इस गांव के कबूतर भी हैं करोड़पति, आगे-पीछे घूमते हैं नौकर और हैं 7 बीघा जमीन के मालिक

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हेलो दोस्तों ! आपने अब तक दुनिया के कई लोगों के बारे सुना होगा जो काफी अमीर हैं और अपनी अमीरी से ही जाने भी जाते हैं. लेकिन क्या आपने कभी किसी कबूतर के अमीर होने के बारे में सुना है. शायद नहीं, लेकिन हम आज आपको किसी एक कबूतर के करोड़पति होने के बारे में नहीं बल्कि कई कबूतरों के करोड़पति होने का किस्सा सुनाने जा रहे हैं. आपको जरूर पढ़ने में यह थोड़ा अजीब लग रहा था लेकिन यह कहानी है राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के पास की छोटीसादड़ी तहसील के बंबोरी गांव की. यहाँ सभी कबूतर काफी अधिक पैसेवाले हैं. ऐसा क्यों हैं चलिए हम आपको विस्तार से बताते हैं.

कबूतरों का बैंक अकाउंट :

दरअसल दोस्तों इस गांव के लोग पक्षियों को काफी अच्छा समझते हैं और इनके लिए दान-पुण्य को भी बहुत मायने देते हैं. यही नहीं आपको यह जानकारी काफी आश्चर्यचकित कर देगी कि यहाँ कबूतरों के नाम पर बैंक अकाउंट भी है जिसका नंबर 41940100000447 है. इस अकाउंट के को बड़ौदा राजस्थान ग्रामीण बैंक की बंबोरी ब्रांच में खोला गया है और लोग इस खाते में पैसा भी ट्रांसफर करते हैं और इसे पुण्य का काम समझते हैं.

यहाँ मौजूद है कबूतरखाना समिति :

दोस्तों यहाँ के सदर बाज़ार में लक्ष्मीनारायण मंदिर के सामने ही इन कबूतरों के लिए कबूतर खाने का निर्माण भी किया गया है. इसके अलावा यहाँ गाँव वालों के द्वारा पक्षियों के लिए ही कबूतरखाना समिति भी बनाई गई है जो इनसे जुड़ी हर डिटेल्स को संभाल कर रखती है. इनका काम बैंक अकाउंट डिटेल्स को भी संभालना होता है.

कबूतरखाना समिति के ऑफिसर्स यहाँ के डिटेल्स अपने पास रखते हैं और अपने काम को लेकर यह कहते हैं कि हर वर्ष मकर संक्रांति के मौके पर गाँव वाले इन कबूतरों के लिए दान यानि डोनेशन इकट्ठा करते हैं और इस राशि को कबूतरों के खातों में जमा कराया जाता है. वे साथ ही यह भी बताते हैं कि इस दान में लाखों रुपया तो आता है ही साथ ही अनाज भी आता है. इस बार की बात करें तो अधिकारी बताते हैं कि इस वर्ष ही दान में 1.72 लाख रुपए और 50 बोरी अनाज इकठ्ठा हुआ है. दान को लेकर खास बात यह है कि इस राशि को कबूतरों के दाना-पानी पर ही खर्च किया जाता है.

कुछ और खास :

कबूतरों को लेकर आपको यह खास बात बता दें कि इस गाँव के इन इन कबूतरों के नाम पर बैंक के खाते तो हैं ही इसके साथ ही इनके नाम पर खेती–बाड़ी भी है और इसके साथ ही कई नौकर भी हैं. हम आपको बता दें कि इन कबूतरों के नाम पर यहाँ करीब 7 बीघा जमीन भी है.

दान के इस मामले में एक खास बात यह भी है कि गाँव वाले यहाँ कभी-कभी रक्तदान शिविर का आयोजन भी करते हैं. इसके अलावा लोग यहाँ के गरीब परिवारों में दाह संस्कार की प्रॉब्लम के दौरान लकड़ी का दान भी करते हैं.

तो दोस्तों आपको कबूतरों के करोड़पति होने की जानकारी कैसी लगी ? हमें कमेंट्स के माध्यम से जरुर बताएं.

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