जानिए दारा शिकोह कौन था और भारत सरकार क्यों तलाश रही दारा शिकोह की कब्र

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Who was Dara Shikoh – दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे दारा शिकोह के बारे में. दरअसल पिछले कुछ समय से केंद्र की मोदी सरकार दारा शिकोह की कब्र तलाश कर रही है. इसके लिए बाकायदा केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की सात सदस्यीय टीम की एक कमेटी भी बनाई गई है. कहा जा रहा है कि कमेटी ने दारा शिकोह की कब्र की पहचान कर ली है और उसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी है.

दोस्तों केंद्र सरकार द्वारा शिकोह की कब्र तलाश करने के बाद से लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. जैसे दारा शिकोह कौन है?, दारा शिकोह किसका पुत्र था?, दारा शिकोह की मृत्यु कैसे हुई?, दारा शिकोह की कब्र कहाँ है? और सबसे बड़ा सवाल कि केंद्र सरकार दारा शिकोह की कब्र की तलाश क्यों कर रही है. आज इस इस आर्टिकल में हम इन्ही सवालों के जवाब जानने की कोशिश करेंगे.

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दारा शिकोह कौन था (Who was Dara Shikoh)

दोस्तों बता दे कि दारा शिकोह मुगल बादशाह शाहजहां का सबसे बड़ा बेटा था. दारा शिकोह के अलावा शाहजहां के औरंगजेब, शाह शुजा और मुराद बख्श नाम के बेटे थे. लेकिन शाहजहां अपने सबसे बड़े बेटे दारा शिकोह से बहुत प्यार करते थे. प्यार भी इतना कि वह कभी भी दारा शिकोह को अपनी नजरों से दूर नहीं जाने देते थे. यहाँ तक की युद्ध के मैदान में भी शाहजहां अपने दूसरे बेटों को भेजते थे जबकि दारा शिकोह को हमेशा अपने साथ रखते थे.

यहीं कारण है कि दारा शिकोह की कभी भी सैन्य मामलों में रूचि नहीं रही. उन्हें युद्ध के दाव-पेच नहीं आते थे. दारा शिकोह विचारक, प्रतिभाशाली कवि और सूफी संगीत में रूचि रखने वाले व्यक्ति थे. इन सब के बावजूद शाहजहां ने दारा शिकोह की ताजपोशी का एलान कर दिया. वैसे सबसे बड़ा बेटा होने के चलते दारा शिकोह का उत्तराधिकारी बनना स्वाभाविक था, लेकिन यह भी सच था कि दारा शिकोह को युद्ध की कलाबाजियां नहीं आती थी.

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दारा शिकोह और औरंगजेब के बीच हुआ युद्ध

शाहजहां का दूसरा बेटा औरंगजेब भी सिहांसन पर बैठना चाहता था. इसके लिए औरंगजेब ने अपने पिता को बंदी बना लिया. वैसे मुगलों के लिए यह नई बात नहीं थी. औरंगजेब से पहले उनके पिता और दादा ने भी सिहांसन के लिए अपने परिवार के सदस्यों की बली दी थी. इसके बाद सिहांसन के उत्तराधिकार के लिए दारा शिकोह और औरंगजेब के बीच जंग हुई. एक तरफ औरंगजेब था पहले भी कई जंग लड़ चूका था जबकि दूसरी तरफ दारा शिकोह थे जिन्हें युद्ध का ज्यादा अनुभव नहीं था. इस युद्ध में दारा शिकोह की हार हुई और वह अपनी जान बचाने के लिए दिल्ली-पंजाब होते हुए अफगानिस्तान भाग गए. हालाँकि बाद में मलिक जीवन ने धोखे से दारा शिकोह को पकड़ लिया और औरंगजेब के हवाले कर दिया.

दारा शिकोह की मृत्यु कैसे हुई (How did Dara Shikoh die)

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दारा शिकोह को पकड़ने के बाद औरंगजेब ने उन्हें सड़कों पर घुमाकर बेइज्जत किया. इसके बाद दारा शिकोह का सिर कलम कर दिया और फिर उनके सिर को अपने पिता के पास भिजवाया. जब शाहजहां ने अपने बड़े बेटे दारा शिकोह का कटा हुआ सिर देखा तो उनकी आँखों से आंसू नहीं रुक रहे थे.

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दारा शिकोह की कब्र की तलाश क्यों?

अब यहाँ सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि केंद्र सरकार दारा शिकोह की कब्र की तलाश क्यों कर रही है? इसके लिए हमने कुछ मीडिया वेबसाइट पर खोज की तो पता चला कि मुगल परपंरा में अकबर के बाद दारा शिकोह ही ऐसे व्यक्तित्व थे, जो सही मायनों में धर्म निरपेक्ष थे और सभी धर्मों का सम्मान करते थे. दारा शिकोह ने भारतीय दर्शन और हिंदुत्व को पश्चिमी दुनिया के सामने रखने का काम किया. ऐसे में हो सकता है कि मोदी सरकार दारा शिकोह को भारत के मुसलमानों के लिए मसीहा के रूप में प्रचारित करना चाहती हो. बता दे कि बीजेपी सरकार साल 2017 में दिल्ली के डलहौजी मार्ग का नाम बदलकर दारा शिकोह मार्ग कर चुकी है.

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