जानिए CBI के नए डायरेक्टर सुबोध कुमार जायसवाल कौन है

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दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे आईपीएस अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल (Subodh Kumar Jaiswal) के बारे में. सुबोध कुमार जायसवाल को cbi का नया डायरेक्टर नियुक्त किया गया है. एक सुबोध कुमार जायसवाल वर्तमान में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (Central Industrial Security Force) के चीफ है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को सीबीआई के नए निदेशक की नियुक्त को लेकर बैठक में CBI के नए निदेशक के तौर पर तीन नामों पर चर्चा हुई. इन नामों में सुबोध कुमार जायसवाल के अलावा सशस्त्र सीमा बल के डीजी केआर चंद्र और होम मिनिस्ट्री के स्पेशल सेक्रेटरी वीकेएस कौमुदी के नाम शामिल है. हालांकि वरिष्ठता को देखते हुए सुबोध कुमार जायसवाल के नाम पर सहमति बनी है. तो चलिए इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि सुबोध कुमार जायसवाल कौन है? (Who is Subodh Kumar Jaiswal). साथ ही जानेंगे सुबोध कुमार से जुड़ी बातें (About Subodh Kumar Jaiswal):

सुबोध कुमार जायसवाल का जन्म 22 सितंबर 1962 को हुआ था. सुबोध कुमार जायसवाल महज 23 साल की उम्र में IPS अधिकारी बन गए थे. वह 1985 बैच महाराष्ट्र कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं. इस छोटी सी उम्र में IPS का पद सँभालने वाले सुबोध कुमार आज 58 साल के हैं और सीआईएसएफ के मुखिया (CISF Chief Subodh Kumar Jaiswal) हैं. सुबोध कुमार जायसवाल को हमने कम ही सुर्ख़ियों या ख़बरों में देखा है.

सुबोध कुमार जायसवाल कई सालों तक इंटरनेशनल एजेंसियों में काम कर चुके हैं. सुबोध कुमार जायसवाल भारत की खुफिया एजेंसी रॉ (Research and Analysis Wing) में भी काफी समय तक कार्यरत रहे हैं. वे RAW के अतिरिक्त सचिव भी रहे हैं. इसके अलावा सुबोध कुमार जायसवाल मुंबई के एडिश्नल कमिश्नर का पद भी संभाल चुके हैं.

सुबोध ने बिज़नस एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है, लेकिन वे देश की सेवा करना चाहते थे और इस कारण ही उन्होंने 23 साल की उम्र में ही आईपीएस की सेवा को ज्वाइन किया था. सुबोध कुमार जायसवाल की पहली पोस्टिंग की बात करें तो उनकी पहली पोस्टिंग साल 1986 में एएसपी अमरावती के रूप में मिली थी.

इस पद के बाद सुबोध कुमार ने अपने करियर में आगे बढ़ने की ठान ली और पीछे मुड़ने को ना ही कह दिया. सुबोध कुमार जायसवाल को उनके करियर की शुरुआत में कई नक्सल एरिया, जिनमें औरंगाबाद, उस्मानाबाद और गढ़चिरौली भी शामिल हैं, जैसी जगहों पर पुलिस अधीक्षक के रूप में भी काम करना पड़ा.

सुबोध ने महाराष्ट्र पुलिस की एसआईटी (SIT) से लेकर मुंबई में टेररिस्ट निरोधक दस्ते के DIG के रूप में भी काम किया. हर जगह पर सुबोध कुमार को अपने मजबूत पद के लिए देखा जाता रहा है. सुबोध कुमार जायसवाल के बारे में यह कहा जाता है कि उन्होंने हमेशा से काम को तवज्जो दी है. उन्होंने अपने काम के चलते किसी चीज की भी परवाह नहीं की.

उन्हें जब केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर नौकरी के लिए कहा गया तो भी उन्होंने मना नहीं किया और स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप (SPG) यानि हिंदुस्तानी प्रधानमंत्री के सुरक्षा दस्ते (Special Protection Group) में शामिल हो गए. उन्हें यहाँ सहायक महानिरीक्षक और उप-महानिरीक्षक एसपीजी (SPG) के पद पर काम किया. इसके बाद उन्हें केबिनेट सचिवालय में संयुक्त सचिव और अतिरिक्त सचिव के पद पर भी काम किया.

सुबोध कुमार जायसवाल को कई जिम्मेदारियों के साथ आगे बढ़ता देखा गया. इस बीच उन्होंने अपने हर पद पर अपने काम के लिए तारीफें भी बटोरी और काम को अहमियत देते हुए आगे बढ़ते ही चले गए. साल 2001 में सुबोध कुमार को राष्ट्रपति पुलिस पदक (President’s Police Medal) से सम्मानित किया गया.

उन्होंने हमेशा से ही अपने पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए काम किया और इसे देखते हुए भारत सरकार के द्वारा उन्हें साल 2009 में फिर से सम्मानित किया गया. सरकार ने सुबोध कुमार की विशिष्ट सेवाओं को देखते हुए उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक (President’s Police Medal) से सम्मान दिया.

सुबोध कुमार जायसवाल के कदम यहीं नहीं रुके और उन्होंने अपने जाबांज कामों से सबका दिल जीतना कायम रखा. इसे देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें ‘असाधारण सुक्षा सेवा प्रमाण-पत्र’ (Asadharan Suraksha Seva Praman Patra) भी दिया. इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने सुबोध कुमार को ‘विशेष सेवा पदक’ भी दिया.

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