21वीं सदी के इस दौर में आज भी समाज में थर्ड जेंडर समाज यानि किन्नरों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आज भी कई जगह लोग किन्नरों को अच्छी नजर से नहीं देखते हैं. इसके अलावा किन्नर ज्यादातर यात्रा करते रहते हैं, ऐसे में किन्नरों को टॉयलेट को लेकर सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. उनके लिए अलग से शौचालय नहीं होने के कारण उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. हाल ही में शाजापुर जिले में किन्नरों की इस समस्या का समाधान करने और उन्हें समाज में सम्मान दिलाने के लिए अभिनव पहल की है.
शाजापुर जिला प्रशासन ने किन्नरों की इस समस्या का समाधान करते हुए उनके लिए सार्वजनिक शौचालय का निर्माण करवाया गया है. यानि जिले में 87 जगहों पर सार्वजनिक शौचालय का निर्माण हो रहा है और सभी जगहों पर किन्नरों के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था की गई है.
संभवतः शाजापुर जिला प्रदेश का ऐसा पहला जिला होगा जहां किन्नरों के लिए इतनी बड़ी संख्या में अलग से शौचालय का निर्माण किया जा रहा है. अब तक 19 परिसरों का निर्माण हो चुका है और अन्य परिसरों के निर्माण पर तेजी से काम किया जा रहा है.
किन्नर रानी ने बताया कि एक बार उसे किसी काम से कलेक्टर ऑफिस जाना पड़ा. इस दौरान वह शौचालय का उपयोग करने के लिए महिला शौचालय में चली गई और मैन गेट को बंद कर दिया. इस दौरान एक महिला कर्मचारी वहां आई और गेट बंद होने पर पूछा कि अंदर कौन है? जब रानी ने जवाब दिया तो आवाज भारी होने के कारण महिला कर्मचारी को लगा कि अंदर कोई पुरुष है और उसने अन्य लोगों का वहां बुला लिया.
रानी ने बताया है कि हमें अक्सर ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में जिला प्रशासन ने हमारी समस्या को समझा और हमारे लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था की, इसके लिए उनका बहुत-बहुत आभार. किन्नरों के महंत बद्री गुरु ने भी किन्नरों के लिए अलग से शौचालय बनाने के लिए जिला प्रशासन की इस पहल की सराहना की है.
वहीं इसको लेकर जिला पंचायत सीईओ मिशा सिंह ने बताया है कि सभी को सुलभ स्वच्छता का अधिकार है, लेकिन अब तक ट्रासंजेंडर इस अधिकार से वंचित थे. ट्रासंजेंडर को सार्वजानिक जगहों पर शौचालय के लिए परेशानी उठानी पड़ती थी. इसी को देखते हुए जिले में ट्रासंजेंडर के लिए अलग से शौचालय बनाए गए है. शहर के कई बड़े शहरों में इस तरह के शौचालय का निर्माण किया गया है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में संभवत पहली बार ट्रासंजेंडर को इस तरह की सुविधा मिलने जा रही है.
वहीं शाजापुर के कलेक्टर दिनेश जैन का कहना है कि थर्ड जेंडर को शौचालय को लेकर आने वाली परेशानी को खत्म करने के लिए हमने विशेष शौचालय निर्मित कराए हैं. थर्ड जेंडर भी समाज का अभिन्ना अंग हैं, हमारा प्रयास है कि इन्हें जिले में सभी मूलभूत सुविधाएं प्राप्त हों.