Varun Gandhi Biography – परिवार से परे खुद की पहचान बनाना चाहते हैं वरुण गाँधी

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Varun Gandhi Biography in Hindi –

गाँधी परिवार (Gandhi Family) से देश का पुराना नाता रहा है और आज हम जिनके बारे में बात करने जा रहे हैं वे भी गाँधी परिवार से ही बिलोंग करते हैं. हम बात कर रहे हैं वरुण गाँधी के बारे में. दोस्तों वरुण गाँधी (Varun Gandhi) का पूरा नाम फिरोज वरुण गाँधी है और वे एक राजनेता के रूप में अपनी पहचान बना रहे हैं. वरुण संसद के लोकसभा के पीलीभीत लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से सदस्य हैं. इसके साथ ही वे बीजेपी (BJP) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं.

वरुण गाँधी का नाम भाजपा के सबसे युवा राष्ट्रीय महासचिव के तौर पर भी लिया जाता है. बीजेपी नेता और केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की टीम में वरुण गाँधी का चयन साल 2013 में किया गया था. जिसके बाद उन्हें इस पार्टी का सबसे युवा महासचिव भी घोषित किया गया था. लेकिन अचरज की बात यह रही कि साल 2022 में होने वाले 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित की गई मगर इसमें वरुण गाँधी का नाम कहीं भी नहीं रहा.

खैर आज हम इस बारे में नहीं बल्कि वरुण गाँधी की बायोग्राफी (Varun Gandhi Biography) के बारे में बात करने जा रहे हैं. हम आज के इस आर्टिकल में वरुण गाँधी का पोलिटिकल करियर (Varun Gandhi Politics), वरुण गाँधी का परिवार, वरुण गाँधी की जीवनी (Varun Gandhi Biography) आदि के बारे में आपको बता रहे हैं. तो चलिए जानते हैं वरुण गाँधी के जीवन को करीब से.

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वरुण गाँधी का शुरूआती जीवन और पढ़ाई :

बीजेपी नेता वरुण गाँधी का जन्‍म 13 मार्च 1980 (उम्र 41 साल) (Varun Gandhi date of birth and age) को देश की राजधानी दिल्‍ली में हुआ था. इसके चलते उनकी शुरुआती पढ़ाई भी दिल्ली से ही हुई है. वरुण गाँधी ने मॉडर्न स्कूल, नई दिल्ली से अपनी शुरूआती पढ़ाई की है. यहाँ से 4थीं क्लास तक पढने के बाद वे ऋषि वैली स्कूल, आंध्रप्रदेश गए जहाँ से उन्होंने आगे की कुछ पढ़ाई की. यूके सेकंडरी परीक्षा बोर्ड जीसीएसई के लिए फिर से दिल्ली पहुंचे जहाँ के द ब्रिटिश स्कूल से उन्होंने आगे की पढ़ाई (Varun Gandhi Eduction) की.

यही नहीं वरुण ने इसके आगे विश्वविद्यालय ऑफ लंदन एक्सटर्नल सिस्टम से अपनी पढ़ाई को पूरा किया और फिर ओरिएंटल और अफ्रीकन स्टडीज लंदन से 8 ऑप्शनल सब्जेक्ट्स की पढ़ाई की.

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वरुण गाँधी का परिवार (Varun Gandhi Family) :

जब वरुण गाँधी की उम्र महज 3 महीने थी तब ही उनके पिता संजय गांधी का निधन हो गया था. और जब वे 4 साल के हुए तो उनकी दादी और देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भी हत्‍या कर दी गई. वरुण गाँधी की माँ का नाम मेनका गाँधी है और वे भी भारतीय राजनीति का हिस्सा हैं. यही नहीं मेनका गाँधी जानवरों के हक़ के लिए भी काम करती हैं.

वरुण गाँधी की पत्नी का नाम यामिनी रॉय चौधरी (Varun Gandhi Wife Yamini Roy Chowdhury) है. यामिनी पेश से एक ग्राफ़िक डिज़ाइनर हैं. वरुण गाँधी और यामिनी रॉय चौधरी की शादी 6 मार्च 2011 को हुई थी. इस कपल की एक बेटी है जिसका नाम अनुसुइया गाँधी है.

वरुण गाँधी का राजनीति का सफ़र (Varun Gandhi Political Career) :

जब बीजेपी नेता वरुण गाँधी की उम्र 19 साल थी तब वे पहली बार अपनी माँ मेनका गाँधी (Varun Gandhi mother Maneka Gandhi) के साथ उनके संसदीय क्षेत्र पीलीभीत में इलेक्शन के समय नजर आए थे. उन्होंने इस चुनाव के दौरान प्रचार-प्रसार में भी भाग लिया था और लोगों के बीच अपनी पहचान बनाई. उन्होंने केवल 20 साल की उम्र में ही ‘द ऑथनेस ऑफ सेल्‍फ’ नामक बुक लिखी थी. जिसके लोकार्पण में कई प्रमुख नेताओ को देखा गया था.

वरुण गाँधी हमेशा से अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहते थे. लेकिन विरासत में मिले राजनैतिक परिवार के कारण वे राजनीति में आ गए. वे कभी नहीं चाहते थे कि उन्हें अपनी माँ मेनका गाँधी या कांग्रेस या फिर सोनिया गाँधी के नाम से जाना जाए.

वरुण गाँधी ने साल 2004 के दौरान चुनाव में बीजेपी की तरफ से मुख्य प्रचारक के तौर पर काम करना शुरू कर दिया. हालाँकि उन्होंने इस दौरान अपने परिवार के किसी भी सदस्य जैसे राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी और सोनिया गाँधी के खिलाफ कुछ भी कहने से मना कर दिया. इस साल के दौरान ही उन्हें भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में भी जगह दी गई.

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साल 2009 के दौरान जब वरुण गाँधी चुनाव लड़ रहे थे तो मेनका गाँधी ने अपने बेटे के लिए अपनी सीट छोड़ दी थी और पडोसी क्षेत्र ओंला से खड़ी हुई थीं. इस दौरान भारतीय जनता पार्टी ने वरुण को पीलीभीत लोकसभा सीट से उतारा था. वरुण गाँधी भी पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरे और जीत हासिल की. जिसके बाद वरुण गाँधी ने अगस्त 2011 के दौरान जन लोकपाल विधेयक का समर्थन किया. यही नहीं जब सरकार ने अन्ना हजारे को अनशन करने के लिए अनुमति नहीं दी गई तो वरुण ने ही उन्हें अपने सरकारी बंगले पर अनशन करने के लिए कहा था.

वरुण गाँधी ने अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे आंदोलन का समर्थन किया और खुद भी एक आम आदमी के रूप में रामलीला मैदान पहुंचे थे. केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा साल 2013 में वरुण को राष्ट्रीय महासचिव बनाया था और इसके बाद ही वरुण गाँधी को पश्चिम बंगाल में बीजेपी के मामलों का प्रभारी बनाया गया था.

साल 2013 के अगस्त महीने में वरुण गाँधी के बारे में एक पेपर में यह भी लिखा गया था कि वे देश के पहले ऐसे सांसद हैं जो संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के समय से पहले ही विकास कार्यों में राशि खर्च करते हैं.

साल 2015 के दौरान ही वरुण गाँधी ने यह भी कहा था कि वे किसानों के ऐसे परिवारों को जो कृषि की परेशानी के चलते अपने जीवन को समाप्त करने के लिए मजबूर हैं को सांसद वेतन देंगे.

वरुण गाँधी एक ऐसे नेता हैं जिन्हें निडरता और सच्चाई के साथ बात करने के लिए प्रसिद्ध नेता भी कहा गया है.

वरुण गाँधी की संपत्ति (Varun Gandhi Net Worth) :

बीजेपी के सबसे युवा महासचिव कहे जाने वाले वरुण गाँधी की नेट वर्थ करीब 35 करोड़ रुपए बताई जाती है.

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