जानिए भारत में कैसे आया 1 रूपए का नोट और उसे जुड़ीं रोचक बातें

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आज कल 10 से लेकर 2000 तक के नोट तो हमें मार्केट में बहुत ही आसानी से मिल जाते है लेकिन एक रूपए का नोट मिलना आज कल मुश्किल क्या यह नोट मिलना नामुमकिन होता है और यदि किसी को मिल भी जाए तो वह इस नोट को बहुत ही सहेज कर रखता है ताकि आगे जाकर अपनी पीढ़ी को बता सके की पहले इस प्रकार के नोट चला करते थे वही आज इस एक रूपए के नोट को पुरे 100 साल हो गए है इस लिए आज हम आप लोगो को बताने वाले है की कैसे से आया भारत में एक रूपए का नोट और उसे जुड़ीं रोचक बातें।

कागज़ के नोटों की शुरुआत :-

कागजो के नोट को सबसे पहले जारी किया बैक ऑफ़ हिन्दुस्तान द जनरल बैक ऑफ़ बंगाल एंड बिहार में शुरुआत में बैंक ऑफ़ बंगाल द्वारा जारी किए गए कागज़ के नोटों पे केवल एक तरह ही छपाई होती थी इस में सोने की एक मोहर बनी थी फिर बाद के नोट में एक बेलबूटा बना था जो की एक महिला आक्रति व्यापर का मानवीकरण दर्शाता था लेकिन यह नोट दोनों तरफ छपे होते थे जिसमे पीछे की तरफ बैंक की छाप होती थी करीब 1800 सदी के अंत तक नोटों के मूलभाव ब्रितानी हो गए और जाली बनने से रोकने के लिए इसमें कई तरह के और भी लक्षण जोड़े गए।

एक रूपए की शुरुआत :-

पहले विश्व युद्ध के दौरान जब देश में अग्रेजों की हुकूमत चलती थी उस समय एक रूपए का सिक्का चला करता था जो की चांदी का हुआ करता था परंतु युद्ध के चलते सरकार चांदी का सिक्का ढालने में असमर्थ हो गई और 1917 में पहली बार एक रूपए का नोट लोगो के सामने आया जिसे आज से सौ साल पहले 30 नवंबर 1917 को जारी किया गया था जिसमे ब्रिटेश के राजा जॉर्ज पंचम की तस्वीर छपी थी।

नोट को सिक्का भी कहा जाता था :-

पहले विश्व युद्ध के दौरान चांदी की कीमत बहुत ही बढ़ गई थी इस लिए जो पहला नोट छापा गया था उस पर एक रूपए के उसी पुराने चांदी के सिक्के की तस्वीर छपी थी तब से ही यह परंपरा बन गई की एक रूपए के नोट पर पुराने सिक्के की तस्वीर भी छपी होती है इस वजह से क़ानूनी भाषा में एक रूपए के नोट को उस समय

सिक्का भी कहा जाता था।

1 रूपए के नोट की रोचक बातें :-

• स्वंतत्र भारत में सबसे पहले छपने वाला नोट एक रुपए का था।

• भारतीय नोट पर उसकी कीमत 15 भाषाओं में लिखी जाती है।

• जब भारत सरकार ने अपनी मुद्रा का अवमूल्यन किया तो लेन-देन में एक रूपए के नोट की कीमत कम होगई।

• वैसे भारतीय मुद्रा में एक रूपए का नोट बहुत छोटा है लेकिन महत्वपूर्ण नोट है।

• इस पर वित्त मंत्री के हस्ताक्षर भी होते है लेकिन बाकी के नोटों को रिजर्व बैंक डिज़ाइन करती है।

• एक रूपए के नोट में चांदी के सिक्के की तस्वीर छपी होती थी इस लिए इस की छपाई में काफी खर्च आता था।

• लेन-देन में इसकी सख्यां बहुत ही कम है और इसी वजह से सग्रह करने वाले इसकी तलाश में रहते है।

• एक रूपए के नोट बहुत ज्यादा कीमत पर बेचे जाते है यहाँ तक की इसके कीमत हजारों में होती है।

• इसी साल में क्लासिकल न्युमिसमैटिक्स गैलरी में 1985 में छपा एक रूपए का नोट 2 लाख 75 हजार रूपए में बिका।

• टोडिवाला ऑक्शन में 1944 में छपा एक रूपए के 100 नोटों की एक गड्डी एक लाख 30 हजार रूपए में बिकी।

• भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट के अनुरूप इस नोट की छपाई को पहली बार 1926 में बंद किया गया है क्योकि इसकी लगत अधिक थी।

• इस नोट को भारतीय नोटों की तरह रिजर्व बैंक जारी नहीं करता है बल्कि भारत सरकार स्वंय इस की छपाई करती है।

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