Beno Zephine Success Story : देश की पहली नेत्रहीन IFS ऑफिसर हैं बेनो जेफाइन

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Beno Zephine Success Story in Hindi –

यूपीएससी की परीक्षा में सफल होना हर स्टूडेंट का सपना होता है लेकिन यह सपना कुछ ही लोगों का पूरा हो पाता है. जहां कई लोग पूरी तरफ से सक्षम होने के बाद भी यूपीएससी की एग्जाम क्लियर नहीं कर पाते हैं तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपनी शारीरिक असक्षमता के बावजूद भी इस मुकाम को हासिल कर लेते हैं. आज हम बात कर रहे हैं बेनो जेफाइन (IFS Beno Zephine) के बारे में.

बेनो जेफाइन ने शारीरिक रूप से असक्षम होते हुए भी अपनी मेहनत से इस बात को साबित कर दिया कि व्यक्ति चाहे तो कुछ भी कर सकता है. आज हम आपको बेनो जेफाइन कौन हैं ? से लेकर बेनो जेफाइन की बायोग्राफी, बेनो जेफाइन की सक्सेस स्टोरी आदि के बारे में बताने जा रहे हैं तो चलिए जानते हैं बेनो जेफाइन के बारे में विस्तार से.

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कौन हैं बेनो जेफाइन ? Who is Beno Zephine ?

बेनो जेफाइन देश की पहली ऐसी आईएफएस ऑफिसर हैं जो पूरी तरह से नेत्रहीन हैं (She is the first 100% visually challenged officer in the IFS). लेकिन इसके बावजूद भी कभी खुद को किसी से पीछे नहीं होने देती हैं. बेनो जेफाइन ने साल 2014 में यूपीएससी परीक्षा में 343वीं रैंक हासिल की थी. जिसके बाद वे एक इंडियन फॉरेन सर्विस अधिकारी बनीं. वे अपने काम से अपना और अपने परिवार का नाम रोशन कर रही हैं.

बेनो जेफाइन की सक्सेस स्टोरी : Beno Zephine Success Story :

जब बेनो जेफाइन स्कूल में थीं तब से उन्होंने यह मन बना लिया था कि वे सिविल सर्विसिज (Civil Services) की तैयारी करेंगी. अपने इस सपने को सच करने में जुटी बेनो ने स्कूल टाइम में ब्रेल लिपि में लिखी किताबों से अपनी तैयारी को शुरू कर दिया था. उन्होंने इसके लिए इंटरनेट का भी सहारा लिया. बेनो जेफाइन ने इंटरनेट के माध्यम से अपने सब्जेक्ट्स के बारे में सुनकर जाना और इन्हें समझना शुरू कर दिया.

बेनो खुद नहीं देख सकती थीं लेकिन उनके माँ-बाप ने उन्हें कभी इसकी कमी महसूस नहीं होने दी. जब वे यूपीएससी (UPSC) की तैयारी कर रही थीं तब उनकी माँ उन्हें न्यूज़ पेपर पढ़कर सुनाया करती थीं. तो वहीं उनके पिता उनके लिए ब्रेल लिपि में लिखी हुई किताबें लेकर आते थे जिनसे वे अपनी तैयारी करती थीं.

बेनो जेफाइन की मेहनत और उनके माता-पिता के उनपर विश्वास का ही नतीजा रह कि साल 2013-14 के दौरान उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा को पास किया और 343वीं रैंक हासिल की. इसके बाद बेनो जेफाइन का चयन आईएफएस ऑफिसर के पद के लिए किया गया.

उनका चयन तो एक ऑफिसर के पद के लिए हो गया था लेकिन उनके सामने अभी एक और चुनौती थी. यह चुनौती थी दृष्टिहीन होते हुए इस पद पर बैठना और काम करना. लेकिन उन्होंने अपने हौंसले को मजबूत बनाए रखा और साल 2015 में बेनो जेफाइन को विदेश मंत्रालय में नियुक्ति मिली. इस नियुक्ति के साथ ही बेनो जेफाइन इंडिया की पहली नेत्रहीन अधिकारी भी बन गईं जो विदेश विभाग में इस पद पर बैठी.

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आज बेनो जेफाइन जिस पद पर हैं वहां पहुंचना कई लोगों का सपना होता है. उनकी इस सफलता के पीछे उनके माता-पिता का हाथ है और उन्हें इस सक्सेस का श्रेय जाता है. बेनो के पिता एक रेलवे कर्मचारी हैं जबकि उनकी माता एक हाउसवाइफ हैं. बेनो को उनके परिवार से हमेशा सपोर्ट मिला. परिवार ने उन्हें कभी इस बात का अहसास नहीं होने दिया कि वे शारीरिक रूप से असक्षम हैं.

आपको बेनो जेफाइन की यह सक्सेस स्टोरी (Beno Zephine Success Story) कैसी लगी ? हमें कमेंट्स के माध्यम से जरुर बताएं.

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