KK Shailaja Biography – जानिए कौन हैं केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा, दुनियाभर में हो रही तारीफ़

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इन दिनों सोशल मीडिया पर एक नाम काफी चर्चित है और वह नाम है केके शैलजा का. कुछ समय पहले तक केरल की हेल्थ मिनिस्टर रही केके शैलजा की तारीफ़ आज देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हो रही है. दरअसल केके शैलजा ने स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए जिस तरह से केरल में कोविड मैनेजमेंट को लेकर उन्होंने काम किया, वह अपने आप में मिसाल है.

बीते दिनों केरल में विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से पिनराई विजयन की सरकार बनी तो सभी को विश्वास था कि केके शैलजा ही एक बार फिर से स्वास्थ्य मंत्री बनेगी और शानदार काम जारी रखेगी. हालांकि ऐसा नहीं हुआ और केके शैलजा को पिनराई विजयन के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली. इसके बाद सोशल मीडिया पर एक तबका मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के फैसले की आलोचना कर रहा है. लोगों का कहना है कि जिस केके शैलजा ने स्वास्थ मंत्री रहते हुए इतना अच्छा काम किया, भला उसे फिर से मंत्री क्यों नहीं बनाया गया?

इन सब के इतर केके शैलजा आज केरल में एक बड़ा चेहरा बन चुकी है, लेकिन केरल से बाहर कई लोग आज भी केके शैलजा के नाम से वाकिफ नहीं है. तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि के के शैलजा कौन है? (who is kk shailaja)

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केके शैलजा का जीवन परिचय (kk shailaja biography)

बता दे कि केके शैलजा का जन्म 20 नवंबर 1956 को कन्नूर जिले के मट्टानूर में हुआ था. केके शैलजा के पिता का नाम के. कुंदन है. केके शैलजा की माता का नाम केके शांता है. केके शैलजा ने बीएससी और बीएड की पढ़ाई की है. राजनीति में आने से पहले केके शैलजा एक टीचर थी. केके शैलजा बच्चों को फिजिक्स पढ़ाती थी.

केके शैलजा की राजनीति में एंट्री स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी एसएफआई के जरिए हुई. केके शैलजा पहली बार साल 1996 में विधायक बनी. वह कुथुपरंबा सीट से चुनाव जीतकर केरल विधानसभा पहुंची. इसके बाद केके शैलजा ने साल 2006 में कन्नूर जिले की पेरावूर सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीतकर विधानसभा पहुंची.

साल 2016 में केके शैलजा ने एक बार फिर से कुथुपरंबा सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. केके शैलजा की लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है कि उन्होंने इस चुनाव में 60,963 वोटों के अंतर से जीत हासिल की. केरल विधानसभा चुनाव में यह अपने आप में एक रिकॉर्ड था.

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साल 2016 में रिकॉर्ड जीत हासिल करने के बाद केके शैलजा को पिनराई विजयन की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया. स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद केके शैलजा के सामने पहली बड़ी चुनौती आई साल 2018 में. इस साल केरल में निपाह वायरस ने दस्तक दी. निपाह वायरस कितना खतरनाक था इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है कि इसका डेथ रेट 70 प्रतिशत था जबकि कोरोना का डेथ रेट 2 प्रतिशत है. ऐसे में केके शैलजा ने इस वायरस से निपटने के लिए एक अच्छी रणनीति बनाई और खुद अस्पतालों का दौरा किया. उनकी इस मेहनत का असर भी केरल में नजर आया.

साल 2020 में केके शैलजा के सामने एक बार फिर से कोरोना वायरस की चुनौती आई. देश में कोरोना वायरस का पहला मरीज केरल से ही सामने आया. ऐसे में केके शैलजा के नेतृत्व में केरल में सभी एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशनों पर स्क्रीनिंग शुरू की और जिन लोगों में कोरोना के लक्षण नजर आए उन्हें सीधे अस्पताल भेजा गया. केके शैलजा के नेतृत्व में केरल में जल्द ही कोरोना काबू में आने लगा.

केके शैलजा ने कोरोना संकट में जिस तरह से काम किया उसकी देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में तारीफ़ हुई है. संयुक्त राष्ट्र ने पिछले साल केके शैलजा को यूनाइटेड नेशंस पब्लिक सर्विस डे पर पैनल डिस्कशन के लिए भी आमंत्रित किया था. ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने केके शैलजा को रॉकस्टार बताया था. इसके अलावा ब्रिटिश मैग्जीन ‘प्रोस्पेक्ट’ ने केके शैलजा को 2020 के टॉप थिंकर की लिस्ट में पहले नंबर पर रखा था. साथ ही ब्रिटिश वेबसाइट फाइनेंशियल टाइम्स ने केके शैलजा को साल 2020 की सबसे प्रभावशाली महिलाओं की सूचि में शामिल किया था. बीबीसी ने भी केके शैलजा को एशियन वुमन कोरोना फाइटर्स की लिस्ट में जगह दी है.

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