अच्छी पहल : डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों कहानी सुनते हैं राज डागवार, बदले में देते हैं 10 रुपए

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हेलो दोस्तों ! आज हम आपको एक ऐसे स्टार के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका काम ही उनकी पहचान बन रहा है। दरअसल हम जिस शख्स के बारे में बात कर रहे हैं उनका नाम है ‘राज डागवार’ और ये लोगों की कहानी सुनते हैं। इनका मोटिव है कि वे डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों की कहानी सुने और उनके दिल के बोझ को हल्का करें। इतना ही नहीं वे कहानी बताने वाले को 10 रु। भी देते हैं। राज का स्लोगन है ‘टेल मी योर स्टोरी एंड आई विल गिव यू 10 रुपए (Tell me your story, I’ll give you Rs 10)’।

जब हमने राज से इस बारे में सवाल किए तो उन्होंने अपने इस काम के बारे में बताया। तो चलिए जानते हैं राज के काम के बारे में विस्तार से :

सवाल : आप लोगों की किस तरह की कहानियां सुनाने के लिए कहते हैं?

राज : अमूमन लोग डिप्रेशन से जूझ रहे होते हैं। जिनमें आजकल के युवा का स्थान सबसे ऊपर है। ऐसे में उन्हें ऐसी बातें बताने के लिए कहा जाता है जिनसे उन्हें डिप्रेशन हो और जो बातें उनमें नेगेटिविटी भर रही हो।

सवाल : राज, आपको डिप्रेशन में जाने वाले लोगों की बात सुनने का ख्याल सबसे पहले कब और कैसे आया?

राज : दरअसल मैं खुद भी एक समय में काफी डिप्रेशन से जूझ चुका हूँ और मुझे उस समय ऐसा लगता था कि कोई तो ऐसा व्यक्ति हो जिसके साथ मैं अपनी फीलिंग्स और अपनी बातें शेयर कर सकूं। क्योकि कई बार कई ऐसी बातें होती हैं जिन्हें हम अपने पेरेंट्स के साथ शेयर नहीं कर सकते, अपने फ्रेंड्स के साथ तक भी शेयर नहीं कर सकते। क्योंकि हमारे मन में डर रहता है कि कहीं वो हमें जज ना करने लगे। ऐसे में हमें काफी अकेला फील होने लगता है। और उन्हें ऐसा लगता है कि हमें कोई समझने वाला नहीं है। आजकल की बात करें तो यूथ वैसे भी अपने पेरेंट्स से दूर जाने लगा है। और खुद की बातों को दिल में ही रखता है।

ऐसे में मुझे आया कि यदि मैं खुद डिप्रेशन के दौरान कई ऐसी बातें सोचता था और मेरे मन में भी कई नेगेटिव ख्याल आते थे तो यह किसी के भी मन में आ सकते हैं। तो मुझे ऐसे लोगों से मिलना चाहिए और उनकी बातें सुनना चाहिए। ताकि वे खुद को अकेला ना समझें और अपनी बातों को किसी के साथ शेयर कर सकें। ऐसा मैंने पहले विदेश में एक जगह देखा था जहाँ कांसेप्ट था कि ‘हग मी एंड आई विल गिव यू 1 डॉलर। मुझे यह बात काफी अच्छी लगी और इसी की तर्ज पर मैंने इसकी शुरुआत पुणे में की।

सवाल : लोगों के डिप्रेशन की स्टोरी सुनने की शुरुआत के बारे में कुछ बताएं।

राज : इसकी शुरुआत 5 दिसम्बर 2020 से हुई। जिसके बाद से मैं लगातार प्रतिदिन शाम को 6 बजे FC रोड पर अपना बोर्ड लेकर खड़ा रहता हूँ। पहले दिन की बात करें तो उस दिन मैं खुद भी काफी डरा हुआ था कि जाने इंडिया में लोग इसे किस तरह से देखेंगे और मुझे लोगों से किस तरह का रिप्लाई मिलेगा। लेकिन मेरी काफी लोगों से बातें हुई और यह काफी अच्छा रहा। इसके बाद लोगों ने इस कांसेप्ट को समझना शुरू किया और इसकी शुरूआत से ही मुझे काफी लोग अपनी कहानियां भी बताने के लिए आगे आने लगे।

सवाल : आप जब रोड साइड अपने साथ एक प्लेकार्ड लेकर खड़े रहते हैं और लोगों को अपनी कहानी सुनाने के लिए कहते हैं तो लोगों का क्या रिएक्शन रहता है?

राज : काफी लोग इस बारे में समझ ही नहीं पाते हैं कि आखिर यह क्या हो रहा है और यह क्यों किया जा रहा है। दरअसल लोग बात ही करने के लिए रेडी नहीं हैं। लेकिन मैं चाहता हूँ कि लोग बात करें तो अपने बारे में बातें शेयर कर अपने दिल के बोझ को हल्का करें। डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों को लगता है कि वे अकेले हैं और वे इसे किसी के साथ क्यों शेयर करें? लेकिन जब उन्हें बताया जाता है कि मैं ऐसा क्यों कर रहा हूँ तो वे इस बारे में मुझसे बातें करने आते हैं। क्योंकि कई लोग ऐसी हैं जो डिप्रेशन में रहते हैं और उन्हें जरुरत है कि वे अपनी बातों को किसी के साथ शेयर करें।

सवाल : राज आप प्रतिदिन कितने लोगों से मिल लेते हैं और उनकी डिप्रेशन से जुड़ी कहानी सुन लेते हैं?

राज : मैं रोजाना करीब 40 से लेकर 50 लोगों से मिल लेता हूँ। लेकिन स्टोरी की बात करूं तो करीब 15 लोगों की स्टोरी मैं डेली सुन लेता हूँ। इसके अलावा कई लोग मैसेज भी करते हैं तो उनसे सोशल मीडिया पर भी बात हो जाती है।

सवाल : “Tell me your story, I’ll give you Rs 10” आपके इस कांसेप्ट के अंतर्गत अपनी कहानी शेयर करने के बाद कितने लोग आपसे पैसे ले लेते हैं?

राज : पैसे काफी लोग ले लेते हैं। लेकिन मेरे इस पैसे देने की बात के पीछे एक रीज़न है। जैसा कि हम देखते हैं कि आजकल की लाइफ में हम सभी काफी बिजी हो गए हैं। हम अपने आसपास की चीजों तक पर गौर नहीं करते हैं और यह भी नहीं समझते कि यदि कोई हमारे आसपास डिप्रेशन में हो तो उससे बात करें और उसके हालचाल पूछे। ऐसे में मैं उन्हें 10 रुपए देता हूँ और कहता हूँ कि वे अपनी स्टोरी मुझे सुनाएं। उन्हें मैं 10 रुपए देता हूँ और उन्हें अपनी स्टोरी सुनाने के बाद काफी अच्छा भी लगता है।

इसके साथ ही मैं उन्हें यह भी कहता हूँ कि वे यदि किसी को परेशान देखें तो उनकी बातें सुने और उन्हें भी यह आगे जारी रखने के लिए कहें। मैं चाहता हूँ कि यह एक चैन की तरह काम करे और लोग जब भी अपने आसपास किसी को डिप्रेशन में देखें तो उनसे बात करें और उनके दिल को हल्का करें।

सवाल : लोगों की स्टोरी सुनते समय कई बार आप भी इमोशनल हो जाते होंगे? आप तब कैसे रियेक्ट करते हैं?

राज : कई बार ऐसा होता है कि लोग काफी प्रॉब्लम में होते हैं और उन्हें यह बात समझ में भी नहीं आती कि वे डिप्रेशन में हैं। जब उनकी कहानी और उनकी बातें सुनी जाती है तब जाकर मुझे यह समझ में आता है कि उनकी स्थिति बहुत बुरी है। मैं खुद भी इस सिचुएशन में रह चुका हूँ तो मैं जानता हूँ कि क्या-क्या हो सकता है। मुझे जब अधिक डिप्रेशन में लोग मिलते हैं तो मैं उन्हें इससे निकलने के तरीके बताता हूँ और उन्हें सही सलाह भी देता हूँ।

सवाल : अपने इस काम को आगे बढाने के बारे में आप क्या सोचते हैं?

राज : दरअसल मैं चाहता हूँ कि लोग इस तरह की मुहीम का हिस्सा बने और इसे आगे बढाएं। खुद लोग इससे जुड़े और इसे अपने दिन के एक महत्वपूर्ण काम की तरह देखें और डिप्रेशन में जा चुके लोगों की कहानी सुनकर उन्हें अच्छा फील करवाएं। काफी लोग इस वक़्त भी मेरे साथ जुड़ चुके हैं और इस तरह का आम आगे बढाने में लगे हुए हैं।

 

“तो दोस्तों यह थी राज के साथ हुई बातचीत। आपको राज की यह मुहीम कैसी लगी हमें कमेंट के माध्यम से जरुर बताएं और अच्छे काम करते रहें।”

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