Bhanwarlal Sharma : एक टीचर, जिन्हें लोगों ने बैठाया हाथी पर और निकाली बारात

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एक टीचर यानि शिक्षक हम सभी की लाइफ में बहुत अहम स्थान रखता है, क्योंकि एक शिक्षक ही है जो हमें अच्छे और बुरे का फर्क समझाता है और हमारी जिन्दगी को एक सही ट्रैक पर लेकर आता है. एक ऐसे ही शिक्षक का नाम है भंवरलाल शर्मा, जोकि राजस्थान के रहने वाले हैं. भंवरलाल शर्मा के प्रति उनके स्टूडेंट्स में तो प्रेम है ही साथ ही उनके गाँव के लोगों में भी उनके लिए सम्मान कम नही है.

आज के इस आर्टिकल में हम आपको भंवरलाल शर्मा कौन हैं ? भंवरलाल शर्मा क्या करते हैं ? भंवरलाल शर्मा का करियर आदि के बारे में बताने वाले हैं. साथ ही हम भंवरलाल शर्मा की लाइफ स्टोरी और स्टूडेंट्स और वहां के नागरिकों में उनके लिए सम्मान की वजह भी जानेंगे. तो चलिए पढ़ते हैं टीचर भंवरलाल शर्मा की कहानी (bhanwarlal sharma story).

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कौन हैं भंवरलाल शर्मा ? Who is Bhanwarlal Sharma ?

भंवरलाल शर्मा एक सरकारी शिक्षक (government teacher bhanwarlal sharma) हैं और राजस्थान के सरकारी स्कूल में बीते 20 सालों से बच्चों को पढ़ा रहे हैं. उनके रिटायरमेंट के दौरान उन्हें हाथी पर बैठाया गया था और इसके साथ ही उनके लिए एक खास सम्मान समारोह भी रखा गया था. वे अपने काम से ही अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुए हैं.

भंवरलाल शर्मा की कहानी : government teacher bhanwarlal sharma success story :

गवर्नमेंट टीचर भंवरलाल शर्मा (bhanwarlal sharma rajsthan teacher) के बारे में बता दें कि वे राजस्थान के अरवड़ स्थित एक सरकारी स्कूल में बीते 20 सालों से बच्चों को पढ़ा रहे हैं. वे बच्चों को पढ़ाने के साथ ही उन्हें सही और गलत के बीच फर्क भी समझाते हैं. यहाँ के स्कूल में 20 सालों तक काम करने के बाद उनका ट्रांसफर पास ही के एक सरकारी स्कूल में कर दिया गया.

वे दूसरे स्कूल में पढ़ाने के लिए भी चले गए लेकिन इसके बावजूद भी वे हमेशा अपने पहले स्कूल में अपने बच्चों से मिलने आया करते थे. वे यहाँ आकार बच्चों से मिलते और उनके साथ रोजाना बातें करते.

उनका बच्चों के साथ तो प्रेम देखने लायक बनता ही है लेकिन इसके साथ ही उनका यहाँ के गांववालों के साथ भी प्रेम देखते ही बनता है. स्कूल स्टूडेंट और ग्रामीणों के इसी प्रेम की झलक सभी को भंवरलाल शर्मा के रिटायरमेंट पर देखने को मिली.

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दरसल जब भंवरलाल शर्मा रिटायर हुए तो उनके सम्मान में गांव में एक दिन के लिए कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया और साथ ही कई बड़े-बड़े कवियों को यहाँ बुलाया गया. यही नहीं इस कार्यक्रम में होने वाले खर्च को गांववालों ने मिलकर दिया. स्टूडेंट ही नहीं बल्कि कई टीचर भी उन्हें अपना आदर्श मानते हैं.

भंवरलाल शर्मा ने बच्चों को कंप्यूटर की पढ़ाई के लिए अपने अकाउंट से 2 लाख रुपए भी दिए. वे बच्चों की निजी परेशनियो को हल करने में भी कभी पीछे नहीं हे. यही वजह रही कि उनकी विदाई कुछ इस तरह आयोजित की गई कि हर कोई उसे देखता ही रह गया.

दरअसल भंवरलाल शर्मा को उनके रिटायरमेंट (government teacher bhanwarlal sharma retirement) पर स्टूडेंट्स और गांववालों ने मिलकर हाथी पर बिठाया और इसके बाद पूरे गांव में बारात भी निकाली गई. अपने लिए लोगों की आँखों में इतना सम्मान देखकर खुद भंवरलाल शर्मा की आंखे भी नाम हो गईं. उनकी विदाई का वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ.

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