पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है. इस मैसेज में लिखा है कि दो बच्चियों के माता-पिता को कोरोना ने उनसे छीन लिया है. दोनों बच्चियों का कोई सहारा नहीं है. एक बच्ची की उम्र 3 दिन है जबकि दूसरी बच्ची की उम्र 6 महीने हैं. अगर आप इनमे से किसी बच्ची को गोद लेना चाहते हैं तो नीचे दिए गए नंबर पर संपर्क करें. इस मैसेज के साथ नीचे मोबाइल नंबर भी दिया गया है. हालांकि उस नंबर पर फोन नहीं लगता है.
दरअसल यह एक फेक मैसेज है. किन्ही शरारती तत्वों या साइबर अपराधियों ने एक साजिश के तहत इस मैसेज को फैलाया है. इस फेक मैसेज को फैलाने के पीछे उनका जो भी मकसद हो लेकिन इन दिनों देश में कई लोग ऐसे हैं जो किसी बच्चे को गोद लेना चाहते हैं. कई लोग ऐसे भी हैं जो बच्चा गोद लेने के लिए सीधे अस्पतालों से संपर्क कर रहे हैं.
बता दे कि ऐसा करना कानूनन अपराध है. आप किसी भी अनाथ बच्चे को सीधे गोद नहीं ले सकते हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे फेक मैसेज को देखकर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि, “अगर आपको कोरोना की वजह से अनाथ हो चुके बच्चों की जानकारी है तो इसकी जानकारी पुलिस या फिर जिले की बाल कल्याण समिति को दें. आप 1098 पर कॉल करके भी जानकारी दे सकते हैं. यह आपकी कानूनी जिम्मेदारी है. सरकारी संस्था के बाहर अनाथ बच्चे को गोद लेना या देना गैरकानूनी है.“
दरअसल पिछले कुछ दिनों में कई लोगों ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के टोल फ्री नंबर पर बच्चा गोद लेने के बारे में सवाल जवाब किए हैं. बता दे कि भारत में किसी बच्चे को गोद लेने की एक प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया के तहत ही किसी भी दंपत्ति या व्यक्ति को बच्चा गोद दिया जाता है. इस प्रक्रिया का मकसद बच्चों को शोषण और चाइल्ड ट्रैफिकिंग से बचाना है. हमारे देश में जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 में तयशुदा कानूनी प्रक्रिया और सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी यानी CARA के जरिए ही बच्चे को गोद लिया जा सकता है. तो चलिए हम आपको बताते हैं कि बच्चा गोद कैसे ले? भारत में किसी बच्चे को गोद लेने की तयशुदा प्रक्रिया क्या है? साथ ही किसी बच्चे को गोद लेने के लिए आप की क्या योग्यता होनी चाहिए?
बच्चा गोद लेने के नियम child adoption rules
अगर बच्चा गोद लेने वाले अभिभावक शादीशुदा हैं तो दोनों की आपसी सहमति होना जरूरी है.
एक सिंगल महिला किसी भी लिंग के बच्चे को गोद ले सकती हैं जबकि एक सिंगल पुरुष सिर्फ लड़के को ही गोद ले सकता है.
अगर कोई दंपत्ति 4 साल तक के बच्चे को गोद लेना चाहता है तो उनकी कुल आयु 90 वर्ष से कम होनी चाहिए. जबकि अगर कोई सिंगल व्यक्ति 4 साल तक के बच्चे को गोद लेना चाहता है तो उसकी आयु 45 वर्ष से कम होनी चाहिए.
4 से 8 साल तक के बच्चे को गोद लेने के लिए दंपत्ति की कुल आयु 100 वर्ष और सिंगल व्यक्ति की आयु 50 वर्षीय निर्धारित की गई है.
इसी तरह 8 से 18 साल तक के बच्चे को गोद लेने के लिए दंपति की कुल आयु 110 वर्ष और सिंगल व्यक्ति की आयु 55 वर्ष निर्धारित है.
बच्चे और उसे गोद लेने वाले संभावित अभिभावक की उम्र में कम से कम 25 साल का अंतर होना चाहिए, हालांकि गोद लेने वाले संभावित अभिभावक यदि बच्चे के रिश्तेदार हैं तो उन पर यह नियम लागू नहीं होता है.
जिन दंपत्ति के पहले से 3 या इससे अधिक बच्चे हैं तो उन्हें बच्चा गोद लेने के योग्य नहीं माना जाता है, हालांकि विशेष परिस्थिति में वह बच्चा गोद ले सकते हैं.
गोद लेने वाले दंपती को शारीरिक रूप और मानसिक तौर पर भावनात्मक रूप एवं आर्थिक दृष्टि से सक्षम सक्षम होना जरूरी है. उनको किसी तरह की गंभीर बीमारी नहीं होनी चाहिए.
बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया Child adoption process
अगर आप किसी बच्चे को गोद लेना चाहते हैं तो निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें. ऐसा नहीं करने पर आप कानूनी पचड़े में पड़ सकते हैं. बच्चा गोद लेने के लिए आप सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी यानी कारा की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. इस दौरान आपको कुछ दस्तावेज भी जमा कराने होंगे. इसके बाद मिडिल लिस्ट बनती हैं. फिर सूची के आधार पर योग्य दंपत्ति को बच्चा गोद दिया जाता है.
बच्चा गोद लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज Documents required for child adoption
बच्चे को गोद लेने वाले परिवार की मौजूदा तस्वीर
आवेदक का पेन कार्ड
आवेदक का जन्म प्रमाण पत्र या ऐसा कोई दस्तावेज जिसमें जन्मतिथि अंकित हो
उस साल के आयकर की कॉपी
निवासी प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड, मतदाता पत्र, बिजली बिल या टेलीफ़ोन बिल
सरकारी चिकित्साधिकारी का हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र, जो पुष्टि करता हो कि आपको कोई गंभीर बीमारी नहीं है
यदि आवेदन दम्पति है तो शादी का प्रमाण पत्र
तलाकशुदा व्यक्ति है तो उसका प्रमाण पत्र
गोद लेने के पक्ष में इच्छुक व्यक्ति से जु़ड़े दो लोगों का बयान