जानिए एक से दुसरे को और दुसरे से तीसरे को होने वाली गंभीर बीमारी एड्स से जुड़ीं हर बात

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विश्व में 1 दिसंबर के दिन एड्स दिवस मनाया जाता है जिसका सिंबल लाल रिबन होता है एड्स वर्तमान युग की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है मतलब की खून में दौड़ते मौत का वायरस जो की एक तरह का संक्रामक यानी की एक से दुसरे को और दुसरे से तीसरे को होने वाली एक गंभीर बीमारी है एड्स का पूरा नाम ‘एक्वायर्ड इम्यूलनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम’ है यह तीन मुख्य तरह के संक्रमण की वजह से होता है रक्त के आदान-प्रदान असुरक्षित यौन संबंधो और माँ से शिशु के द्वारा यह फैलता चले जाता है।

जब एड्स का यह वायरस मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है उस समय में कोई भी कोशिकाओं में घुस कर यह आजीवन पड़ा रह सकता है। इस संक्रमण का यदि समय पर इलाज नहीं किया तो आखिर में मनुष्य की मौत भी हो सकती है इसी कारण आज भारत में यह महामारी से जूझ रहा है क्योकि भारत में एड्स रोग की चिकित्सा बहुत ही महंगी होती है हालांकि सही चिकित्सा से 10-12 वर्ष तक एड्स के साथ में जीना संभव पाया गया है किन्तु यह आम इंसान के लिए आम बात नहीं है।

एड्स  कैसे फैलता है :-

• दूषितं सुई से इजेक्शन लगाने पर।

• संक्रमण वाला खून दिए जाने से।

• संक्रमण ग्रस्त गर्भवती महिला से उसके होने वाले बच्चे को।

• संक्रमण ग्रस्त माँ द्वारा स्तनपान कराने से बच्चे को।

• किसी संक्रमण व्यक्ति के साथ यौन सम्पर्क के द्वारा।

एड्स के लक्ष्ण :-

• बार-बार बुखार आना।

• खांसी आते रहना रात को पसीना आना।

• चमड़ी पर गुलाबी रंग के धब्बे होना।

• शरीर पर निशान बनना।

• मानसिक रोक और कमजोर होना।

• वजन का काफी हद तक घंट जाना।

• शरीर में दर्द होना।

एड्स से कैसे बचे :-

• अगर आप एड्स की बिमारी से गस्त है तो अपने जीवन साथी से इस बात का खुलासा अवश्य करे क्यों की आपके बात छुपाये रखने हो सकता है की आपके जीवन साथ भी इस बिमारी का शिकार हो जाए।

• अगर आप एड्स के संक्रमण से ग्रस्त है तो कभी रक्तदान न करे।

• यदि आपको लगता है की आप एड्स की बिमारी से ग्रस्ति है तो तुरंत ही इस का परीक्षण करा ले।

एड्स रोक का उपचार :-

एड्स के इलाज के लिए औषधी विज्ञान पर निरंतर संशोधन चल रहा है भारत,जापान ,अमेरिका ,यूरोपीय देश और अन्य देशो में भी इस के इलाज और इससे बचने के टीकों की खोज की जारी है और एड्स के मरीजो को इससे लड़ने और एड्स होने के बावजूद कुछ समय तक के लिए साधारण जीवन जीने में समर्थ है लेकिन अंत में उनकी मौत तय है।

लेकिन एक बात यह अच्छी है की सिपला और हेटेरो जैसे प्रमुख भारतीय दवा निर्माता एड्स से ग्रस्त व्यक्ति के लिए जल्द ही पहली एक में तीन मिश्रित निधिक अंशगोलियाँ बनने जा रहे है जो इलाज सरल और आसान बना सकेगा इन दवाईयों पर प्रति व्यक्ति को सालाने का खर्च करीब 1 लाख रूपए का होगा।

एड्स और एच.आई.वी में क्या अंतर है :-

एच.आई.वी एक अति सुक्ष्म विषाणु है जिसके कारण एड्स हो सकता है एड्स स्वयं में कोई रोग नहीं होता है बल्कि एक संलक्षण है यह इंसान के अन्य रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है यानी की जुकाम से लेकर टीबी,क्षय रोगकर्क रोग जैसे कई रोग भी दे देता है जिनका इलाज करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है और मनुष्य की मौत भी हो सकती है।

भारत में एड्स की सख्यां :-

भारत में लगभग 14-16 लाख लोगो एच.आई.वी और एड्स से प्रभावित है हालांकि मूल रूप से भारत में करीब 55 लाख एड्स से संक्रमित हो सकते है और इन आंकड़ो की माने तो विश्व में स्वास्थ्य संगठन और यू.एन.एड्स के द्वारा समर्थिक संयुक्त राष्ट्र में 2011 के एड्स की रिपोर्ट में पिछले 10 वर्षो से भारत में नए एच.आई.वी संक्रमण की सख्यां में 50% तक की गिरावट आ गई है।

एड्स के रोगी के प्रति व्यवहार :-

जिस तरह से एड्स एक बहुत ही बड़ा दुष्प्रभाव बिमारी है ठीक उसी प्रकार समाज के लोगो को भी एक संदेह और भय का रोग लग जाता है और इस भयानक स्थिति से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण पक्ष में सामाजिक बदलाव लाना बेहद जरुरी है।

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