Jitan Ram Manjhi Biography – राम, ब्राह्मण, सवर्ण, महिला और शराब, सभी पर विवादित बयान दे चुके है मांझी

Jitan Ram Manjhi Biography - Wiki, Bio, Caste, Family, Party, Net Worth and More

0

Jitan Ram Manjhi Biography – दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के बारे में बात करेंगे. जीतन राम मांझी बिहार की राजनीति में पहले ऐसे दलित व्यक्ति है जो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए है. हालाँकि जीतन राम मांझी एक ऐसे नेता है जो अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्ख़ियों में रहते है. कई बार जीतन राम मांझी के बयानों पर विवाद भी हुआ है.

दोस्तों जीतन राम मांझी कौन है? (Who is Jitan Ram Manjhi?) यह तो हम सभी जान ही चुके हैं. जीतन राम मांझी को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठते रहते है. जैसे – जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री कब बने?, जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री कैसे बने? (How did Jitan Ram Manjhi become the Chief Minister?), जीतन राम मांझी किस पार्टी में है? (Which party is Jitan Ram Manjhi in?) तो आज हम इन्ही सवालों के जवाब जानेंगे.

साथ ही हम जीतन राम मांझी के परिवार (Jitan Ram Manjhi Family), जीतन राम मांझी की शिक्षा (Jitan Ram Manjhi Education), जीतन राम मांझी के राजनीतिक करियर (Jitan Ram Manjhi Political Career), जीतन राम मांझी के विवादित बयान (Jitan Ram Manjhi controversial statement), जीतन राम मांझी की नेट वर्थ (Jitan Ram Manjhi net worth) सहित अन्य चीजों के बारे में भी बात करेंगे. तो चलिए शुरू करते है जीतन राम मांझी का जीवन परिचय.

Mani Shankar Aiyar Biography – बयानों की वजह से पार्टी को परेशानी में डाल चुके हैं मणिशंकर…

जीतन राम मांझी जीवनी (Jitan Ram Manjhi Biography)

दोस्तों बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का जन्म 6 अक्टूबर 1944 को बिहार के गया जले के खिजरसराय के महकार गाँव में हुआ था. जीतन राम मांझी के पिता (Jitan Ram Manjhi Father) का नाम रामजीत राम मांझी है. जीतन राम मांझी के पिता खेतिहर मजदूर थे. जीतन राम मांझी की माता का नाम शुक्री देवी है. जीतन राम मांझी की माता दूसरे के घरों में भी जाकर काम करती थीं. अगर बात करे जीतन राम मांझी की जाति (Jitan Ram Manjhi Caste) की तो बता दे कि मांझी महादलित मुसहर समुदाय से आते है.

जीतन राम मांझी शिक्षा (Jitan Ram Manjhi Education)

परिवार की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के कारण जीतन राम मांझी को बचपन में अपने पिता के साथ दूसरों के खेतों में काम करना पड़ता था. हालाँकि बाद में एक शिक्षक से प्रोत्साहन मिलने पर जीतन राम मांझी ने मन लगाकर पढ़ाई करना शुरू कर दिया था. जीतन राम मांझी ने साल 1962 में मैट्रिक की शिक्षा पूरी की. इसके बाद उन्होंने साल 1966 में गया महाविद्यालय से स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की है.

जीतन राम मांझी करियर (Jitan Ram Manjhi Career)

जीतन राम मांझी ने अपने करियर की शुरुआत साल 1966 में की थी. शुरुआत में उन्होंने लिपिक की नौकरी करना आरम्भ किया. हालाँकि कुछ साल नौकरी करने के बाद साल 1980 में जीतन राम मांझी ने लिपिक की नौकरी छौड़ दी.

Sushil Kumar Modi Biography : कुशल राजनीतिज्ञ और सेवक के रूप में खुद को स्थापित कर चुके हैं सुशील…

जीतन राम मांझी का परिवार (Jitan Ram Manjhi Family)

जीतन राम मांझी की पत्नी (Jitan Ram Manjhi Wife) का नाम शांति देवी है. जीतन राम मांझी के 2 बेटे और 5 बेटियां है.

जीतन राम मांझी राजनीतिक करियर (Jitan Ram Manjhi Political Career)

नौकरी छौड़ने के बाद जीतन राम मांझी ने राजनीति में कदम रखा. जीतन राम मांझी ने साल 1980 में कांग्रेस के टिकट पर गया जिले के फतेहपुर सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने. जीतन राम मांझी लगातार 2 बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक का चुनाव जीते. इस बीच वह साल 1983 में चंद्रशेखर सिंह की सरकार में मंत्री भी बने. जीतन राम मांझी अब तक कई मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में मंत्री रहे है. लालू प्रसाद और राबड़ी देवी की सरकार में भी जीतन राम मांझी को मंत्री बनाया गया था.

साल 2005 में जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में शामिल होने का फैसला लिया. साल 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में जीतन राम मांझी ने जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने. इसके बाद साल 2010 के चुनाव में भी जीतन राम मांझी को जीत मिली. इसके साथ ही जीतन राम मांझी को नीतीश कुमार की सरकार में भी मंत्री पद दिया गया.

साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने बेहद ख़राब प्रदर्शन किया. पार्टी के ख़राब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसी के साथ नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री बना दिया. मुख्यमंत्री बनने के बाद जीतन राम मांझी ने कई अच्छे फैसले लिए, लेकिन कई फैसलों पर विवाद भी हुआ और उनके बयान को लेकर भी खासा विवाद हुआ.

Gupteshwar Pandey Biography – जानिए कौन है गुप्तेश्वर पांडे और कैसे बने बिहार के डीजीपी

जीतन राम मांझी के कुछ फैसलों और बयानों के कारण पार्टी की छवि बिगड़ते देख नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को हटाकर एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनने का फैसला लिया. हालाँकि उस समय जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार के लिये पद छोड़ने से इंकार कर दिया. इसके बाद जीतन राम मांझी को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. इसके चलते जीतन राम मांझी विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर सके और मजबूरन उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.

नीतीश कुमार की पार्टी जदयू से अलग होने के बाद जीतन राम मांझी ने साल 2015 में ‘हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा’ नाम से अलग पार्टी बनाई. साल 2015 में जीतन राम मांझी की पार्टी ने बीजेपी के साथ गठबंधन में 21 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन उनकी पार्टी महज एक सीट जीत पाई. वह एक सीट खुद जीतन राम मांझी ने जीती थी. इसके बाद साल 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में भी जीतन राम मांझी की पार्टी महज 4 सीट ही जीत सकी.

नरेंद्र मोदी से लेकर नितीश कुमार तक सबके रणनीतिकार रह चुके हैं प्रशांत किशोर

जीतन राम मांझी विवादित बयान (Jitan Ram Manjhi controversial statement)

साल 2014 में जीतन राम मांझी ने कहा था कि महादलितों को थोड़ी थोड़ी शराब पीनी चाहिए. शराब थोड़ा पीने में हर्ज नहीं है.

साल 2014 में जीतन राम मांझी ने महिलाओं को लेकर विवादित बयान देते हुए कहा था कि, ‘बिहार से लोग आजीविका कमाने के लिए असम, महाराष्ट्र और गुजरात जाते हैं. आप एक साल बाद लौटते हैं. आपकी पत्नी घर पर क्या कर रही है, आप उसकी हरकतों से पूरी तरह अनजान हैं.’

जीतन राम मांझी ने एक बार राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और चिराग पासवान पर निशाना साधते हुए कहा था कि, ‘ये जब भी देश या बिहार में किसी प्रकार का संकट आता है तो ये तीनों नेता हनीमून मनाने के लिए चले जाते हैं.’

जीतन राम मांझी सवर्ण जातियों को विदेशी मूल का भी बता चुके हैं.

जीतन राम मांझी ने भगवान राम को लेकर भी विवादित टिप्पणी करते हुए कहा था कि, ‘वे भगवान राम को नहीं मानते हैं, बल्कि वे काल्पनिक पुरुष हैं.’

दिसंबर 2021 में जीतन राम मांझी ने पंडितों के लिए अपशब्द का प्रयोग किया था. जब उनके बयान पर विवाद बढ़ा तो जीतन राम मांझी ने यह कहते हुए माफ़ी मांगी कि उन्होंने अपशब्द का प्रयोग पंडितों के लिए नहीं बल्कि अपने समाज के लिए किया था.

जीतन राम मांझी नेट वर्थ (Jitan Ram Manjhi net worth)

साल 2020 में हुए चुनाव के दौरान दिए गए शपथ पत्र के अनुसार जीतन राम मांझी के पास 44.38 लाख रूपए की संपत्ति है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.