कभी बाल्टी में भरकर बेचते थे रसगुल्ले, आज Bikanervala है दुनिया का मशहूर ब्रांड

Bikanervala wikipedia, bhujiya, namkeen, success story and more

0

Bikanervala Success Story in Hindi – 

चाहे आप खाने के शौकीन हो या ना हो लेकिन बीकानेरवाला (Bikanervala) एक ऐसा नाम है जो आपने जरूर सुना होगा. चाहे बीकानेरवाले का नमकीन हो, या तीखी भुजिया या फिर मीठे रसगुल्ले, बीकानेरवाले के हर प्रोडक्ट का स्वाद (Indian restaurant) लोगों की जुबान पर चढ़ा हुआ है. आज बीकानेरवाले का नाम ही देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक फैला है. दुनिया के कई देशों में बीकानेरवाले के स्टोर हैं.

आज भले ही बीकानेरवाला पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं लेकिन एक समय ऐसा भी था जब कंपनी के मालिक बाल्टी में भरकर रसगुल्ले और भुजिया बेचा करते थे. हम बात कर रहे हैं बीकानेरवाला के मालिक केदारनाथ की. बीकानेरवाला शुरू करने से लेकर उसे इतना बड़ा ब्रांड बनाने का सफ़र काफी संघर्षपूर्ण रहा है. तो चलिए हम जानते हैं कि दिल्ली की एक छोटी सी जगह से शुरू हुआ बीकानेरवाला आज कैसे दुनिया में मशहूर हो गया है (Bikanervala Success Story).

Ghadi Detergent Success Story – छोटी सी फैक्ट्री से हुई थी शुरुआत, जानिए कैसे अरबों रुपए की…

कैसे हुई बीकानेरवाला की शुरुआत ? How Bikanervala started ?

बीकानेरवाला की कहानी शुरू होती है साल 1955 से. दरअसल 1955 में बीकानेरवाला के मालिक लाला केदारनाथ अग्रवाल (Bikanervala owner Kedarnath Agarwal) अपने भाई के साथ दिल्ली काम की तलाश में आए थे. दोनों भाइयों के पास दिल्ली में ठहरने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी. ऐसे में दोनों भाई दिल्ली की एक धर्मशाला में ठहरे. उन दिनों धर्मशाला में सिर्फ 3 दिनों के लिए ही ठहरा जा सकता था, लेकिन केदारनाथ जी बीकानेर से अपने जानकार से धर्मशाला में 1 महीने तक रुकने की सिफारिश चिट्ठी लिखवा कर आए थे. ऐसे में उन्हें दिल्ली 1 महीने तक रुकने का ठिकाना मिल गया.

रुकने की व्यवस्था होने के बाद दोनों भाइयों ने बाल्टी में रसगुल्ले और कागज की पुड़िया में बीकानेरी भुजिया और नमकीन बांधकर बेचना शुरू किया. दोनों भाई गली-गली में जाकर लोगों को रसगुल्ले और भुजिया बेचते थे. लोगों को उनके रसगुल्ले और भुजिया बेहद पसंद आने लगे (Bikanervala Success Story).

Zomato Success Story – जानिए कैसे हुई थी जोमैटो की शुरुआत, आज दुनिया भर में फैला है कारोबार

जब एक आदमी को देते थे बस 10 रसगुल्ले :

इसके बाद अपना व्यापार बढ़ाने के लिए केदारनाथ जी ने एक दुकान किराए पर ले ली. धीरे-धीरे इनके रसगुल्लो और भुजिया की मांग बढ़ने लगी तो केदारनाथ जी ने बीकानेर से कारीगरों को बुलवाया. इस तरह देखते ही देखते केदारनाथ जी का काम चल पड़ा. लोग उनके मूंग के हलवे, रसगुल्ले और नमकीन के दीवाने हो चुके थे. खासकर त्योहारों के मौके पर उनकी दुकान पर ग्राहकों की लंबी-लंबी लाइन लगने लगी. उनके रसगुल्ले की इतनी बिक्री होने लगी कि उनको एक नियम बनाना पड़ा कि वह एक आदमी को 10 से ज्यादा रसगुल्ले नहीं देंगे.

कैसे पड़ा बीकानेरवाला का नाम ? How Bikanervala named ?

जब काका जी की दुकान अच्छी तरह चलने लगी तो उन्होंने अपनी दुकान का नाम बीकानेरी भुजिया भंडार रखा. एक दिन जब केदारनाथ जी के बड़े भाई दिल्ली आए और दुकान का नाम देखा तो कहा कि हमने तुम्हें यहां बीकानेर का नाम रोशन करने के लिए भेजा था. तुमने दुकान का यह कैसा नाम रखा है? इसके बाद दुकान का नाम बदलकर बीकानेरवाला कर दिया गया. उसके बाद से आज तक बीकानेरवाला नाम ही ट्रेडमार्क बना हुआ है.

धीरे-धीरे बीकानेरवाला का नाम देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जाना जाने लगा. बीकानेरवाला के डायरेक्टर श्याम सुंदर अग्रवाल बताते हैं कि बीकानेरवाला आज पूरी दुनिया का जाना माना नाम है. बीकानेरवाला के स्टोर भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में है. भारत के अलग-अलग शहरों के अलावा बीकानेरवाला के दुबई में 12, नेपाल में 7, न्यूजीलैंड, सिंगापुर और अमेरिका में दो आउटलेट हैं. बीकानेरवाला को लगातार 3 सालों तक टाइम्स फूड अवॉर्ड्स के बेस्ट स्वीट शॉप (Best sweets and namkeen shop Bikanervala) का पुरस्कार भी मिला है. बीकानेरवाला आज दुनिया के 30 देशों में निर्यात करता है. आज कंपनी लगभग 1100 करोड रुपए (Bikanervala Net Worth) की है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.