जानिए कैसे एक ऑटो चालक का बेटा बन गया 21 साल की कम उम्र में आईएएस ऑफिसर

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आपने यह तो सुना होगा कागज अपनी किस्मत से उडता है लेकिन पतंग अपनी काबिलयत पर उडती है ऐसा ही असल जिंदगी में किस्मत चाहे साथ दे न दे लेकिन काबिलयत जरुर साथ देती है.

भले ली कई लोग गरीब घर में जन्मे होते है लेकिन उनमे इतनी काबिलियत होती है कि वो अपने सपनो को हकीकत में बदल देते है अब कोई सोच सकता है की एक रिक्शा चालक का बेटा ईएएस ऑफिसर बन सकता है वो भी केवल 21 साल की उम्र में.

पहली बार किया पास-:

कई लोग महंगी कोचिंग जा कर भी इस परीक्षा को पास नही पाते है लेकिन कुछ लोग मन में ठान लेंते है की पास होना ही है फिर चाहे वह कोई सी भी परिस्थिति हो वह उनसे गुजर जाते है उन्ही में से एक नाम अंसार अहमद शेख का है.

शिक्षक से मिली आईएएस बनने की प्रेरणा-:

2015 में इन्होने यूपीएससी की परीक्षा दी और पहली कोशिश में कामयाब रहे और अपने पिता का नाम गर्व से उचा कर दिया आईएएस अंसार अहमद शेख के अनुसर उनको अपने शिक्षक से आईएएस बनने की प्रेरणा मिली इन्होने आईएएस बनने के बाद अपने शिक्षक को किया.

91 प्रतिशत अंक हासिल किए-:

उन्होंने अपने एसएससी बोर्ड की परीक्षा में 91 प्रतिशत अंक हासिल किए इनके परिवार को काफी संघर्ष करना पड़ा महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के जालना स्थित शेडगांव गांव के यह रहने वाले थे इन्होने अपने पिता युनुस खान  सर गर्व से उचा कर दिया.

परिवारवालों को हुई बहुत परेशानी-:

सिविल सर्विसेस की तैयारी के दौरान उनका परिवार बहुत बुरे समय से गुजर रहा था परिवालों को भूखे ही सोना पड़ जाता था लेकिन जब असार का रिजल्ट आया तो सबके चेहरे खिल गए गरीब होने के चलते इनके पिता ने अच्छी शिक्षा प्रदान कर पाए.

माँ ने किया खेतो में काम-:

मां ने खेतों में काम किया और  अंसार के  भाई ने उनके लिए पढाई छोड़ दी ताकि उनको अच्छे से पढाए जाए क्योकि अंसार का पढाई में काफी मन था आईएएस ऑफिसर बनने के बाद आज अंसार भारत सरकार में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

आप भी कर सकते अपनी मजिल हासिल-:

जब एक रिक्शा चालक का बेटा आईएएस ऑफिसर बन सकता तो फिर दुनिया में कोई भी व्यक्ति  अपनी मजिल पा सकता है हर कोई आपको रास्ता दिखाएगा लेकिन चलना आपको खुद पड़ेगा भले आप किनते भी गरीब क्यों न हो लेकिन एक बात जरुर याद रखना एक दिन आपको उचा उठने का मौका जरुर मिलता है.

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