हिंदुओं के मुख्य मंदिरों में से एक पुरी का जगन्नाथ मंदिर की है जिन्हें भगवान विष्णु का एक रूप के रूप में पूजा जाता है यह मंदिर भारत के प्रमुख चार धामों में से एक है हिंदुओं का पवित्र तीर्थ स्थल कई गंतव्यो में से एक है. भगवान जगन्नाथ का मंदिर भारत के ओडिशा राज्य के पूरी में बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण राजा इन्द्रद्युमना ने करवाया था.
हर हिंदू मंदिर को काफी पवित्र मानते हैं. वैष्णव धर्म के व्यक्ति भी इस मंदिर में काफी आस्था रखते हैं इस मंदिर के इतिहास से आदि शंकराचार्य रामानुज रामानंद भी जुड़े हुए हैं. भगवान जगन्नाथ के मंदिर के पास रामानुज ने गोवर्धन मुट्ठ और एमर मुट्ठ की स्थापना की थी. या मंदिर प्राचीन रीति-रिवाजों से सुशोभित है जिसमें तीन मुख्य देवताओं की मूर्तियां स्थापित है. रिती रिवाज के अनुसार 12 या 19 सालों में यहां की मूर्तियों को बदला चाहता है.
त्यौहार (Festival)
भगवान जगन्नाथ पूरी मंदिर में कई तरह के कार्यक्रमों के अलावा त्योहार भी बनाए जाते हैं जिन में लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं खासकर जून महीने में यहां भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है जो काफी प्रसिद्ध है इस त्यौहार में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और भगवान का सुमिरन करते हैं.
जगन्नाथ मंदिर में मंदिर में हिन्दू अश्विन महीने में 16 दिनों तक चलने वाली वार्षिक पूजा का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी देवी देवताओं की मूर्तियों का विशेष भजन कीर्तन किया जाता है.
चंदन यात्रा (Chandan Yatra)
अक्षय तृतीया के दिन चंदन यात्रा का उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इस यात्रा से ही रथ यात्रा में उपयोग किए जाने वाले रथ को बनाने की शुरुआत की जाती है.
पना संक्रांति (Pana Sankranti)
यह सब मंदिर में मनाए जाने वाला एक विशेष उत्साह है जिसे मेष संक्रांति या विशुव संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है.
स्नान यात्रा – (Snana Yatra)
ज्येष्ट माह की पूर्णिमा केविन मंदिर के सभी देवी देवताओं को विशेष स्नान करवाया जाता है.