जानिए जस्टिस बीवी नागरत्न कौन है? जो बनेगी देश की पहली महिला चीफ जस्टिस

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BV Nagarathna Biography – दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्न के बारे में बात करेंगे. देश के पूर्व चीफ़ जस्टिस ईएस वेंकटरमैया की बेटी जस्टिस बीवी नागरत्न सुप्रीम कोर्ट की जज बनने से पहले कर्नाटक में जज की भूमिका निभा चुकी है.

वरिष्ठता के हिसाब से देखे तो जस्टिस बीवी नागरत्ना साल 2027 में सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस बन सकती है. अगर ऐसा हुआ बीवी नागरत्ना देश की पहली महिला चीफ जस्टिस (india first female chief justice) बनेंगी. साथ ही अगर सब कुछ ठीक रहा हो देश के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब पिता-पुत्री की जोड़ी देश के चीफ जस्टिस बने.

तो चलिए दोस्तों हम यह तो जान ही चुके हैं कि जस्टिस बीवी नागरत्ना कौन है? (Who is Justice BV Nagarathna) आगे इस आर्टिकल में हम जस्टिस बीवी नागरत्ना की शिक्षा (Justice BV Nagarathna Education), जस्टिस बीवी नागरत्ना के करियर (Justice Biwi Nagarathna Career) सहित अन्य चीजों के बारे में बात करेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं जस्टिस बीवी नागरत्ना का जीवन परिचय.

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जस्टिस बीवी नागरत्ना जीवनी (Justice BV Nagarathna Biography)

दोस्तों जस्टिस बीवी नागरत्ना का जन्म 30 अक्तूबर 1962 को कर्नाटक में हुआ था. बीवी नागरत्ना का पूरा नाम (BV Nagarathna Full Name) बैंगलोर वेंकटरमैया नागरत्न (Bangalore Venkataramiah Nagarathna) है. बीवी नागरत्ना के पिता का नाम जस्टिस ईएस वेंकटरमैया है. जस्टिस ईएस वेंकटरमैया साल 1989 में देश के चीफ जस्टिस रह चुके हैं. जस्टिस बीवी नागरत्ना के पति (BV Nagarathna Husband) का नाम बीएन गोपाल कृष्ण है. जस्टिस बीवी नागरत्ना की दो बेटियां भी है.

जस्टिस बीवी नागरत्ना की शिक्षा (Justice BV Nagarathna Education)

जस्टिस बीवी नागरत्ना ने बेंगलुरू से ही 10वीं तक की पढ़ाई की है. इसके बाद बीवी नागरत्ना ने दिल्ली के मेहता विद्यालय से 12वीं तक पढ़ाई की. इसके बाद बीवी नागरत्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय के जीसस एंड मेरी कॉलेज से इतिहास में स्नातक की शिक्षा हासिल की. इसके आलवा बीवी नागरत्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय से ही क़ानून में स्नातक पढ़ाई भी की है.

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जस्टिस बीवी नागरत्ना करियर (Justice BV Nagarathna Career)

जस्टिस बीवी नागरत्ना ने अपने करियर की शुरुआत साल 1987 में एक लॉ फर्म से की थी. इस लॉ फर्म से कभी उनके पिताजी भी जुड़े हुए थे. इसके अलावा देश के अन्य चीफ जस्टिस रहे राजेंद्र बाबू भी कभी इसी लॉ फर्म से जुड़े हुए थे.

एक वकील के तौर पर बीवी नागरत्ना ने भूमि अधिग्रहण, सेवा, पारिवारिक, प्रशासनिक, संवैधानिक और व्यावसायिक मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट में बहस की. इसके अलावा बीवी नागरत्ना कर्नाटक राज्य क़ानूनी सेवा प्राधिकरण का प्रतिनिधित्व भी कर चुकी है.

साल 2008 में बीवी नागरत्ना की कर्नाटक हाईकोर्ट में एडिशनल जज के रूप में नियुक्ति हुई. इसके बाद साल 2010 में बीवी नागरत्ना की नियुक्ति स्थायी जज के रूप में हुई. हाईकोर्ट जज रहने के दौरान बीवी नागरत्ना कई संस्थाओं की प्रमुख भी रही. बीवी नागरत्ना ने सिटी सिविल कोर्ट बेंगलुरु की प्रशासनिक जज के रूप में भी काम किया है.

अगस्त 2021 में बीवी नागरत्ना की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में हुई. बीवी नागरत्ना के साथ 8 अन्य जजों ने भी सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ ली थी. देश के इतिहास में यह पहला मौका था जब 9 जजों से एक साथ सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ ली हो.

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जस्टिस बीवी नागरत्ना के फैसले (Justice BV Nagarathna Verdict)

गोकर्ण मंदिर मामले को लेकर बीवी नागरत्ना ने कर्नाटक सरकार द्वारा मंदिर को रामचंद्रपुर मठ को सौंपने के आदेश को गलत ठहराते हुए एक समिति बनाने का आदेश दिया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी उनके आदेश को सही ठहराया था.

जस्टिस नागरत्ना और जस्टिस एच संजीव कुमार ने एक और सुनवाई के दौरान ऑब्जर्व किया था कि माता-पिता अवैध हो सकते हैं, लेकिन बच्चा कभी भी अवैध नहीं हो सकता है.

जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कर्नाटक सरकार को राज्य में भाषाई अल्पसंख्यकों की पहचान करने का निर्देश दिया था. इसके बाद राज्य सरकार ने छह भाषाओं की पहचान की थी.

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