Kapil Dev Biography : रोचक है देश को पहला वर्ल्ड कप दिलाने वाले कपिल देव का सफर

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Kapil Dev Biography in Hindi –

कपिल देव भारत के वो बलेबाज (Indian Cricketer Kapil Dev) हैं जिन्होंने अपने बलबूते पर भारत को वर्ल्ड कप जितवाया था. वे जितने अच्छे बल्लेबाज हैं उससे कहीं ज्यादा अच्छे गेंदबाज भी रहे. कपिल देव एक आलराउंडर के रूप में माने जाते हैं. उन्होंने अपने खेल और कौशल के दम पर ही कई बार टीम को जीत दिलाई. कपिल देव ही थे उन्होंने साल 1983 में भारत के लिए पहला वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच डाला. महज 20 साल की उम्र में ही कपिल देव ने एक हज़ार बनाने के साथ ही 100 विकेट लेने का खिताब भी अपने नाम किया, जो किसी बड़े रिकॉर्ड से कम नही है.

कपिल देव कौन हैं ? (Who is Kapil Dev ?) इस बारे में तो हम सभी जानते ही हैं. लेकिन आज हम आपको कपिल देव की बायोग्राफी (Kapil Dev Biography), कपिल देव का क्रिकेट करियर (Kapil Dev Cricket Career), कपिल देव के रिकार्ड्स, कपिल देव का परिवार आदि के बारे में भी जानकारी देने जा रहे हैं. आज हम कई कपिल देव के बारे में कई ऐसी बातें जानेंगे जिनसे आप अब तक अंजान होंगे. तो चलिए पढ़ते हैं कपिल देव की जीवनी (Kapil Dev Biography).

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कपिल देव का शुरूआती जीवन (kapil dev biography) :

इंडिया टीम के महान बल्लेबाज और गेंदबाज रहे कपिल देव का जन्म 6 जनवरी, 1959 को चंडीगढ़, पंजाब (Kapil Dev date of birth and age) में हुआ था. उनकी उम्र 62 साल हो चुकी हैं लेकिन अब भी वे काफी फिट और तंदरुस्त नजर आते हैं. कपिल देव की पढ़ाई डीएवी पब्लिक स्कूल से ही पूरी हुई है.

कपिल देव का परिवार (Kapil Dev Family) :

परिवार के बारे में जानकारी देने से पहले बता दें कि कपिल देव का पूरा नाम कपिलदेव रामलाल निखंज है. इनके पिता का नाम रामलाल निखंज एवं माता का नाम राजकुमारी लाजवंती है. कपिल देव की शादी रोमी भाटिया से हुई है और इस कपल की एक बेटी अमिया देव है.

कपिल देव का किक्रेट करियर (Kapil Dev Cricket Career) :

कपिल देव ने 14 साल की उम्र मे ही किक्रेट खेलना शुरू कर दिया था. उनकी लाईफ में टर्निंग पॉइंट तब आया जब उन्होंने चंडीगढ़ में इंटर सैक्टर मैच खेला. 17 साल की उम्र में साल 1974 के दौरान सेक्टर 16 की टीम में 3 खिलाड़ी ऐसे थे जो हरियाणा के लिए रणजी ट्रॉफी खेलते थे. कपिल देव जी ने हरियाणा के तरफ से पंजाब के खिलाफ खिलते हुए 6 विकेट लिए और पंजाब को 63 रन पर ही आउट कर दिया था. इससे प्रभावित होकर उन्होंने उनको हरियाण की रणजी टीम का हिस्सा बना लिया.

जिसके बाद 16 अक्टूबर 1978 को कपिल देव के अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट करियर की शुरुआत हुई और उन्होंने फैसलाबाद में पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेला. इस खेल में उनका प्रदर्शन काफी अच्छा नहीं रहा लेकिन उन्हें नजरंदाज भी नहीं किया जा सका. इस दौरे के तीसरे टेस्ट मैच के दौरान कपिल देव ने 33 गेंदों पर अर्धशतक लगाया.

1 अक्टूबर 1978 को कपिल देव का ODI डेब्यू हुआ और इस दौरान भी उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ ही मैच खेला. यहाँ भी उनका प्रदर्शन एवरेज ही रहा. हालाँकि समय के साथ उनके खेल में सुधार होता गया.

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साल 1979 में पाकिस्तान के भारत दौरे में कपिल देव ने अपना अच्छा प्रदर्शन दिखाया और इसकी बदौलत ही उनका नाम काफी तेजी से फेमस हुआ. कपिल देव इस दौरान 25 मैचों में 100 टेस्ट विकेट लेने और 1 हजार रन बनाने वाले सबसे कम उम्र के क्रिकेटर भी बनकर उभरे.

वर्ल्ड कप 1982 के आयोजन से पहले ही इंडिया टीम के द्वारा इंग्लैंड का दौरा किया गया और इस दौरान कपिल पाजी का खेल काफी दमदार रहा. यहाँ सीरीज में अपने उम्दा प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द सीरीज का पुरस्कार भी मिला. इसी साल पाकिस्तान को भी इंडिया टीम ने धुल चटाई.

कपिल देव बने इंडियन क्रिकेट टीम के कप्तान (Kapil Dev Became Captain of Indian Cricket Team) :

साल 1983 में कपिल देव का क्रिकेट करियर अच्छा चल रहा था. इसके चलते ही इसी साल में इंडियन क्रिकेटर सुनील गावस्कर को कप्तानी से हटाकर कपिल देव को इंडिया का कप्तान बनाया गया. जिसके तुरंत बाद कपिल देव की कप्तानी में इंडिया ने अपना पहला वर्ल्ड कप जीता था. साल 1983 में शानदार बॉलिंग करके कपिल जी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अहमदाबाद टेस्ट में 83 रन देकर नौ विकेट लिए थे और उन्हें वेस्टन क्रिकेट ऑफ द ईयर भी बताया गया. कपिल की बड़ी खासियत यही थी कि वे बोलते कम थे, उनका काम बोलता था. चाहे वो बैटिंग हो या फिर बॉलिंग.

कपिल देव का 434 विकेट लेने का रिकार्ड (Kapil Dev take 434 Wickets) :

कपिल देव जी ने इंग्लैंड के विरुद्ध 1990 में टैस्ट मैच खेलते हुए फालोआन बचाने के लिए एडी हेमिंग्ज की बॉल पर उन्होंने 4 बार 6 छक्के लगाकर सबको चौंका दिया. वह ऐसे क्रिकेटर में से है जिन्होंने 5248 रन के साथ ही टैस्ट मैचों में 400 से ज्यादा विकेट लिए हैं. उनका 434 विकेट लेने का रिकार्ड है.

कपिल देव ने कहा क्रिकेट को अलविदा (Kapil Dev say Goodbye to Cricket) :

कपिल देव ने 1994 में अन्तर-राष्ट्रीय क्रिकेट को अल्विदा कह दिया. फिर 1999 में कपिल देव को इंडियन क्रिकेट टीम को कोच बनाया गया. कोच के रूप में कपिल देव सफल नहीं रहे उन्होंने टीम को केवल एक टैस्ट मैच में ही जीत दिलाई. इसी दौरान वह कुछ विवादों से जुड़ गए उन पर मैच फिक्सिंग करने का आरोप लगाया था. जिसके चलते अगस्त 2000 में कपिल देव को इंडिया के कोच के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इनकी जगह पर राईट को कोच बनाया.

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कपल देव ने की संगठन की स्थापना (Kapil Dev ‘Khushi’) :

उन्होंने 2005 में खुशी नामक एक राष्ट्रीय सरकारी संगठन की स्थाप्ना करी और उस संगठन के अध्यक्ष बने. यह संगठन दिल्ली में कम विशेषाधिकृत बच्चो के लिये तीन विद्यालय चला रही है. 24 सितम्बर 2008 को उन्होंने भार्तीय प्रादेशिक सेना में भाग लिया और उन्हे लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में चुना गया. और 1982 मे पदमश्री, 1991 मे पदम् भूषण, 2002 मे विस्डन इंडियन क्रिकेट ऑफ द सेंचुरी और 2010 मे ICC cricket Hall of fame भी दिया गया था.

वर्ल्ड कप 1983 पर बन बनी फिल्म 83 (Film 83 on world cup 1983) :

भारत के इस पहले वर्ल्ड कप पर एक फिल्म भी बनाई गई है जिसका नाम ’83’ रखा गया. इस फिल्म में कपिल देव की भूमिका में रणवीर सिंह नजर आए हैं जबकि उनकी पहली रोमी भाटिया का किरदार दीपिका पादुकोण ने निभाया है. फिल्म को दर्शकों का काफी प्यरा भी मिला.   

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