कुछ लोग ऐसे होते जिनहे कभी भुलाया नही जाता है जो अपने देशवासियों के लिए कुछ ऐसा कर दिखते है जिनहे कोई भूल नही सकता है आज हम बात एक ऐसे शख्स की कर रहे है जिसने कई देशवासियों की जान बचाई है आइए जानते उस शख्स के बारे मे उनका नाम रिटायर कैप्टन मोड़ेकुर्ती नारायण मूर्ति जो पिछले कई सालो बेंगलुरु के लोगों को ट्रैफ़िक नियमों के प्रति जागरूक कर रहे है रिटायर कैप्टन मोड़ेकुर्ती नारायण मूर्ति कुवैत में हज़ारों लोगों की जान बचा चुके हैं।
बेंगलुरु मे आपको मूर्ति जी लोगो को यातायात और ज़िंदगी की अहमियत बताते हुए मिल जाएंगे वह यह काम को वॉलिंटियर के तौर पर करते हैं मूर्ति जी ने भारतीय सेना के लिए कई बड़े मिशन किए जिसमे शामिल गोवा लिब्रेशन (1961) और भारत-चीन युद्ध (1962) का हिस्सा रह चुके है।
खड़ी मे युद्ध-:
साल 1990 की बात है जब खाड़ी मे युद्ध छिड़ गया था तब मूर्ति कैप्टन मूर्ति जी एयर इंडिया के लिए काम कर रहे थे ओर उनकी तैनाती अम्मान (जॉर्डन) में थी उस समय 1,16,134 भारतीय जॉर्डन मे फसे हुए थे उस दौरान सुरक्षा प्रभारी के रूप में ज़मीन पर काम कर रहा था ।
ऐयरलिफ्ट-:
कैप्टन मूर्ति ने उस समय लाखो लोगो की जान बचाई थी ओर इसी ऑपरेशन पर बॉलीवुड फिल्म ऐयरलिफ्ट बनी है जिसमे दर्शाया गया किस तरह भारतीयो की जान बचाई ऐयर इंडिया ने भारतीय सेना के साथ मिलकर यह मिशन को सफलता की राह तक पहुचाया।
मूर्ति जी का काम-:
जानकारी के अनुसार मूर्ति जी का कहना है की मेरा काम हमेशा से लोगो की ज़िंदगी बचाने का सोचा है जब मे रिटायर हुआ तो मैंने यातायात अधिकारी की मदद करने का सोचा इसकी शुरुआत की बुज़ुर्गों और बच्चों को सड़क पार कराने से की।
मूर्ति जी की सलाह-:
मूर्ति जी के अनुसार 83 साल की उम्र मे वे युद्ध के मैदान में तो नहीं जा सकते लेकिन अब भी वो लड़ रहे है यातायात के लिए लापरवाह लोगो के खिलाफ है मेरे लिए प्रसिद्धि या पैसा नहीं लोगो की जिंदगी पहले है ओर कॉलेज ओर स्कूल के बच्चे को उनकी सलाह की यातायात के नियम फॉलो करे।