्घटना ग्रस्त :
अन्य अन्तरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षित करने के दौरान 34 वर्ष की आयु में ही 27 मार्च 1968 को जब वो एक मिगनड फाइटर जेट की परीक्षण उड़ान पर थे, वह दुर्घटना ग्रस्त हो गया और उनकी मृत्यु हो गयी. लेकिन विश्व इतिहास में हमेशा के लिए युरी गागरिन का नाम स्वर्ण अक्षरों में चिन्हित हो गया. यूरी गागरिन ने अंतरिक्ष में पहुँचकर मानव जीवन को एक नई ऊँचाई दी और भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों का मार्ग प्रशस्त किया.