Sarla Thakral Biography – जानिए कौन है प्रथम भारतीय महिला पायलट सरला ठकराल, साड़ी पहनकर उड़ाया था विमान

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Sarla Thakral Biography – आज हम भले ही 21वीं सदी में पहुँच गए हैं, लेकिन आज भी देश के कई हिस्सों में महिलाओं को बराबर का अधिकार प्राप्त नहीं है. इन सब के बीच आज हम एक महिला के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसनें परंपराओं को तोड़ते हुए एयरक्राफ्ट उड़ाकर इतिहास रच दिया और  एयरक्राफ्ट उड़ाने वाली देश की पहली महिला बनी. ख़ास बात यह है कि उस महिला ने यह कारनामा ऐसे समय में किया जब औरतो को घर से बाहर निकलने की भी इजाजत नहीं होती थी. दरअसल हम बात कर रहे है सरला ठकराल की, जिन्होंने अकेले ही ‘जिप्सी मॉथ’ को उड़ाकर मिसाल कायम की है. तो चलिए हम जानते है सरला ठकराल कौन है?

सरला ठकराल का जीवन परिचय (Sarla Thakral Biography)

अपने सपनों को साकार करके आकाश में उड़ने वाली पहली भारतीय महिला होने का गौरव हासिल करने वाली सरला ठकराल का जन्म 8 अगस्त 1914 को नई दिल्ली में हुआ था. जिस समय विमान उड़ाने के क्षेत्र में पुरुषों का वर्चस्व होता था, उस समय साल 1929 में दिल्ली में खोले गए फ़्लाइंग क्लब में सरला ठकराल ने विमान चालन का प्रशिक्षण लिया. प्रशिक्षण के दौरान ही सरला ठकराल की मुलाकात पीडी शर्मा से हुई. पीडी शर्मा भी खुद एक व्यावसायिक विमान चालक थे. शादी के बाद पीडी शर्मा ने सरला ठकराल को व्यावसायिक विमान चालक बनने के लिए प्रोत्साहित किया. पति से प्रोत्साहन मिलने के बाद सरला ने जोधपुर फ्लाइंग क्लब में ट्रेनिंग ली.

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1936 में भरी ऐतिहासिक उड़ान

सरला ठकराल की उस ऐतिहासिक उड़ान का गवाह बना लाहौर हवाई अड्डा. महज 21 साल की उम्र में साड़ी पहने हुई सरला लाहौर हवाई अड्डे पर पहुंची और जा बैठीं जिप्सी मॉथ नामक दो सीटों वाले विमान में. सरला ने आँखों पर चश्मा लगाया और विमान को अकेले ही आकाश में उड़ा ले चली. ख़ास बात यह है कि जिस समय सरला ने यह कारनामा किया, उस समय उनकी 4 साल की बेटी भी थी.

पति की मौत ने बदल दी जिंदगी

इस ऐतिहासिक उड़ान के महज 3 साल बाद ही एक विमान दुर्घटना में सरला के पति पीडी शर्मा की मृत्यू हो गई. उस समय सरला की उम्र 24 साल थी. पति की मौत के बाद सरला ने अपनी बेटियों की परिवरिश करने के लिए पायलट बनने का सपना बीच में ही छोड़ दिया. इसके बाद वह वापस लाहौर लौट आई और मेयो स्कूल ऑफ आर्ट में भाग लिया. यहां उन्होंने बंगाल मेयो स्कूल ऑफ आर्ट से पेंटिंग और फाइन आर्ट का डिपलोमा किया.

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सफल उद्धमी और पेंटर बनी

साल 1947 में देश की आजादी और विभाजन के बाद सरला अपनी बेटियों के साथ वापस दिल्ली आ गई. यहां सरला की मुलाकात आरपी ठकराल से हुई. दोनों ने साल 1948 में शादी की. दूसरी शादी करने के बाद सरला ने खुद को एक सफल उद्धमी और पेंटर के रूप में स्थापित किया. वह कपड़े और ज्वैलरी डिजाइन करती थी, वह अपनी डिजाइन की हुई चीजों को कुटीर उद्योगों को देती रहीं. 15 मार्च 2008 में सरला की मौत हो गई.

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