Anju Bobby George : लम्बी कूद में अंजू बॉबी जॉर्ज ने किया देश का नाम रोशन

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Anju Bobby George Biography in Hindi –

अंजू बॉबी जॉर्ज (Anju Bobby George) का नाम भारत के उन एथेलीट्स (Indian Athlete Anju Bobby George) में शामिल है जिन्होंने अपने खेल से ना केवल अपनी पहचान बनाई है बल्कि साथ ही भारत का नाम भी हर दिशा में रोशन किया है. वे एक इंडियन एथलिट हैं और लम्बी कूद में देश को कई बार इंटरनेशनल लेवल पर रिप्रेजेंट कर चुकी हैं. उन्होंने साल 2003 के दौरान पेरिस में वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप (World Athletics Championships) के दौरान अपनी कूद से भारत को कांस्य पदक दिलाया था.

इस पदक ने ही अंजू बॉबी जॉर्ज को भारत की ऐसी पहली एथलिट भी बनाया जिन्होंने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप (World Athletics Championships) के दौरान 6.70 मी. की छलांग के साथ ही रजत पदक जीता था. जिसके बाद साल 2005 के दौरान IAAF वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल्स में अंजू ने रजत पदक हासिल किया था.

आज के इस आर्टिकल में हम अंजू बॉबी जॉर्ज की बायोग्राफी (Anju Bobby George Biography) के बारे में विस्तार से बात करने जा रहे हैं. आज हम जानेंगे अंजू बॉबी जॉर्ज की लाइफ स्टोरी (Anju Bobby George Life Story) के बारे में करीब से. तो चलिए जानते हैं :

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अंजू बॉबी जॉर्ज का जन्म और शिक्षा :

अंजू बॉबी जॉर्ज का जन्म (Anju Bobby George date of birth) 19 अप्रैल 1977 को हुआ था. उनका जन्म केरल के कोट्टायम जिले के एक कस्बे चीरनचीरा में हुआ था. उनकी उम्र 44 साल हो चुकी है. अंजू की शुरूआती पढाई सेंट एनी गर्ल्स स्कूल चंगी ताचेरी से हुई है. पढ़ाई में अच्छी होने के साथ ही अंजू का ध्यान खेल की तरफ भी बचपन से ही था.

उन्होंने महज 5 साल की छोटी उम्र से ही खेल स्पर्धाओं में भाग लेना शुरू कर दिया था. जिनमें उन्हें उनके परिवार का पूरा साथ मिला. अंजू के पिता का नाम के.टी.मार्कोस है और माता का नाम ग्रेसी है. दोनों ने ही अपनी बेटी को आगे बढ़ने में काफी मदद की और हमेशा ही उसे प्रोत्साहित किया की वह देश का नाम खेल में रोशन करे.

अंजू बॉबी जॉर्ज का खेल करियर (Anju Bobby George Sports Career) :

स्कूल में कूद, थ्रो और दौड़ के लिए अलग से क्लासेज की व्यवस्था थी और स्कूल से अंजू को इसकी प्रैक्टिस के लिए काफी समय दिया गया था. जिसके बाद उन्होंने अपना रुख सी. के. केश्वरन् स्मारक हाई स्कूल की ओर किया, जहाँ से उनके खेल को और भी अधिक निखार मिला. यहाँ अंजू ने स्कूल को खिताब जीतने में काफी अहम योगदान निभाया था. यहीं पर अंजू ने अपनी आदर्श पी टी उषा को ध्यान में रखते हुए ऊँची कूद, लम्बी कूद, दौड़ आदि की प्रैक्टिस करना भी शुरू कर दिया था. अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी होने के बाद अंजू ने विमला कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया.

जिसके साथ ही साल 1991-92 के दौरान अंजू ने 100 मीटर बाधा और रिले दौड़ में सफलता हासिल की. उन्होंने लम्बी और ऊँची कूद में दूसरा स्थान हासिल किया और साथ ही वुमन चैंपियन (Anju Bobby George Indian Woman Champion) बनने में भी कामयाब रहीं.

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अंजू बॉबी जॉर्ज (Anju Bobby George) के बारे में यह खास बात जरुर बता दें कि उनके खेल करियर की शुरुआत हेप्टाथलान से हुई थी. लेकिन आगे चलकर उन्होंने कूद को ही अपना मुख्य खेल बनाया और इस दिशा में ही अपना करियर बनाने का भी सोचा. इस के साथ ही अंजू बॉबी जॉर्ज ने साल 1996 में दिल्ली जूनियर एशियन चैंपियनशिप में भी लंबी कूद का खिताब अपने नाम किया.

जिसके बाद साल 1999 में उन्होंने बैंगलोर फेडरेशन कप में ट्रिपल जंप का नेशनल रिकॉर्ड बनाया और हर तरफ अपना नाम बनाया. इस दौरान उन्होंने दक्षिण एशियाई फेडरेशन खेलों में भी रजत पदक जीता. साल 2001 के दौरान तिरुअनंतपुरम में नेशनल सर्किट मीट में अंजू ने लम्बी कूद में 6.74 मीटर की छलांग लगाई.

इसी वर्ष यानि साल 2001 में ही अंजू बॉबी जॉर्ज ने ट्रिपल जंप और लंबी कूद में गोल्ड मैडल जीता था. यह स्पर्धा लुधियाना में हुई थी. यही नहीं उन्होंने हैदराबाद नेशनल गेम्स में भी सबसे ऊपर स्थान हासिल किया. साल 2002 में मैनचेस्टर में उन्होंने 6.49 मीटर की कूद लगाई पर कांस्य पदक जीता, जिसके बाद अंजू ने बुसान में एशियन गेम्स में गोल्ड मैडल जीता.

अंजू बॉबी जॉर्ज के नाम यह रिकॉर्ड भी हैं कि साल 2003 के दौरान पेरिस में आयोजित की गई वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उन्होंने 6.70 मी की लंबी छलांग लगाई और कांस्य पदक जीता. अंजू ने इस कूद के साथ ही वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया. जिसके साथ ही उन्होंने साल 2003 के एफ्रो-एशियन गेम्स में गोल्ड मैडल जीता.

साल 2004 में उन्होंने एथेंस में 6.83 मीटर की छलांग लगाई, साल 2005 में दक्षिण कोरिया में उन्होंने 6.65 मीटर की छलांग लगाई और गोल्ड मैडल अपने नाम किया.

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अंजू बॉबी जॉर्ज के सम्मान (Anju Bobby George Awards) :

साल 2002-2003 : अर्जुन पुरस्कार

साल 2002-2004 : राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड (अब मेजर ध्यान चंद खेल रत्न अवार्ड)

साल 2004 : पद्मश्री

साल 2007 : एथलेटिक्स फेडरेशन के अंतरराष्ट्रीय संघ (आइएएएफ) की सूची में 28वां स्थान.

अंजू बॉबी जॉर्ज का पारिवारिक जीवन (Anju Bobby George Family) :

एथलिट अंजू बॉबी जॉर्ज के पति (Anju Bobby George husband name robert) का नाम रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज है. रॉबर्ट बॉबी के बारे में बता दें कि वे पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन रहने के साथ ही अंजू के कोच भी रह चुके हैं. अंजू खुद एक कस्टम डिपार्टमेंट में काम करती हैं और यही से प्रशिक्षण भी लेती हैं.

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