जानिए क्या है केमिकल कैस्ट्रेशन? पाक के बाद अब भारत में भी उठ रही बलात्कारियों को नपुंसक बनाने की मांग

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महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों से देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया परेशान है। दुनियाभर में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए तरह-तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में पाकिस्तान सरकार ने भी दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने के लिए एंटी-रेप ऑर्डिनेंस-2020 लेकर आई है। प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी कैबिनेट ने पिछले महीने ही इसे मंजूरी दे दी थी। अब पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के हस्ताक्षर करने के बाद यह कानून बन गया है। इस कानून के तहत अब पाकिस्तान में रेप के दोषियों का केमिकल कैस्ट्रेशन किया जाएगा। पाकिस्तान के इस कानून की दुनियाभर में सराहना हो रही है। भारत में भी बड़ी संख्या में लोग पाकिस्तान सरकार के इस कदम की सराहना कर रहे हैं। साथ ही भारत में बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी है जो मांग कर रहे है कि इस तरह का कानून भारत में भी लागू किया जाए। तो चलिए आज हम जानते है कि पाकिस्तान सरकार द्वारा लाया गया एंटी-रेप ऑर्डिनेंस-2020 क्या है? केमिकल कैस्ट्रेशन होता क्या है? केमिकल कैस्ट्रेशन का क्या असर होता है? क्या भारत में केमिकल कैस्ट्रेशन लागू किया जा सकता है? और अगर उसे लागू करते है तो क्या-क्या परेशानियाँ सामने आ सकती है?

1. एंटी-रेप ऑर्डिनेंस-2020 क्या है? (What is anti-rape ordinance -2020? )

दरअसल इसी साल सितंबर के महीने में पाकिस्तान के लाहौर में हाइवे पर अपने बच्चों के साथ जा रही महिला के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना घटी। इस घटना से पूरा पाकिस्तान उबल पड़ा। बड़ी संख्या में लोगों ने सड़कों पर उतरकर सरकार से रेप के दोषियों के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग की है। इसके बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि रेप के दोषियों को या तो सरेआम फांसी पर लटका देना चाहिए या फिर उनका केमिकली कैस्ट्रेशन करना चाहिए। इसके बाद ही इमरान खान की सरकार एंटी-रेप ऑर्डिनेंस-2020 लेकर आई जो अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन गया है।

2. केमिकल कैस्ट्रेशन क्या है (What is chemical castration)

दरअसल किसी पुरुष का केमिकल कैस्ट्रेशन करने का मतलब होता है उसे कुछ समय के लिए नपुसंक बना देना। यह केमिकल दवा या इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है। दवा नियमित रूप से लेनी पड़ती है जबकि इंजेक्शन का असर कुछ महीनों तक रहता है। यह केमिकल पुरुष के शरीर में जाने के बाद पुरुषों की उत्तेजना यानी हार्मोन को घटाकर, उनके टेस्टोस्टेरोन को कम दिया जाता है। हालांकि असर खत्म होने के बाद हार्मोन वापस पहले जैसे हो जाते हैं। केमिकल कैस्ट्रेशन के तहत साइप्रोटेरोन एसिटेट, मेडरॉक्सीप्रोगेस्टेरोन एसिटेट और LHRH जैसी दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। ये दवाएं पुरुषों के हार्मोन को कम करती है। ये हार्मोन ही पुरुषों की उत्तेजना को बढ़ाता है।

3. केमिकल कैस्ट्रेशन का कितना असर (How much effect of chemical castration)

किसी पुरुष का केमिकल कैस्ट्रेशन करने से उसके शरीर की हड्डियाँ कमजोर हो जाती है। उसकी मांसपेशियां कमजोर हो जाती है। खून की कमी हो सकती है। इसके अलावा भी केमिकल के कई प्रभाव पुरुष के शरीर पर पड़ते हैं। हालांकि दुनिया के कई देशों में केमिकल कैस्ट्रेशन के असर को लेकर सवाल उठता रहता है।

4. क्या भारत में हो सकता है लागू

जब से पाकिस्तान में बलात्कार के दोषियों को नपुसंक बनाने का कानून पास हुआ है तब से भारत में बड़ी संख्या में लोग सोशल मीडिया के जरिए इस तरह का कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। लोगों का मानना है कि अगर यह कानून भारत में भी बनता है तो इससे देश में रेप के मामलों में कमी आ सकती है। खासकर रेप के ऐसे दोषी जो परोल और फर्लो पर बाहर आते हैं उनका केमिकल कैस्ट्रेशन किया जा सकता है।

5. भारत में केमिकल कैस्ट्रेशन की परेशानियां

भारत में केमिकल कैस्ट्रेशन लागू की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि इसका असर कुछ समय तक ही रहता है। ऐसे में अगर कोई रेप का आरोपी अपनी सजा पूरी करके जेल से बाहर आता है तो केमिकल कैस्ट्रेशन का असर खत्म होने के बाद उसे दोबारा से इंजेक्ट करने के लिए खोजना भारत जैसी बड़ी आबादी वाले देश में मुश्किल होता है। इसके अलावा ऐसे अपराधी को परोल या फर्लो पर बाहर आते हैं उन्हें भी ट्रैक करना बड़ी चुनौती होगी।

6. भारत में इससे पहले भी उठी भी मांग

बता दे कि यह पहली बार नहीं है जब भारत में केमिकल कैस्ट्रेशन की मांग उठी है। भारत में पहली बार केमिकल कैस्ट्रेशन की मांग साल 2011 में उठी थी। इसके बाद साल 2012 में निर्भय केस के बाद भी केमिकल कैस्ट्रेशन की मांग उठी थी। उस समय भाजपा और उस समय वरिष्ठ भाजपा नेता व मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी इस मांग का समर्थन किया था। इसके अलावा हैदराबाद गैंगरेप के बाद भी देश में ऐसा कानून बनाने की मांग उठी थी। बता दे कि संसद की स्टैंडिंग कमेटी के पास भी यह प्रस्ताव पहुंचाया गया था, लेकिन इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया गया था।

7. दुनिया में किन देशों में मिली मान्यता

केमिकल कैस्ट्रेशन लागू करने वाला पाकिस्तान पहला देश नहीं है। पाकिस्तान से पहले भी कई ऐसे देश हैं जो इस कानून को लागू कर चुके हैं। अमेरिका के 8 राज्यों में इस तरह का कानून है। अमेरिका में सबसे पहले 1996 में एक रेप के दोषी का केमिकल कैस्ट्रेशन किया गया था। साल 2011 में रूस में इस तरह का कानून लाया गया था। साल 2013 में साउथ कोरिया में भी इसी तरह का कानून लागू किया गया था। इनके आलवा ब्रिटेन, जर्मनी, पोलैंड, इंडोनेशिया जैसे देशों में भी इस तरह का कानून है।

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