कौन हैं अश्विनी उपाध्याय ? हमेशा विवादों से रहता है जिनका नाता

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ashwini upadhyay biography in hindi – हेलो दोस्तों ! अश्विनी उपाध्याय (ashwini upadhyay) को लेकर कई लोगों के मन में कुछ सवाल आ ही जाते हैं. ये सवाल आना लाजमी भी हैं क्योंकि अक्सर ही यह नाम सुर्ख़ियों में बना रहता है. बता दें कि अश्विनी उपाध्याय (ashwini upadhyay advocate) पेशे से एक वकील हैं और अपनी पीआईएल के लिए जाने जाते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि भला पीआईएल के लिए कैसे ? तो इसका जवाब आपको हम विस्तार से देंगे.

दरअसल वे अक्सर ही कोर्ट में जनहित याचिका दर्ज करते हैं और कई सामाजिक मुद्दों को लेकर अपनी आवाज़ रखते हैं. इसके साथ ही उनका भाजपा (ashwini upadhyay BJP) से सम्बद्ध होना भी उन्हें कई बार चर्चा में रख ही देता है. इन सब कारणों के चलते ही उनका विवादों से भी गहरा नाता रहता है.

आज के इस आर्टिकल में हम बात करने जा रहे हैं अश्विनी उपाध्याय की बायोग्राफी, अश्विनी उपाध्याय कौन हैं ? अश्विनी उपाध्याय क्या करते हैं ? अश्विनी उपाध्याय की जीवनी आदि के बारे में. तो चलिए जानते हैं अश्विनी उपाध्याय की जिन्दगी को करीब से.

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कौन हैं अश्विनी उपाध्याय ? (who is ashwini upadhyay?)

जैसा कि हम जानते ही हैं कि अश्विनी उपाध्याय भाजपा से सम्बद्ध हैं. वे भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) के प्रवक्ता के पद पर रह चुके हैं और इसके साथ ही वे पार्टी के कार्यकारिणी सदस्य के रूप में भी काम कर चुके हैं. इन सब के अलावा पेशे की बात करें तो अश्विनी उपाध्याय एक वकील (advocate ashwini upadhyay) हैं और कई बार ‘बार काउंसिल’ के चुनाव में भी आगे आए हैं.

अश्विनी उपाध्याय जीवनी (ashwini upadhyay biography) :

भाजपा के प्रवक्ता रह चुके अश्विनी उपाध्याय का जन्म (ashwini upadhyay date of birth) 17 मार्च 1975 को इलाहबाद (उत्तर प्रदेश) में हुआ था. वे एक हिन्दू फैमिली से बिलोंग करते हैं. अश्विनी उपाध्याय की उम्र (ashwini upadhyay age) 46 साल हो चुकी हैं. अश्विनी उपाध्याय की पत्नी (ashwini upadhyay wife name) का नाम नीता उपाध्याय है. इस कपल के दो बेटे भी हैं.

वहीँ अश्विनी उपाध्याय की शिक्षा के बारे में बात करें तो बता दें कि उनकी शुरूआती पढाई गवर्नमेंट सेकेंडरी स्कूल, इलाहबाद से हुई है. जबकि इसके आगे की उनकी पढ़ाई चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से हुई है. उन्होंने इस यूनिवर्सिटी से लॉ यानि वकालत की पढ़ाई की है.

अश्विनी उपाध्याय देश के सर्वोच्च न्यायालय यानि सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया के साथ ही उच्च न्यायालय के वकील हैं और इसके साथ ही एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं.

भारतीय जनता पार्टी में होने के बावजूद भी अश्विनी उपाध्याय को कई मुद्दों पर अभियान चलाते हुए देखा जाता है. वे कई बार भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हैं और साथ ही समाज के लिए अपनी मांगों को लेकर दबाव भी पेश करते हैं.

अश्विनी उपाध्याय को कई बार हिन्दू मंदिरों और दूसरे मुद्दों को लेकर कोर्ट में जनहित याचिका (ashwini upadhyay pil) दर्ज करते हुए देखा ही जाता रहा है. इस कारन ही वे कई बार सुर्ख़ियों में भी आ चुके हैं. अपनी पीआईएल को लेकर भी उन्होंने अपनी एक अलग ही पहचान बनाई हुई है.

अश्विनी उपाध्याय भारत के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court of India) के साथ ही विभिन्न उच्च न्यायालयों में 50 से भी अधिक जनहित याचिकाएं लाने के लिए जाने जाते हैं. उनकी याचिकाएं जैसा कि हमने बताया अधिकतर भ्रष्टाचार, लैंगिक न्याय, शिक्षा आदि मुद्दों को लेकर होती हैं.

इन सब बातों के साथ ही एक अहम बात यह भी आपको बता दें कि अश्विनी उपाध्याय का नाम आम आदमी पार्टी के फाउंडर सदस्यों में भी शामिल है. उन्हें पीएम नरेन्द्र मोदी का दृष्टिकोण बेहद पसंद था इसलिए उन्होंने भाजपा को चुना और वे साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गए.

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अश्विनी उपाध्याय और जंतर-मंतर मामला (ashwini upadhyay and jantar-mantar) : 

इस विवाद के बारे में बात करें तो यह देखने को मिला कि दिल्ली के जंतर-मंतर पर हुए कुछ मुस्लिम वर्ग के विरोध में भाषण और नारे लगाए गए थे जिसे लेकर पुलिस ने अपना काम करते हुए यहाँ से कई लोगों को गिरफ्तार किया. इन लोगों में बीजेपी नेता अश्वनी उपाध्याय के साथ ही कई अन्य लोग शामिल रहे. इन लोगों में प्रीत सिंह का भी नाम सामने आया जोकि सेव इंडिया फाउंडेशन के निदेशक हैं.

इस कार्यक्रम को भारत छोड़ो आंदोलन का नाम दिया गया और इसके लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी और भाषणबाजी किया गया. इस भाषण के दौरान अश्विनी उपाध्याय मंच पर ही मौजूद थे लेकिन उन्होंने विरोधी नारेबाजी में किसी भी तरह से सम्मिलित होने से इंकार कर दिया.

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