Kamla Bhasin Biography : जानें कौन थीं महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाली कमला भसीन ?

Kamla Bhasin wikipedia, biography, career, family and more

0

Kamla Bhasin Biography in Hindi – 

महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाली कार्यकर्ता कमला भसीन (Kamla Bhasin Indian developmental feminist activist) भले ही अब हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके किए गए काम उनकी पहचान को कायम रखे हुए हैं. कमला भसीन को कुछ समय पहले ही कैंसर हुआ था और इसे चलते ही उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था. जिसके चलते ही उनका निधन (Kamla Bhasin death) 25 सितंबर 2021 को हुआ.

कमला भसीन एक वुमन राइट्स एक्टिविस्ट (Kamla Bhasin women rights activist) के तौर पर अपना नाम बना चुकी थीं. हालाँकि अब भी कई ऐसे लोग हैं जो कमला भसीन के बारे में नहीं जानते हैं. तो चलिए हम आपको बताते हैं कमला भसीन कौन थीं ? (who was Kamla Bhasin) कमला भसीन का महिलाओं के लिए योगदान और कमला भसीन की बायोग्राफी (Kamla Bhasin Biography) के बारे में.

Kiran Bedi Biography – देश की पहली महिला IPS अधिकारी, अन्ना हजारे के आंदोलन में हो चुकी हैं…

कौन थीं कमला भसीन ? Who was Kamla Bhasin ?

कमला भसीन एक महिला अधिकार कार्यकर्ता होने के साथ ही एक मशहूर लेखिका भी रहीं. उन्होंने खुद का नाम महिलाओं के कार्यों और  समाजिक कार्यकर्ता के तौर पर बनाया था. वे साल 1970 से ही भारत और कई देशों के लिए महिलाओं की आवाज़ को सबके सामने रखने का काम करती रहीं. वे हर महिला आन्दोलन का मुख्य चेहरा बनी थीं.

महिला अधिकारों के लिए आवाज़ उठाते हुए कमला भसीन ने नारीवादी नेटवर्क जिसका नाम ‘संगत’ (Kamla Bhasin Sangat) रखा गया का भी निर्माण किया. यह नेटवर्क ग्रामीण, आदिवासी महिलाओं के हक़ के लिए काम करता है. सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ ही उन्होंने कई किताबें भी लिखीं. उनकी कई किताबें 30 से भी अधिक भाषाओँ में उपलब्ध हैं.

कमला भसीन की जीवनी/बायोग्राफी (Kamla Bhasin Biography) :

1. महिला अधिकार कार्यकर्ता कमला भसीन का जन्म (Kamla Bhasin date of birth) साल 24 अप्रैल 1946 में हुआ था. भारत के राज्य राजस्थान के एक सामान्य परिवार में जन्मी कमला भसीन के पिता एक डॉक्टर थे.

2. कमला भसीन ने पोस्ट ग्रेजुएशन (Kamla Bhasin education) किया हुआ है. उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से MA की डिग्री हासिल की है. यह डिग्री लेने के बाद कमला भसीन ने फेलोशिप पर पश्चिम जर्मनी के म्यूएनस्टर विश्वविद्यालय से विकास के समाजशास्त्र के बारे में पढ़ाई की है.

3. जब कमला भसीन की पढ़ाई पूरी हो गई तो वे बैड होननेफ में जर्मन फाउंडेशन फॉर डेवलपिंग कंट्रीज के ओरिएंटेशन सेंटर में टीचर बन गईं और उन्होंने यहाँ पढ़ना शुरू कर दिया. यहाँ कई समय तक पढ़ाने के बाद वे जर्मनी से वापस लौट आईं. यहाँ आने के बाद कमला भसीन खाद्य और कृषि संगठन का हिस्सा बन गई और इसके साथ ही उन्हें साउथ एशिया की महिलाओं को जेंडर ट्रेनिंग के लिए थाईलैंड जाना पड़ा.

काम करने वाली महिलाओं के पास होते ये 5 खास अधिकार, क्या आप जानती है?

4. इसके बाद कमला भसीन ने अपने फेमिनिस्ट नेटवर्क ‘संगत’ की स्थापना की और इसके साथ पूरा समय रहने के लिए अपनी जॉब को भी त्याग दिया.

5. कमला भसीन की बेटी का नाम मीतो भसीन मलिक (Kamla Bhasin daughter mito bhasin malik) था जिन्होंने साल 2006 में आत्महत्या कर ली थी. दरअसल उनकी बेटी मीतो क्लीनिकल डिप्रेशन से परेशान थीं और उन्होंने दवाई भी लेना बंद कर दिया था. कमला भसीन का एक बेटा है जिसे सब छोटू (Kamla Bhasin son chotu) कहते हैं. छोटू को सेरेब्रल पाल्सी है. दरअसल छोटू को एक साल की उम्र में ही किसी वैक्सीन का रिएक्शन हो गया था और इस कारण उन्हें इस परेशानी को झेलना पड़ रहा है.

6. कमला भसीन ने कई किताबो की रचना भी की हैं. जिनमें पितृसत्ता क्या है, मर्दानगी की खोज, Borders and Boundaries – भारत के विभाजन में महिलाऐं, मितवा आदि के नाम शामिल हैं. उनकी एक कविता ‘क्योंकि मैं लड़की हूं’ ने काफी नाम भी कमाया है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.