दिवाली क्यों मनाई जाती है? जानें दीपावली का महत्व और अलग देशों में मनाने की अलग वजहें

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Diwali Dipawali Celebration-

हेलो दोस्तों ! दीपावली को हम दिवाली, दीवाली आदि नामों से भी जानते हैं. इसे हर वर्ष भारत में बड़े लेवल पर मनाया जाता है. या यूं भी कहा जा सकता है कि दिवाली भारत का सबसे बड़ा त्योहार है. दीपावली को दीपों का त्योहार भी कहा जाता है. क्योंकि यह त्योहार ‘अँधेरे पर उजाले की विजय’ को दर्शाता है. दिवाली का सामाजिक और धार्मिक दोनों ही तरह से सभी त्योहारों में सबसे अधिक महत्व है. ऐसा क्यों है? या दिवाली क्यों मनाई जाती हैं? या दिवाली कहाँ-कहाँ मनाई जाती है? दिवाली कब मनाते हैं? इस तरह के सभी सवालों का जवाब आज हम आपको देने जा रहे हैं. तो चलिए जानते हैं :-

दिवाली या दिपावली क्यों मनाई जाती है ? Diwali Dipawali Celebration in India ?

धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार यह कहा जाता है कि दिवाली के दिन अयोध्या के राजा श्रीराम अपने 14 वर्ष के वनवास से वापस अपने घर लौटे थे. श्रीराम के पुनः अयोध्या लौट आने से समस्त अयोध्यावासी प्रफुल्लित हो गए थे. श्रीराम का स्वागत करने के लिए अयोध्यावासियों ने घरों और बाहर घी के दीपक जलाए थे. इस रौशनी से समस्त अयोध्या जगमगा उठी थी. तब से लेकर आज तक समस्त भारतवर्ष इस दिवस को प्रकाश पर्व की तरह हर्ष और उल्लास से मनाता है.

दिवाली या दिपावली कब मनाई जाती है? When Diwali Dipawali Celebrated ?

प्रत्येक वर्ष के अक्टूबर या नवम्बर माह में दिवाली मनाई जाती है. इसे धार्मिक कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष में कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है.

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दिवाली या दिपावली का महत्व : Importance of Diwali Dipawali :

हिन्दुओं के इस त्योहार का सामाजिक के साथ ही धार्मिक तरीके से भी अत्यधिक महत्त्व माना जाता है. उपनिषद में जैसा कहा गया है ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात ‘प्रभु! मुझे अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाइए.’ इस दिन दिपों से समस्त भारत देश को सजाया जाता है इसलिए इसे दीपोत्सव भी कहा जाता है. दिवाली को लोग नए कार्य के लिए या नई चीजें खरीदने के लिहाज से भी शुभ मानते हैं. इस दिन लोग सोने-चांदी के आभूषण, नए वाहन, महंगी चीजें आदि खरीदते हैं. इसके साथ ही अपने करीबियों और रिश्तदारों को बधाई और मिठाई भी देते हैं. बच्चे इस दिन पटाखे जलाते हैं और मिठाइयाँ खाते हैं. लड़कियां और महिलाऐं इस दिन दरवाजों और रास्तों पर रंगोली बनाती हैं.

क्षेत्रीय आधार पर इन सभी रीति-रिवाजों में भी काफी बदलाव देखने को मिल जाते हैं. यही नहीं कई देश इस पर्पाव को मनाते हैं लेकिन इसके पीछे कई अलग वजहें मानते हैं. जैसे भारत के साथ ही नेपाल में भी इस दिन को मनाया जाता है. यहाँ दिवाली के दिन नेपाल संवत में नया वर्ष शुरू होता है. इसी तरह सिख और जैन धर्म के लोगों को भी इस दिन को मनाने के अलग कारण हैं. जैसे जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं, तो वहीँ सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में सेलिब्रेट करते हैं.

इसके साथ ही आपको यह भी बता दें कि दिवाली के दिन भारत के अलावा नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार, मारीशस, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, सूरीनाम, मलेशिया, सिंगापुर, फिजी, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया की बाहरी सीमा पर सरकारी अवकाश होता है.

शब्द दीपावली का जन्म :

माना जाता है कि दीपावली शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के दो शब्दों ‘दीप’ और ‘आवली’ से हुआ है. इसका अर्थ है ‘दिया’ और ‘लाइन’ या ‘श्रृंखला’. इस पर्व में समस्त घरों में दीयों से प्रकाश झलकता है. दिपावली को हम दिवाली, दीवाली, दीपावली आदि नामों से जानते हैं. वहीँ अन्य भाषाओँ में इसे कई नाम से जाना जाता है. जैसे : दीपावली, दीपाबॉली, दिवाली, दिवाळी, दियारी, दियाळी.

तो दोस्तों ! आपको दिवाली (Diwali Dipawali) के बारे में ये सभी जानकारी कैसी लगी? आप हमें कमेंट्स में बता सकते हैं. 

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