Bhopal Gas Kand – जब जहरीली हवा ने ले ली 15 हजार लोगों की जान और देश से भाग निकला मुख्य आरोपी, पढ़िए पूरी कहानी

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आजादी के बाद जब भी भारत की सबसे भयानक घटनाओं का जिक्र आता है उनमें भोपाल गैस कांड या भोपाल गैस त्रासदी (bhopal gas tragedy) का नाम सबसे पहले आता है। भोपाल गैस कांड को दुनिया की सबसे भयावह औद्योगिक घटना माना जाता है। इस घटना ने हजारों लोगों की जान ले ली थी। हजारों लोगों ने सड़कों पर तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। हजारों लोगों ने रात में नींद में ही दम तोड़ दिया। यहीं नहीं लाखों लोगों को इस हादसे ने अपंग बना दिया। वह हादसा कितना भयावह था इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार इस हादसे में 15 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। कई परिवार आज भी 34 साल पुरानी घटना दंश झेल रहे हैं। तो चलिए आज जानते है कि भोपाल गैस कांड कब हुआ था?, भोपाल गैस दुर्घटना किस रासायनिक के कारण हुई थी?, भोपाल गैस कांड का आरोपी कौन है? और उस रात क्या हुआ था?

1. भोपाल गैस कांड कब हुआ था?

भोपाल गैस कांड 2 दिसंबर 1984 और 3 दिसंबर 1984 की रात को हुआ था। 2 दिसंबर की रात करीब 8:30 बजे मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की हवा में अचानक जहर घुलना शुरू हो गया। धीरे-धीरे जगह पूरे वातावरण में फ़ैल गया। पास ही बने झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले हजारों लोग नींद की आगोश में सो गए। हजारों लोग घबराकर बाहर आए लेकिन उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। किसी ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया, तो कोई हांफते-हांफते ही मर गया।

2. भोपाल गैस कांड कैसे हुआ?

दरअसल मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी का कारखाना था। 2 दिसंबर 1984 को रात करीब 8:30 बजे टैंक नंबर 610 में जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट गैस पानी में मिल गई। इससे टैंक पर दबाव बनने लगा। धीरे-धीरे दबाव इतना बढ़ गया कि टैंक खुल गया और टैंक से गैस बाहर निकलने लगी। धीरे-धीरे जहरीली गैस वातावरण में फैलने लगी।

3. भोपाल गैस कांड की रात को क्या हुआ?

हर रात की तरह लोग 2 दिसंबर की रात को भी लोग अपने-अपने घरों में सोने के लिए चले गए। रात करीब 8:30 बजे टैंक नंबर 610 से निकली जहरीली गैस रात 11 बजे तक वातावरण में इतनी घुल गई कि गैस के कारण लोगों की आंखों और सांस लेने में परेशानी होने लगी। कई लोग सोते-सोते ही हमेशा के लिए मौत की नींद सो गए। कई लोग साँस लेने में तकलीफ होने पर घर से बाहर आ गए, लेकिन बाहर तो हालात और भी ख़राब थे। हजारों लोग सडकों पर तड़पते-तड़पते मर गए। धीरे-धीरे लोग अस्पताल पहुंचने लगे। कुछ ही देर में सरकारी अधिकारियों के बीच भी हड़कम्प मच गया। कुछ ही देर में वायरलेस में जगह-जगह से भगदड़ की ख़बरें आने लगी। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है। सडकों पर लोग भागते हुए नजर आ रहे थे। फौरन प्रशासनिक अधिकारियों के बीच लोगों को बचाने के लिए मीटिंग हुई, लेकिन किसी को समझ नहीं आ रहा था कि लोगों को बचाएं कैसे? डॉक्टरों से पूछा गया तो उन्हें भी समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे।

4. भोपाल गैस कांड में कितने लोगों की जान गई?

भोपाल गैस कांड इतनी भयावह घटना था कि आज तक सटीक रूप से पता नहीं चल सका है कि इस हादसे में कितने लोगों की जान गई और कितने लोग अपंग हो गए। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस हादसे में 3,787 लोगों की मौत हुई थी और 5.74 लाख से ज्यादा लोग घायल हो गए। वहीं सुप्रीम कोर्ट में पेश एक रिपोर्ट के अनुसार इस हादसे में 15,724 लोगों की जान गई थी।

5. भोपाल गैस कांड का आरोपी कौन है?

भोपाल गैस कांड का मुख्य आरोपी अमेरिकी नागरिक वॉरेन एंडरसन (Warren Anderson) था। वॉरेन एंडरसन इस कंपनी का ceo था। घटना के समय वह भारत में ही था। 6 दिसंबर 1984 को एंडरसन को गिरफ्तार भी किया गया था, लेकिन अगले ही दिन उसे सरकारी विमान से दिल्ली भेजा गया और वहां से वो अमेरिका चला गया। उसके बाद वॉरेन एंडरसन कभी लौटकर भारत नहीं आया। इसके बाद कोर्ट ने उसे फरार घोषित कर दिया। 29 सितंबर 2014 को अमेरिकी के फ्लोरिडा में वॉरेन एंडरसन का निधन हो गया।

6. वॉरेन एंडरसन को किसने भगाया?

इतनी भयानक घटना का मुख्य आरोपी कैसे देश छोड़कर फरार हो गया, यह सवाल आज भी लोगों के मन में उठता है। घटना के बाद वारेन एंडरसन को गंभीर धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था। लेकिन इसके बावजूद उसे कुछ घंटों में ही जमानत मिल गई। गैस कांड के वक्त भोपाल के कलेक्टर रहे मोती सिंह ने अपनी किताब विस्तार से बताया है कि कैसे उन्होंने और तत्कालीन एसपी स्वराज पुरी ने वारेन एंडरसन की भागने मदद की। आरोप लगता है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने केंद्र सरकार से आदेश मिलने के बाद वारेन एंडरसन (Warren Anderson) को विशेष विमान से भोपाल से निकलने की सुविधा उपलब्ध करवाई थी।

7. भोपाल गैस कांड के वकील कौन थे?

वारेन एंडरसन की मदद करने के आरोप भाजपा और कांग्रेस दोनों एक दूसरे पर लगाती है। जहां भाजपा कांग्रेस नेता और तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह पर वारेन एंडरसन की मदद का आरोप लगाती है। जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस का आरोप है कि वारेन एंडरसन की वकालत पूर्व भाजपा नेता अरुण जेटली ने की थी। द हिंदू ने छापा है कि भोपाल के गैस पीड़ितों के साथ जो अन्याय हुआ है, उसके लिए कांग्रेस और बीजेपी के नेता बराबर के जिम्मेदार हैं।

8. भोपाल गैस दुर्घटना किस रासायनिक के कारण हुई थी ?

भोपाल गैस कांड के लिए जिम्मेदार टैंक नंबर 610 से जिस जहरीली गैस का रिसाव हुआ था, उस गैस का नाम मिथाइल आइसोसाइनेट है। इसका उपयोग कीटनाशक बनाने के लिए किया जाता था।

9. अंग्रेजी के सुरक्षा मैन्युअल ने बिगाड़ा खेल

हादसे के बाद जब जांच एजेंसियों के जांच की तो पता चला कि कारखाने में सुरक्षा से संबंधित जानकारी अंग्रेजी में लिखी हुई थी जबकि ज्यादातर कर्मचारियों को अंग्रेजी ही नहीं आती थी। इसके अलावा कर्मचारियों को उन्हें आपात स्थिति से निपटने का प्रशिक्षण भी नहीं दिया गया था। बाद में पता चला कि अगर लोग गीला कपड़ा अपने मुंह पर डालकर जहरीली गैस का असर काफी कम कर सकते थे, लेकिन लोगों को इसके बारे में जानकारी ही नहीं थी। यहीं कारण है कि हादसा इतना भयावह हो गया।

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