M. Karunanidhi Biography : तमिलनाडू के अपराजित नेता एम करुणानिधि

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M. Karunanidhi Biography in Hindi –

जब कभी तमिलनाडु की राजनीति (tamil nadu politics) के बारे में बात की जाती है तो एम करूणानिधि (M. Karunanidhi) का नाम इसमें अपने-आप ही शामिल हो जाता है. एम करुणानिधि का पूरा नाम मुत्तुवेल करुणानिधि (Muthuvel Karunanidhi) था और वे भारतीय राजनीति का अहम हिस्सा होने के साथ ही तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister of Tamil Nadu M. Karunanidhi) भी थे. करुणानिधि तमिलनाडु के राजनैतिक दल द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK) के खास मेंबर भी थे.

एम करुणानिधि पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री (M. Karunanidhi 5 times chief minister of tamil nadu) रहे थे. और इसके साथ ही जब साल 1969 में राजनैतिक दल डीएमके के संस्थापक सी. एन. अन्नादुरई का निधन हुआ तो उन्हें इस दल का नेता बनाया गया था. एम करुणानिधि को तमिलनाडु का अपराजित नेता के नाम से भी जाना जाता था.

आज के इस आर्टिकल में हम एम करुणानिधि की बायोग्राफी (M. Karunanidhi Biography) या एम करुणानिधि की जीवनी (M. Karunanidhi Biography in hindi) से लेकर, एम करुणानिधि के राजनैतिक सफ़र और उनकी लाइफ से जुड़ी स्पेशल बातों पर गौर करेंगे. तो चलिए जानते हैं विस्तार से :

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एम करुणानिधि का शुरूआती जीवन :

मुत्तुवेल करुणानिधि का जन्म (M. Karunanidhi date of birth) 3 जून 1924 को तिरुक्कुवलई, मद्रास प्रैज़िडन्सी में हुआ था. इस समय देश गुलाम था और इस कारण ही इसे ब्रिटिश राज से भी जाना जाता था. उनके पिता का नाम मुथूवेल और माता का नाम अंजुगम था. करुणानिधि एक ईसाई वेलार समुदाय से बिलोंग करते थे. जबकि उनके पूर्वजों के बारे में बात करें तो वे तिरुवरूर के निवासी थे.

एम करुणानिधि का परिवार (M. Karunanidhi Family) :

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि एम करूणानिधि ने अपने जीवन में 3 बार शादियाँ की थी. करुणानिधि की पहली पत्नी का नाम पद्मावती था, जिनका देहांत शादी के कुछ समय बाद ही हो गया था. पद्मावती से उन्हें एक संतान है जिसका नाम एम के मुत्तु है.

जिसके बाद करुणानिधि ने दूसरी बार शादी की. उनकी दूसरी पत्नी का नाम आम्माल है. इनसे करुणानिधि को दो पुत्र और एक पुत्री प्राप्त हुए जिनके नाम अज़गिरी, स्टालिन और सेल्वी हैं. करुणानिधि की तीसरी पत्नी का नाम राजात्तीयम्माल है और उनसे एक पुत्री हैं जिनका नाम कनिमोझी है और वे एक राज्यसभा सांसद हैं.

एम करुणानिधि का राजनैतिक सफ़र (M. Karunanidhi Political Career) :

जब करुणानिधि महज 14 से 15 साल के थे तब वे एक बार अलगिरिस्वामी का भाषण सुनने गए थे. इस दौरान ही उन्हें स्वामी से प्रेरणा मिली और इसके बाद ही करुणानिधि ने अपना रुख राजनीति की तरफ कर लिया. राजनीति में आने के बाद करुणानिधि ने अपना एक अख़बार जिसका नामा ‘मनावर नेसन’ था का विमोचन किया.

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इसके बाद शुरू हुआ एम करुणानिधि (M. Karunanidhi) का राजनीति का सफ़र. करुणानिधि ने पहली बार साल 1957 में चुनाव लड़ा था और तमिलनाडु विधानसभा के विधायक बने. करूणानिधि को डीएमके का कोषाध्यक्ष भी बनाया गया था और इसके साथ ही साल 1962 के दौरान वे तमिलनाडु विधानसभा (Tamil Nadu Vidhan Sabha) में विपक्ष के उपनेता के रूप में भी काबिज रहे.

विधायक बनने के साथ ही करुणानिधि का नाम भी आगे बढ़ने लगा और इसके साथ ही साल 1967 के दौरान करुणानिधि ने सत्ता में भी कदम रख लिया. इस दौरान करुणानिधि को लोक निर्माण मंत्री बनाया गया. लेकिन साल 1969 के दौरान ही राजनैतिक दल डीएमके (DMK) के संस्थापक अन्नादुरई का निधन हुआ तो उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया.

करुणानिधि 5 बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे जोकि एक रिकॉर्ड है और इसके साथ ही 13 बार उन्होंने विधानसभा सदस्य का पद भी संभाला. अपने कार्यकाल के दौरान करुणानिधि ने राज्य में कई कामों को करवाया जिस कारण लोगों का ध्यान हमेशा उनकी तरफ ही रहा. उन्होंने अपने राज्य में सड़कों का निर्माण और पुलों का निर्माण करवाया और इसके साथ ही कई कार्यक्रम भी शुरू किए.

हालाँकि साल 2001 के दौरान करूणानिधि को भ्रष्टाचार (फ्लाईओवर)  के आरोप में अरेस्ट भी किया गया था. इस दौरान उनके साथ के. ए. नाम्बिआर और कई लोग शामिल थे. जिसके साथ ही उनकी पार्टी पर भी कई गंभीर आरोप लगाए गए.

साल 2004 के दौरान करुणानिधि ने तमिलनाडु और पुडुचेरी के लोकसभा चुनावों में डीएमके के नेतृत्व वाली पार्टी डीपीए का साथ दिया और इसके चलते ही वे दोनों राज्यों में 40 सीटों पर विजयी हुए. इसके बाद साल 2009 के दौरान करुणानिधि ने अपने दल के सांसदों की संख्या को 16 से 19 कर दिया और फिर से दोनों राज्यों में 28 सीटों पर जीत हासिल की.

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साल 2010 के दौरान आयोजित की गई विश्व क्लासिकल तमिल कॉन्फ्रेंस (world classical tamil confrence) का थीम सॉंग भी लिखा था जिसके लिए धुन का निर्माण एआर रहमान (A R Rehman) ने तैयार किया था. यही नहीं करुणानिधि के नाम कई सम्मान और अवार्ड मौजूद हैं. उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि से भी 2 बार नवाजा गया था.

करुणानिधि (M. Karunanidhi) पर उनके पार्टी के ही कुछ सदस्यों के अलावा उनके विरोधी नेताओं और कई राजनैतिक लोगों के द्वारा कुल पक्षपात को बधाबा देने के आरोप भी लगाए गए थे ओए यह कहा गया था कि वे एक राजनीतिक वंश का आरंभ करने की कोशिश कर रहे हैं. 

एम करुणानिधि एक राजनेता होने के साथ ही फिल्म लेखक, साहित्यकार भी रहे. इतना ही नहीं वे पत्रकार, प्रकाशक और कार्टूनिस्ट के प्रोफेशन में भी रहे. लेखक होते हुए करुणानिधि ने तमिल के लिए कई नाटक और पटकथा लिखीं. उनके चाहनेवाले उन्हें कलईनार (कलाकार) भी कहते थे.

करुणानिधि की लिखी पहली फिल्म ‘राजकुमारी’ काफी फेमस हुई. इसके अलावा करुणानिधि ने कई पटकथाओं अबिमन्यु, मंदिरी कुमारी, मरुद नाट्टू इलवरसी, मनामगन, देवकी, पराशक्ति, पनम, तिरुम्बिपार आदि के लेखन में भी अपनी कलम को चलाया.

तमिलनाडु में अपने कामों के चलते ही समर्थन करूणानिधि को भगवान की तरह मानते थे और उनकी पूजा करते थे.

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करुणानिधि का मुख्यमंत्री पद का कार्यकाल :

पहली बार – 1969 से 1971

दूसरी बार – 1971 से 1976

तीसरी बार – 1989 से 1991

चौथी बार – 1996 से 2001

पांचवी बार – 2006 से 2011.

एम करुणानिधि का निधन (M. Karunanidhi Death) :

तमिलनाडु की राजनीति के मुख्य चेहरे एम करुणानिधि का निधन 7 अगस्त 2018 को हुआ.

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