Mariyappan Thangavelu Biography – हादसे में गंवाया पैर लेकिन हौंसले से देश के लिए जीता गोल्ड मेडल

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Mariyappan Thangavelu Biography – दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम भारतीय एथलीट मरियप्पन थांगावेलू के बारे में बात करेंगे. मरियप्पन थांगावेलू की कहानी उन करोड़ो लोगों के सामने एक मिसाल है, जो जीवन में कोई हादसा होने के बाद निराश होकर बैठ जाते हैं. एक हादसे में अपना एक पैर गवां देने के बाद भी मरियप्पन थांगावेलू ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी मेहनत से रियो पैरालंपिक (2016) में पुरुषों की ऊंची कूद मुकाबले मेंदेश के लिए गोल्ड मेडल भी जीता. इसके अलावा साल 2021 में हुए टोक्यो पैरालंपिक में भी मरियप्पन थांगावेलू ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए रजत पदक अपने नाम किया.

दोस्तों आप यह तो जान ही चुके होंगे कि मरियप्पन थांगावेलू कौन है? (Who is Mariyappan Thangavelu) आगे इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि मरियप्पन थांगावेलू के जीवन में किस तरह से हादसा हुआ और कैसे उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर भारत का नाम रोशन किया. तो चलिए शुरू करते है मरियप्पन थांगावेलू का जीवन परिचय.

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मरियप्पन थांगावेलू जीवनी (Mariyappan Thangavelu Biography)

मरियप्पन थंगावेलु का जन्म 28 जून, 1995 को तमिलनाडु के सलेम ज़िले में हुआ था. मरियप्पन थंगावेलु का परिवार बेहद गरीब था. उनकी माता सरोजा देवी ईंट उठाने का काम करती थीं. बाद वह सब्जी बेचने का काम करने लगी.

मरियप्पन थंगावेलु जब 5 साल के थे तब एक दुर्घटना में मरियप्पन थंगावेलु का पैर कट गया. एक इंटरव्यू के दौरान मरियप्पन थंगावेलु ने बताया था कि उस बस का चालक नशे में था. मरियप्पन के सतह हुए उस हादसे के बाद उनकी माँ और भाई ने मजदूरी करके उनका पालन-पोषण किया. घर की जिम्मेदारी निभाने के लिए मरियप्पन के बड़े भाई टी कुमार को अपनी पढ़ाई छोड़ना पड़ी.

अपने साथ हुए हादसे के बाद मरियप्पन ने हिम्मत नहीं हारी और अपना ध्यान पढ़ाई पर लगाया. स्नातक की पढ़ाई के दौरान मरियप्पन के टीचर ने मरियप्पन थंगावेलु के अंदर छिपे एथलीट को पहचाना और उन्हें एथलीट बनने के लिए प्रेरित किया. इसके बाद मरियप्पन ने द्रविड प्रशिक्षक सत्या नारायण से मदद ली और ट्रेनिंग शुरू कर दी.

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मरियप्पन को शुरुआत में वॉलीबॉल खेलना अच्छा लगता था. एक पैर ख़राब होने के बावजूद वह वॉलीबॉल खेलते थे. बाद में उनकी टीचर ने उन्हें ऊंची कूद में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया. दिव्यांग होते हुए भी मरियप्पन ने सामान्य एथलीट के साथ ऊंची कूद प्रतियोगिता में भाग लिया और दूसरा स्थान प्राप्त किया. इसके बाद मरियप्पन ने स्कूल और कॉलेज स्तर पर कई मेडल जीते.

धीरे-धीरे मरियप्पन का सफर आगे बढ़ता रहा. मरियप्पन ने अपने बेहतरीन खेल के बदौलत साल 2016 में हुए रियो पैरालंपिक में भारतीय टीम में अपनी जगह बना ली. इसके बाद उन्होंने रियो पैरालंपिक में ऊंची कूद प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. उनके इस प्रदर्शन के लिए उन्हें बाद में खेल रत्न पुरस्कार के लिए चुना गया था. वहीं उनके प्रदर्शन से खुश होकर केंद्र सरकार ने उन्हें 75 लाख रूपए और तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता ने 2 करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी.

इसके बाद मरियप्पन थंगावेलु ने साल 2021 में टोक्यो पैरालंपिक में ऊंची कूद (स्पोर्ट्स क्लास T42) स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किया.

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